रीता तिवारी कोलकाता

रीता तिवारी कोलकाता
जहां शोक बन जाती है गंगा, पद्मा और तिस्ता
Posted on 10 Feb, 2011 01:05 PM

मालदा के केबी झाऊबन ग्राम पंचायत के तहत रहने वाले अहमद के परिवार के पास वर्ष 1971 में सौ बीघे जमीन थी। लेकिन हर साल बदलते गंगा के बहाव की वजह से होने वाले भूमिकटाव के चलते धीरे-धीरे उसकी जमीन नदी के पेट में समाती गई और आज उनके पास एक इंच जमीन भी नहीं बची है। दस साल पहले वर्ष 2000 में उसके पास जमीन का जो टुकड़ा और मकान बचा था, वह भी गंगा ने लील लिया। तबसे वह हर साल अपना ठिकाना बदलता रहा है। फ
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