प्रयागराज जिला

Term Path Alias

/regions/allahabad-district

भरपूर बजट फिर भी उजली नहीं हुई गंगा
Posted on 22 Sep, 2017 10:36 AM
उत्तर प्रदेश से लेकर बंगाल की खाड़ी तक मैली हो चुकी गंगा की सफाई के लिये हजारों करोड़ का बजट होने के बावजूद वह उजली क्यों नहीं हो पा रही है।
फलों को कृत्रिम रूप से पकाना
Posted on 28 Aug, 2017 11:39 AM

फलों का पकना एक अपरिवर्तनीय क्रिया है जिसमें क्रमबद्ध तरीके से शारीरिक क्रिया, जैव रासायन

सिक्के के दो पहलू हैं गंगा एवं भारत
Posted on 09 Aug, 2017 03:51 PM
सदियों से गंगा मानव जाति को जीवन जीने की कला सिखा रही है। मनीषियों ने गंगा को देव संस्कृति का जीवंत प्रतीक कहा है। उनके अनुसार गंगा संवेदनों का जीवंत स्वरूप है। वास्तव में गंगा केवल जल नहीं, पूरा हिंदुस्तान उसमें दिखाई देता है। यह अद्भुत साम्य है कि पवित्रता की श्खिर गंगा के स्वर्ग से अवतरण और गायत्री जयंती की तिथि एक ही है, या यूँ कहें कि एक ही महासत
हजारों करोड़ बहा दिये, गंगा फिर भी मैली
Posted on 18 Apr, 2017 09:29 AM

नदियों को प्रदूषण-मुक्त कराने में नागरिक और सामाजिक संगठनों के प्रयास ज्यादा सार्थक सिद्ध

जल प्रदूषण निवारण एवं जनता की भूमिका (Water pollution prevention and public role)
Posted on 06 Mar, 2017 01:38 PM
‘जल ही जीवन है।’ यह कथन आदिकाल से चला आ रहा है। सृष्टि की उत्पत्ति के जो मूलभूत पाँच तत्व कहे गए हैं, उनमें जल का महत्त्व सर्वोपरि है क्योंकि यही रस रूप होकर प्राणियों को जीवन प्रदान करता है। जीवन को निरोग एवं स्वच्छ रखने के लिये जल की शुद्धता बरकरार रखनी आवश्यक है। गंगा आदि नदियों में स्नान का जो महात्म्य हमारे धर्म-ग्रन्थों में वर्णित है, उसके मूल में तथ्य यह है कि गंगा के जल में हिम
जैव-प्रौद्योगिकी : खतरे की आहट भी
Posted on 10 Dec, 2016 03:30 PM
वैश्विक स्तर पर जैव-प्रौद्योगिकी की वर्तमान प्रगति को देखते हुए तो ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान सहस्त्राब्दी ‘बायोटेक मिलेनियम’ होगी, क्योंकि असंख्य एवं अपार मनु-पुत्रों की क्षुधा शांति, स्वास्थ्य एवं जीवन रक्षा में निश्चय ही जैव-प्रौद्योगिकी की निर्णायक भूमिका रहेगी। परंतु, जैव-प्रौद्योगिकी के कई विवादित पहलू भी बन गए हैं।
ग्रामीण भूजल कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम
Posted on 10 Dec, 2016 03:24 PM
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के व्याख्यान संकुल सभागार में केंद्रीय भूजल बोर्ड की तरफ से गत 21-12 नवंबर को ग्रामीण भूजल संभरण विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के लगभग दो सौ छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। 22 नवम्बर को दीप प्रज्वलन के बाद, उद्घाटन भाषण में मुख्य अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलसचिव औ
कहाँ जन्मा था पहला जीव
Posted on 10 Dec, 2016 03:16 PM
विज्ञान के अब तक के सभी प्रयासों के बावजूद पृथ्वी के बाहर किसी स्थान पर जीवन होने की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। पृथ्वी पर एक कोशिकीय, बहुकोशिकीय, कवक, पादप, जंतु आदि लाखों प्रकार के जीव पाए जाते हैं मगर वैज्ञानिक इस बात पर सहमत हैं कि इन सब का प्रथम पूर्वज एक ही था। आज भी इस प्रश्न का उत्तर जानना शेष है कि सभी जीवों का प्रथम पूर्वज पृथ्वी पर ही जन्मा था या किसी अन्य खगोलीय पिण्ड से पृथ्वी
ड्रैकुला आर्किड्स : फूल या बंदर
Posted on 10 Dec, 2016 03:05 PM
साधारण तौर पर जब भी हमें खतरनाक चीज दिखाई देती है तो हम उसे ड्रैकुला का नाम दे देते हैं। लेकिन जरा सोचिए कि अगर कोई फूल हो और उसे ड्रैकुला कहा जाये तो कैसा लगेगा। सामान्यत: हम फूल को कोमल और लुभावना समझते हैं। परंतु, वास्तव में ये एक प्रकार के फूल हैं जिन्हें ड्रैकुला कहा जाता है, और जब इन फूलों की शक्ल बंदर जैसी हो तो इन्हें ‘मंकी फ्लावर’ कहा जाता है। फूलों को लेकर हर व्यक्ति की अपनी-अपनी प
×