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पन्ना जिला
पन्ना जिले के तालाब
Posted on 26 Jun, 2016 03:47 PMपन्ना जिला पहाड़ी, पठारी, ऊँचा-नीचा टौरियों एवं घाटियों वाला जंगली क्षेत्र है। यहाँ विन्ध्य, कैमूर
प्रणामियों की गंगा भी हो गई मैली
Posted on 11 Dec, 2015 12:35 PMआज भी इस सम्प्रदाय के मानने वाले श्रद्धालु जब यहाँ आते हैं तो वे स्नान, आचमन के साथ–साथ इसका जल
परंपरागत बीजों का भंडारण
Posted on 13 Apr, 2013 03:21 PMविकास की बयार से खेती खूब प्रभावित हुई। लोग हइब्रिड बीजों एवं आधुनिक खेती की ओर आकर्षित हुए परंतु धीरे-धीरे विकास ने विनाश का रूप धारण किया और इन बीजों से लागत बढ़ती गई व उपज घटती गई, तब लोगों ने पुनः परंपरागत बीजों के भण्डारण की ओर रूख किया।परिचय
बुंदेलखंड: कछु नई बचो राम रे...!
Posted on 11 Apr, 2013 10:26 AMबुंदेलखंड आने वाले कल की भयावह तस्वीर आज हमारे सामने लाकर हमें चेताने का प्रयास कर रहा है, लेकिन हम यक्ष द्वारा युधिष्ठिर से पूछे गए प्रश्न कि दुनिया का सबसे बढ़ा आश्चर्य क्या है कि उत्तर को ही यथार्थ मान बैठे हैं कि सब कुछ नष्ट हो जाएगा तब भी हम बचे रहेंगे। इस दिवास्वप्न को झकझोरने की कोशिश लगातार जारी है, लेकिन शुतुरमुर्ग की मानसिकता हम सब में समा गई है।एक बड़ा सवाल है कि बुंदेलखंड में क्या वास्तव में जलवायु परिवर्तन ने दस्तक दे दी है? कुछ शोध और अध्ययन सामने आए हैं जो कहते हैं कि कहीं कुछ गर्म हो रहा है और जिसके चलते ज़मीन पर भी कुछ असर दिखने लगा है। युनाइटेड नेशंस इंस्टीट्यूट फॉर ट्रेनिंग एंड रिसर्च (संयुक्त राष्ट्र प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान) के अनुसार इस सदी के अंत तक बुंदेलखंड का तापमान 2 से 3.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा। डेवलपमेंट आल्टरनेटिव की रिपोर्ट के अनुसार सन् 2030 तक ही बुंदेलखंड में तापमान बढ़कर 1.5 डिग्री तक बढ़ जाएगा। वहीं पुणे स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मिटियॉरलजी (भारतीय उष्ण देशीय मौसम विज्ञान संस्थान) के मुताबिक बुंदेलखंड अंचल में शीतकालीन वाष्पीकरण घटकर 50 फीसदी से भी कम रह जाएगा। ऐसी स्थिति में खरीफ की फसल को नुकसान होगा और ज़मीन पैदावार भी कम देगी। शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसा ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से हो रहा है। इसके चलते अरब सागर के ऊपर का तापमान बढ़ रहा है।सूखे बुंदेलखंड में नहीं मिलेगा पानी
Posted on 19 Mar, 2013 11:34 AMइंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटिरियोरोलॉजी इंस्टीट्यूट का अध्ययन कहता है कि वर्ष 2100 तक बुंदेलखंड अंचल में श
मंगल सिंह का मंगल कार्य
Posted on 18 Jun, 2012 02:58 PMपानी उठाने के अलावा जलचक्र मशीन से अन्य अनेक ग्रामीण कार्य जैसे आटा पिसाई, गन्ना पिराई, फसल गहाई, तेल प्रसंस्करण
किलकिला नदी का उद्गम पन्ना जिले की बहेरा के निकट छापर टेक पहाड़ी से हुआ
Posted on 31 Mar, 2012 09:38 AMचोंपड़ा मंदिर वह पुरातन स्थल है जहाँ महाराजा छत्रसाल जी ने प्राणनाथ जी को पूर्ण ब्रह्मस्वरूप मानकर किलकिला नदी क
बुंदेलखण्ड का विकास, सूखा और पैकेज
Posted on 11 Aug, 2011 09:48 AM42 यहां जंगल का जो अनुपात है महज 8 प्रतिशत है वह अब बढ़कर 10 साल में राज्य के औसत के बराबर हो जायेगा। यहां के पारम्परिक तालाब और जल संरचना पुर्नजीवित हो जायेगी, यह स्पष्ट होना चाहिये। जरूरी है कि इस इलाके के जल, जंगल और जमीन को नुकसान पहुंचाने वाले हर कार्यक्रम पर प्रतिबंध हो ताकि विनाश के रास्ते हम विकास की ओर न बढ़ें।
बुंदेलखण्ड की महागाथा हमें जो संदेश बार-बार दे रही है, उस संदेश के पकड़ने के लिये हमारा राजनैतिक नेतृत्व बिल्कुल तैयार नहीं दिखता है। बुंदेलखण्ड ने अपना इतिहास आप गढ़ा है। यही एक मात्र ऐसा इलाका था जो मुगल साम्राज्य के अधीन नहीं रहा क्योंकि प्राकृतिक संसाधनों और बुनियादी जरूरतों जैसे अनाज-पानी-पर्यावरण के मामलों में यह आत्मनिर्भर राज्य था। इसी आत्मनिर्भरता ने बुंदेलखण्ड को स्वतंत्र रहने की ताकत दी। आज बुंदेलखण्ड के बारे में देश चिंतित हो गया है क्योंकि अपनी जीवटता से पनपा यह इलाका पिछले एक दशक में ज्यादातर साल सूखे की चपेट में रहा। यह सूखा पानी का नही जनकेंद्रित विकास के नजरिये के अभाव का है। यह एक राजनैतिक सवाल बना, जिसका जवाब एक विशेष आर्थिक पैकेज में खोजा गया। कुछ ही दिनों पहले निर्णय हुआ है कि मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड इलाके को इस विशेष पैकेज के तहत 3627 करोड़ रुपए जैसी भारी भरकम राशि दी जा रही है।
पैकेज को पलीता
Posted on 02 Jun, 2011 10:15 AM• केस नंबर 1- टीकमगढ़ जिले के बलदेवगढ़ विकासखंड का ग्राम खरो। एक आदिवासी ने बदहाली से तंग आकर अपनी पत्नी और दो बच्चों को मारने के बाद खुदकुशी कर ली। उसके पास जॉब कार्ड तक नहीं था।बुंदेलखंड में पानी के लिए जा रही लोगों की जान
Posted on 26 Apr, 2011 02:43 PMछत्रसाल की इस वीर भूमि पर पहले ताकत के लिए खून बहता था। पर अब पानी के लिए खून बहना शुरू हो गया