नदियां

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छोटी नदियों के कायाकल्प में उपग्रह डेटा की भूमिका
Satellite Image of Choti Saryu River.
भूविज्ञान विभाग, केंद्रीय विश्वविद्यालय दक्षिण बिहार, (सीयूएसबी) गया
पिछले कुछ दशकों के दौरान यह देखा गया है कि अधिकांश छोटी नदी और उनकी सहायक नदियाँ जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और अधिक आबादी एवं अतिरिक्त भूजल शोषण और नदी मार्ग या इसके जल-ग्रहण क्षेत्र के साथ निर्मित भूमि की बड़ी मात्रा में वृद्धि के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं। जलविज्ञानी योजनाकारों पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं जैसे निर्णय निर्माताओं के बीच जल संसाधन को समझना और प्रबंधित करना और छोटी नदियों की पारिस्थितिकी और प्रवाह को बनाए रखना बहुत चुनौतीपूर्ण है।
Posted on 31 May, 2023 05:01 PM

नदी चैनल की पहचान परिसीमन और प्रबंधन से तात्पर्य नदियों, तालाब, झीलों की आर्द्रभूमि फसल पैटर्न भूमि उपयोग प्रथाओं भू आकृति विज्ञान और क्षेत्र के भूविज्ञान सहित इलाके की सभी सतह विशेषताओं के आकलन से है।क्योंकि वे बड़ी नदियों को जिन्दा रखती हैं। इस बहुमूल्य स्रोत की रक्षा और छोटी नदियों के कायाकल्प और पैलियो चैनलों की पहचान के लिए वैश्विक स्तर पर बड़ी संख्या में अनुसंधान और जल प्रबंधन पहल चल रही

छोटी नदियों के कायाकल्प में उपग्रह डेटा की भूमिका Pc-सरजू विकिपीडिया
पर्यावरण संवारती भारत की नदियां
अपनी कई सहायक नदियों के साथ भारत की नदी प्रणाली का निर्माण करती हैं। अधिकांश नदियां अपना जल बंगाल की खाड़ी में गिराती हैं। कुछ नदियों के प्रवाह उन्हें देश के पश्चिमी भाग से होते हुए और हिमाचल प्रदेश राज्य के पूर्व की ओर अरब सागर में ले जाते हैं। भारत की सभी प्रमुख नदियां तीन मुख्य जलसंभरों में से एक से निकलती है। भारत की नदियों को उत्पत्ति के आधार पर और उनके द्वारा बनाए गए बेसिन के प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। Posted on 14 Apr, 2023 01:43 PM

भारत की नदियां भारतवासियों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। नदियां हमें सिंचाई व पीने योग्य पानी, सस्ता परिवहन और बिजली प्रदान करती हैं। यह प्राकृतिक संसाधन पूरे देश में बड़ी संख्या में लोगों को आजीविका प्रदान करता है। यह महत्वपूर्ण बात है कि भारत के लगभग सभी प्रमुख शहर नदी के किनारे ही स्थित हैं। नदियां जीवनदायिनी होती हैं। प्रस्तुत लेख में लेखक ने भारत की प्रमुख नदियों, उनके प्राकृति

भारत की नदियां,PC-indianetzone
आइये, हम खुद लिखें एक निर्मल कथा  
नदी प्रदूषण मुक्ति असरकारी कार्ययोजना का सबसे पहला काम है अक्सर जाकर अपनी नदी का हालचाल पूछने का यह काम अनायास करते रहें। अखबार में फोटो छपवाने या प्रोजेक्ट रिपोर्ट में यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट लगाने के लिए नहीं, नदी से आत्मीय रिश्ते बनाने के लिए यह काम नदी और उसके समाज में उतरे बगैर नहीं हो सकता। नदी और उसके किनारे के समाज के स्वभाव व आपसी रिश्ते को भी ठीक-ठीक समझकर ही आगे बढ़ना चाहिए। नदी जब तक सेहतमंद रही,उसकी सेहत का राज क्या था? Posted on 14 Apr, 2023 12:47 PM

नदी प्रदूषण मुक्ति असरकारी कार्ययोजना का सबसे पहला काम है अक्सर जाकर अपनी नदी का हालचाल पूछने का यह काम अनायास करते रहें। अखबार में फोटो छपवाने या प्रोजेक्ट रिपोर्ट में यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट लगाने के लिए नहीं, नदी से आत्मीय रिश्ते बनाने के लिए यह काम नदी और उसके समाज में उतरे बगैर नहीं हो सकता। नदी और उसके किनारे के समाज के स्वभाव व आपसी रिश्ते को भी ठीक-ठीक समझकर ही आगे बढ़ना चाहिए। नदी जब तक

गंगा में प्रदूषण,Pc-Flicker IWP
पर्यावरण प्रवाह: विकास एवं नदी जीवन के मध्य समझौता
भारत में औसत वार्षिक वर्षों की 90 प्रतिशत से अधिक वर्षा वर्षा के चार महीनों (जून से सितम्बर) की अवधि के दौरान होती है तथा वर्षा का वितरण बेहद असमान है और स्थानिक रूप में इसमें बहुत अधिक भिन्नता है। जिसके कारण वर्ष भर विभिन्न क्षेत्रों की पानी की मांग को पूरा करना अत्यधिक कठिन है। Posted on 10 Apr, 2023 11:37 AM

17 अप्रैल, 2017 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी) ने केंद्र से यह स्पष्ट करने को कहा कि गंगा नदी में निर्वाध जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उसमें न्यूनतम पर्यावरण प्रवाह क्या होना चाहिए। शीर्ष पर्यावरण नियामक ने यह भी कहा कि जब तक पानी को अत्यधिक निकाले जाने और प्रदूषकों को उसमें बहा दिये जाने पर नियंत्रण नहीं लगाया जाता, तब तक गंगा को पूर्णरूपेण उसके असली रूप में वापस नहीं लाया जा सकेगा। र

पर्यावरण प्रवाह: विकास एवं नदी जीवन के मध्य समझौता,Pc-HT
पानी की कमी से जूझते देशो की सूची में भारत 13वें स्थान पर
एक व्यक्ति को प्रतिदिन औसतन 30 से 50 लीटर स्वच्छ जल की आवश्यकता होती है लेकिन हमारे देश में करीब 88 करोड़ लोगों को जरूरत का 10 प्रतिशत हिस्सा भी नहीं मिल पाता। Posted on 28 Mar, 2023 02:48 PM

पानी को बचाने के लिए और उसे पीने लायक बनाए रखने के लिए विश्व में हर देश अपने स्तर पर कुछ न कुछ योजनाएं चला रहे है।  पिछले कुछ समय में देखा गया है कि पीने के पानी की तादाद में गिरावट आई है।एक व्यक्ति को प्रतिदिन औसतन 30 से 50 लीटर स्वच्छ जल की आवश्यकता होती है लेकिन हमारे देश में करीब 88 करोड़ लोगों को जरूरत का 10 प्रतिशत हिस्सा भी नहीं मिल पाता यानी इस बात से यह तो साफ़ हो गया है कि लोगो को कम मा

पानी की कमी से जूझते देशो की सूची में भारत 13वें स्थान पर (Pc-Patrika)
इजराइल : जल अनैतिकता और अन्याय ही विस्थापन, विश्वयुद्ध को बुला रहा है
अनैतिकता और अन्याय करके जल प्रसिद्धि प्राप्त करने वाला देश इजराइल है। इसने जॉर्डन नदी के जल पर, जॉर्डन देश के साथ जल समझौता तो 26 फरवरी 2015 को किया है। इससे पहले तो अपने पड़ोसी देशों के जल पर कब्जा किए ही था। उसी में कुछ फेर-बदल करके अभी दबाव का समझौता जॉर्डन से कर लिया है। फिलिस्तीन अब भी इजराइल से ही जल खरीद कर जीता है। फिलिस्तीनी इसके डर से लाचार-बेकार बनकर अपना देश छोड़ने हेतु मजबूर हैं। जॉर्डन और फिलिस्तीन के विस्थापन का मूल कारण इजराइल की तकनीक है। यह इसे दुनिया को बेचकर पैसे वाला बन गया और फिर पड़ोसी देशों की जॉर्डन नदी के जल पर ही पूरा कब्जा करके दुनिया में अपने आप पानीदार बन गया। जॉर्डन और फिलिस्तीन को बेपानी बनाकर उन्हीं का जल अपने मनमाने भाव पर बेचकर पैसे वाला भी बना है। पैसा और प्रसिद्धि भी पा ली है। यह सब अनैतिक तकनीक से मिली है। इसकी अनैतिकता ने स्वयं को स्वयंभू बना लिया है। पड़ोसियों को उजाड़ दिया है। Posted on 25 Jan, 2023 12:13 PM

अनैतिकता और अन्याय करके जल प्रसिद्धिऔर पैसा प्राप्त करने वाला देश इजराइल है। इसने जॉर्डन नदी के जल पर, जॉर्डन देश के साथ जल समझौता तो 26 फरवरी 2015 को किया है। इससे पहले तो अपने पड़ोसी देशों के जल पर कब्जा किए ही था। उसी में कुछ फेर-बदल करके अभी दबाव का समझौता जॉर्डन से कर लिया है। फिलिस्तीन अब भी इजराइल से ही जल खरीद कर जीता है। फिलिस्तीनी इसके डर से लाचार-बेकार बनकर अपना देश छोड़ने हेतु मजबूर

स्वाल यात्रा
नदियों की प्रदूषण मुक्ति का हो संकल्प
Posted on 04 Nov, 2010 09:34 AM

हवा-पानी व खाद्य पदार्थों में घुल-मिल रहे प्रदूषण से हम ही नहीं, बल्कि दुनिया के अधिसंख्य देश जूझ रहे हैं।



दुनिया का सबसे शक्तिशाली अमेरिका भी इससे अछूता नहीं है। मिसीसिपी अमेरिका की सबसे लंबी नदी है। 'गल्फ ऑफ मैक्सिको' व उसके आसपास के इलाके में आयल इंडस्ट्री, मेडिसिन व अन्य उद्योगों के खतरनाक रासायनिक उत्प्रवाह ने मिसीसिपी को जहरीला बना दिया है और इसके आसपास की बड़ी आबादी कैंसर जैसे घातक रोग की गिरफ्त में है। यही स्थिति अमेरिका की एक अन्य नदी कलोराडो की भी है। अमेरिका के सोसल सांइटिस्ट मानते हैं कि जल प्रदूषण को खत्म करने के लिए मौजूदा समय में किए जा रहे उपाय नाकाफी हैं।

दम तोड़ती दुनिया की बड़ी नदियां
Posted on 03 Nov, 2010 10:12 AM


दुनिया के बहुत से बड़े शहर नदियों के किनारे ही आबाद है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि साफ और ताजा पानी जीवन के लिए सबसे जरूरी तत्वों में से एक है। लेकिन नदियों का यही गुण उनके विनाश का कारण बन रहा है।

जर्मनी को जानिए जल से, जहाज़ से
Posted on 03 Nov, 2010 09:49 AM


जर्मनी में यूं तो तेज़ रफ़्तार ट्रेनें और सस्ती एयरलाइंस भी हैं लेकिन नदी की धारा और उस पर हिचकोले खाते हुए आगे बढ़ने वाले जहाज़ में बैठने का मज़ा सबसे निराला है। आपको इतिहास भी दिखेगा, तकनीक भी और संस्कृति भी।

आप जर्मनी को जानना चाहते हैं और आप पैदल चलकर अपने पांवों को दर्द में कांपते नहीं सह सकते। बसों और ट्रामों की यात्राओं से उकता गए हैं। साइकल से भी सवारी के पक्ष में कतई नहीं। तो चिंता किस बात की। आपके लिए एक विकल्प है, एक शाही विकल्प।

राइन नदी में आवाजाही
Posted on 03 Nov, 2010 09:34 AM


जर्मनी में यूं तो कई नदियां हैं पर छह नदियां प्रमुख हैं। इनमें राइन भी हैं। जिसे फादर राइन कहा जाता है। जर्मनी में नदियों पर बड़े बड़े जहाज़ भी चलते हैं, सैर सपाटे के लिए क्रूज़ भी और उनके साथ ही चलता है इतिहास भी।

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