पानी की कमी से जूझते देशो की सूची में भारत 13वें स्थान पर

पानी की कमी से जूझते देशो की सूची में भारत 13वें स्थान पर (Pc-Patrika)
पानी की कमी से जूझते देशो की सूची में भारत 13वें स्थान पर (Pc-Patrika)

पानी को बचाने के लिए और उसे पीने लायक बनाए रखने के लिए विश्व में हर देश अपने स्तर पर कुछ न कुछ योजनाएं चला रहे है।  पिछले कुछ समय में देखा गया है कि पीने के पानी की तादाद में गिरावट आई है।एक व्यक्ति को प्रतिदिन औसतन 30 से 50 लीटर स्वच्छ जल की आवश्यकता होती है लेकिन हमारे देश में करीब 88 करोड़ लोगों को जरूरत का 10 प्रतिशत हिस्सा भी नहीं मिल पाता यानी इस बात से यह तो साफ़ हो गया है कि लोगो को कम मात्रा में स्वच्छ जल मिल रहा है। जिससे उनमें कई प्रकार के रोग पनप रहे होंगे। जो वाकई में देश के लिए एक चिंता का विषय है एक रिसर्च के मुताबिक नदियाँ पीने का पानी का सबसे बड़ा स्रोत है। लेकिन विकास की इस अंधी दौड़ में अब वो भी प्रदूषित एवं सिकुड़ती जा रही है।  

कारखानों के गंदे पानी का कचरा और मलवा फेके जाने से नदियाँ दिन प्रतिदिन प्रदूषित होती जा रही है और सरकारें इससे निपटने के लिए कई उपाय खोज रही है। लेकिन अभी तक उन्हें असफलता ही हाथ लगी है प्रदूषित होती इन नदियों से देशभर में बहुत से लोगो को कई गंभीर बीमारियों से जूझना पड़ रहा है। अगर बड़े पैमाने पर आप देखेंगे तो देशभर में लाखो होटल्स और अस्पताल है जहाँ देश के पीने  के  पनी का एक बहुत बड़ा हिस्सा खर्च किया जाता है अस्पतालों को अगर छोड़ भी दे तो आलिशान होटलों  में पानी की बर्बादी किसी से छिपी नहीं है अगर एक इंसान करीब पंद्रह मिनट तक शावर का इस्तेमाल करता है तो वो करीब 150 लीटर पानी खर्च कर देता है और यही पानी अगर आप घर पर नहाने के लिए इस्तेमाल करेंगे तो ये आंकड़ा आधे से भी आधा हो जाएगा।  घर पर नहाने में हम आमतौर पर करीब 30 लीटर पानी का इस्तेमाल करते है और यही आकंड़ा होटलो में जाने के बाद तीन गुना बढ़ जाता है।  

पानी की बर्बादी में सिर्फ होटल जैसे व्यवसायों का ही योगदान नहीं है बल्कि हम भी अपने घरो में रोज सैंकड़ो लीटर पानी बर्बाद कर देते है अगर देखा जाये तो इमरतो और घरों  की छतों पर हजरों लीटर की टंकी मौजूद होती है और उसमें हम सैकड़ो लीटर पानी की बर्बादी उस वक्त कर देते है जब टंकी भरने के बाद भी रोज कई मिनट तक मोटर चलती रहती है। ऐसी  ही लापरवाही देश में मौजूद  बहुत से लोग प्रतिदिन करते है यही नहीं कई बार हम नल भी खुला छोड़ देते है जिससे भी भी सैकड़ो लीटर पानी बर्बाद हो जाता है।  

पानी की कमी को देखते हुए और इसके सरंक्षण के लिए कुछ चीज़े आज बाजार में आ चुकी है जैसे लोकल मार्केट में बड़ी आसानी से आपको पानी बचाने वाले शावर हेड्स या पानी के फ्लो को नियंत्रण करने वाले उपकरण मिल जाएंगे। उन्हें अपने शावर या वॉशबेसिन के नल में इंस्टॉल करवाएं जिससे पानी का फ्लो कम हो जाएगा। ऐसा करके भी आप हर मिनट सैकड़ों लीटर पानी बचा सकते है।  इस वक़्त विश्व में 17 ऐसे देश है जो सबसे ज्यादा पानी के संकट से जूझ रहे है जिनमे भारत 13 वे नंबर पर आता है अगर हमने पानी की बर्बादी पर अंकुश नहीं लगाया तो जल्द ही हम पहले नंबर पर पहुंच जाएंगे इसलिए जरूरी है की प्रकृति ने भारत को जो पानी के स्त्रोत के रूप में नदियां उपहार में दी है उनका सरंक्षण सही तरह से किया जाये।  

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Post By: Shivendra
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