समय डॉट लाइव

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गहराता जलवायु संकट, झगड़ती दुनिया
Posted on 09 Nov, 2011 12:00 PM

घर में अगर भाड़ जल रहा हो तो अगरबत्तियाँ बुझाने से धुआँ कम नहीं होता। दुनिया को इस बात का भी अह

सेबों से बनेगी खाद
Posted on 09 Aug, 2011 03:12 PM

हिमाचल प्रदेश सरकार बर्बाद सेबों का उपयोग खाद बनाने के लिए करेगी। किसानों से खरीदे गये सेबों में से संग्रहण केन्द्रों पर 10 प्रतिशत से भी ज्यादा सेब सड़ जाते हैं। बागवानी विभाग के निदेशक गुरूदेव सिंह ने बताया कि प्रदेश का बागवानी विभाग सड़ रहे सेबों से खाद (उर्वरक) बनाने के मकसद से तकनीकी सहयोग के लिए वाइ एस परमार बागवानी और वन विभाग के साथ संपर्क में है।

बनाएं पर्यावरण अनुकूल घर
Posted on 02 Nov, 2010 09:37 AM

प्राचीन काल में हमारी वास्तुकला काफी उन्नत थी।
देश को चाहिए स्वास्थ्य का अधिकार
Posted on 09 Nov, 2010 10:33 AM

हाल ही में राजस्थान में डिप्थीरिया (गलघोंटू) के कारण 50 दिनों में 29 बच्चों की मौत हो गई।
जैव विविधता की रीढ़ को खतरा
Posted on 06 Nov, 2010 08:47 AM
[img_assist|nid=25855|title=|desc=|link=none|align=left|width=199|height=88]गत 19 से 29 अक्टूबर को आयोजित संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन में 192 देशों ने भाग लिया।

सम्मेलन में प्रजाति जीव आयोग के अध्यक्ष साइमन स्टुअर्ट ने अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के माध्यम से जानकारी दी कि रीढ़ की हड्डी वाले जीवों पर किये गये अनुसंधानों से पता चलता है कि प्रकृति की रीढ़ खतरे में है। आज दुनिया में अनेक स्तनधारी, पक्षी, उभयचर, सरीसृप और मछलियां समाप्ति के कगार पर हैं। इस संबंध में दुनिया के तीन हजार वैज्ञानिकों ने लाल सूची तैयार की है।
नदियों की प्रदूषण मुक्ति का हो संकल्प
Posted on 04 Nov, 2010 09:34 AM

हवा-पानी व खाद्य पदार्थों में घुल-मिल रहे प्रदूषण से हम ही नहीं, बल्कि दुनिया के अधिसंख्य देश जूझ रहे हैं।



दुनिया का सबसे शक्तिशाली अमेरिका भी इससे अछूता नहीं है। मिसीसिपी अमेरिका की सबसे लंबी नदी है। 'गल्फ ऑफ मैक्सिको' व उसके आसपास के इलाके में आयल इंडस्ट्री, मेडिसिन व अन्य उद्योगों के खतरनाक रासायनिक उत्प्रवाह ने मिसीसिपी को जहरीला बना दिया है और इसके आसपास की बड़ी आबादी कैंसर जैसे घातक रोग की गिरफ्त में है। यही स्थिति अमेरिका की एक अन्य नदी कलोराडो की भी है। अमेरिका के सोसल सांइटिस्ट मानते हैं कि जल प्रदूषण को खत्म करने के लिए मौजूदा समय में किए जा रहे उपाय नाकाफी हैं।

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