राजेन्द्र सिंह
अरावली में पारम्परिक वन प्रबन्ध
Posted on 05 Apr, 2016 10:34 AMभारत में जल, वायु, वन, सूर्य, आकाश सभी को भगवान का रूप माना गया है। इसमें राज्य का कोई दखल नहीं था, इसलिये सभी लोग सहजता से इनका मर्यादित उपयोग करते थे और जनसंख्या दबाव बढ़ने के बाद भी ये प्राकृतिक भण्डार सबकी आवश्यकता की पूर्ति करते थे, इसलिये लम्बे समय तक सन्तुलन बना रहा। लेकिन धीरे-धीरे विचारों में बदलाव आया और वन प्रबन्ध की आवश्यकता आ पड़ी। अरावली पर्वतमाला के वनों का पारम्परिक वन प्
मेवात में जोहड़
Posted on 09 Aug, 2015 10:31 AM महात्मा गाँधी का ‘मेवात में जोहड़’ पुस्तक महात्मा द्वारा अपने जीते जी मेवात के लिए किए गए समर्पण की दास्तान है। उन्होंने यह मान लिया था, कि मेरे शरीर से ज्यादा जरूरी है भारत में सद्भावना के साथ जीना। इसे स्थापित करने हेतु समर्पण की जरूरत है। जैसे क्षत्राणियाँ अपने राज्य को बचाने हेतु अपने पति को निर्मोही बनाकर युद्ध हेतु जौहर करती थीं। उन्हेें यदि युहमारी सभ्यता संस्कृति और नदियाँ
Posted on 16 Jun, 2015 03:21 PMनदियों के बिना हम भारतीय संस्कृति की कल्पना ही नहीं कर सकते। जन्म से मृत्यु तक नदियों का हमार
मैया नहीं, वोट दिलाने वाली नदी है गंगा
Posted on 17 Feb, 2015 04:14 PMजल प्रबन्धन को लेकर नदियों को जोड़ना और मोक्षदायिनी गंगा की सफाई मोदी सरकार अपने साथ चुनाव प्रचार से ही लेती आई है। इसे लेकर चाहे केन्द्र सरकार और कुछ राजनैतिक दलों में उत्साह हो, लेकिन कई मानते हैं कि यह न तो व्यवहारिक और न ही सम्भव- दोनों नदियों को जोड़ना और गंगा की सफाई! इन दोनों ही मुद्दों पर राजेन्द्र सिंह से नीतिश द्वारा बातचीत पर आधारित लेख।गंगा मुक्ति के लिए लोक संग्राम
Posted on 21 Jun, 2012 10:02 AMगंगा प्रेमियों की इच्छा और मांग है कि गंगा मूल धारा के चारों तरफ कोई उद्योग न लगे। पूरा बेसिन प्रदूषित उद्योगों
स्वच्छता का मलिन तंत्र
Posted on 02 Apr, 2012 12:03 PMगंगा मास्टर प्लान-2020 कैसा बने? कब तक बने? क्या किया जाए? क्या नहीं किया जाए?
आमंत्रण
Posted on 28 Jan, 2009 09:49 AMगंगा सम्मेलन (प्रात: 10 बजे, 28-30 जनवरी 2009) गांधी दर्शन सभागार नई दिल्लीराष्ट्रीय नदी घोषित होने के बाद गंगा के प्रति सम्मान व अनुशासन सुनिश्चित करने को लेकर समाज और सरकार की जिम्मेदारी बढ़ गई है। अब जरूरी हो गया है कि सब बैठकर तय करें कि गंगा को उसका नैसर्गिक स्वरूप कैसे वापस लौटाया जा सकता है। इसी के मददेनजर तरुण भारत संघ...
जलयात्रा - भारतीय संस्कृति की झलक थाइलैंड में दिखती है
Posted on 01 Feb, 2023 05:34 PMथाइलैंड दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित है। इसका प्राचीन नाम श्यामदेश या स्याम है। इसकी पूर्वी सीमा पर लाओस और कम्बोडिया, दक्षिण सीमा पर मलेशिया और पश्चिम सीमा पर म्यान्मार है। इस देश के इतिहास में देखें तो सन् 1767 में बर्मा द्वारा अयुध्या के पतन के बाद थोम्बुरी राजधानी बनी। सन् 1782 में बैंकॉक में चक्री राजवंश की स्थापना हुई उसी को इसका आरंभ माना जाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका में
जलयात्रा - विकास हेतु वैचारिक क्रांति और परिवर्तनशीलता वाला देश फिलीपींस
Posted on 01 Feb, 2023 05:22 PMफिलीपीन्स दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित एक देश है। इसका आधिकारिक नाम 'फिलीपींस गणतंत्र" है। उसकी राजधानी मनीला है। पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित 7107 द्वीपों से मिलकर यह देश बना है। फिलीपीन द्वीप-समूह पूर्व में फिलीपींस महासागर से, पश्चिम में दक्षिण चीन सागर से और दक्षिण में सेलेबस सागर से घिरा हुआ है। इस द्वीप-समूह से दक्षिण पश्चिम में देश बोर्नियो द्वीप के करीबन सौ