मध्य प्रदेश

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भोपाल: उपेक्षित बावडिय़ां
Posted on 03 Sep, 2009 09:51 AM

भोपाल। भोपाल की ऐतिहासिक विरासत, बावड़ियां बदहाल हो रही हैं। इन जलस्त्रोतों की सुध लेने वाला कोई नहीं। सरकार और स्थानीय प्रशासन राजधानी में पेयजल के लिए इधर-उधर हाथ-पैर मार रहे हैं लेकिन नाक के नीचे इन धरोहरों को अनदेखा किया जा रहा है।

पेयजल गुणवत्ता मॉनिटरिंग और मैनेजमेंट ट्रेनिंग
Posted on 15 Jul, 2009 12:07 PM
जल ही जीवन है। अफसोस कि आज इस कहावत का मतलब ही भुला दिया गया है। जल हमारी रगों में खून बनकर दौड़ता है पर अब इस खून में मिलावट आ गई है। वजह- दूषित जल। देश के कईं हिस्सों में लोगों को साफ पानी मुहैया नहीं है। समस्या ताजे पानी की उपलब्धि की नहीं बल्कि गुणवत्ता वाले पानी की उपलब्धि न होना है।
बांधवगढ में मीडिया सेमिनार
Posted on 06 Jul, 2009 04:38 PM
`समाज और मीडिया के बीच हम : वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनायें´ विषय पर बांधवगढ़ में तीन दिवसीय (24 से 26 जनवरी, 2009) मीडिया संवाद का आयोजन किया गया. इस मीडिया संवाद में मध्यप्रदेश व देश के अन्य प्रदेशों के लगभग 65 पत्रकारों ने अपनी सहभागिता दर्ज की. इंडिया वाटर पोर्टल, हिंदी ने भी सेमिनार में बतौर सोशल मीडिया और वेब मीडिया के प्रतिनिधि के रूप में भागीदारी दर्ज की.
सामाजिक पहल से खुला विकास का रास्ता
Posted on 24 Jun, 2009 02:42 PM


आमतौर पर बिना बिजली, बिना डीजल ईंजन और पशुधन की ऊर्जा के बगैर खेतों की सिंचाई करना मुश्किल है लेकिन सतपुड़ा अंचल के दो गांव के लोगों ने यह मुश्किल आसान कर दिखाई है। अपनी कड़ी मेहनत, कौशल और सूझबूझ से वे पहाड़-जंगल के नदी-नालों से अपने खेतों तक पानी लाने में कामयाब हुए हैं। जंगल पर आधारित जीवन से खेती की ओर मुडे आदिवासी भरपेट भोजन करने लगे हैं।

irrigation
पानी के लिए युद्घ ?
Posted on 23 Jun, 2009 06:08 PM
वोट के पूरा हो जाने के बाद अब सूबा मध्यप्रदेश अलग तरह की समरभूमि बना हुआ है, जिसके केन्द्र में आम जन है और यह संघर्ष पानी की भारी कमी के चलते पनपा है । भोपाल के नजदीक के गांव कंसया में सरपंच गोकुल सिंह एवं उसके सहयोगियों के हमले में हुई एक युवक की मौत इसका ताजा उदाहरण बनी है । अकेले भोपाल जिले में लोगो के बीच ऐसे हिंसक झड़पों में चार लोग मारे गए है । और अगर पूरे सूबे के आंकडो को देखें तो विभिन्न प
प्यास बिकती हैं रायपुर में
Posted on 24 Apr, 2009 09:07 PM अनिल पुसदकर
सोनभद्र में विजुल नदी सूखने के कगार पर
Posted on 23 Apr, 2009 03:20 PM ओबरा ( सोनभद्र). मध्यप्रदेश के सीधी जिले में औषधीय वृक्षों के जल से बनी रेणुकापार क्षेत्र की जीवनरेखा विजुल नदी पहली बार सूखने के कगार पर है. गुप्त काशी को अपनी अविरल धाराओं से सींचकर गोठानी स्थित प्रत्यक्ष संगम में समाहित हो जाने वाली विजुल नदी पर आये गंभीर संकट से तीन लाख से ज्यादा
पानी नहीं तो वोट नहीं
Posted on 31 Mar, 2009 06:42 AM बैतूल से इंदौर जाने वाले नेशनल हाईवे 59 ए के पास बसे रोंढा ग्राम के बाशिंदे लंबे समय से जल संकट की मार झेल रहे हैं। गांव की आबादी लगभग 2500 है और यहां करीब 1500 मतदाता है। गांव के पूर्व सरपंच रमेश ओमकार कहते हैं कि गुजरात राज्य को हराभरा करने वाली ताप्ती नदी हमारे ग्राम के समीप से गुजरती है परंतु ताप्ती के पानी को रोकने के लिए जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा आज तक कोई योजना नहीं बनाई गई। इसके
जज्बे ने हरे नर्मदा के कष्ट
Posted on 22 Mar, 2009 03:04 PM


भास्कर न्यूज/ अरविंद तिवारी/ March 22, 2009

भास्कर का जल रथ
Posted on 15 Mar, 2009 04:41 PM भास्कर न्यूज / March 14, 2009

इंदौर. वर्षा के जल को जमीन में उतारने के लिए भास्कर समूह की सामाजिक पहल के तहत शनिवार से विभिन्न क्षेत्रों में जल रथ घूमेगा। इसके जरिए लोगों को वर्षा के दौरान छत पर गिरे जल को भूमि में उतारने की तकनीक (रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम) की जानकारी दी जाएगी।
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