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मध्य प्रदेश
नर्मदा की सभ्यता पर एक दृष्टि
Posted on 20 Sep, 2008 10:24 AMविश्व की प्राचीनतम नदी सभ्यताओं में नर्मदा घाटी सभ्यता का विशेष स्थान है। पुराविदों के लिए तो जैसे यह सोने की खान है। एकेडेमी ऑफ इंडियन न्यूमिस्मेटिक्स एंड सिगिलोग्राफी, इंदौर ने हाल ही में नर्मदा घाटी की संस्कृति व सभ्यता पर केंद्रित एक विशेषांक निकाला है, जो इस प्राचीन सभ्यता की खोज और उससे जुड़ी चुनौतियों को रेखांकित करता है।
पर्यावरण सुरक्षा
Posted on 19 Sep, 2008 02:28 PMसहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों में संभवत: यह सबसे मुश्किल लक्ष्य है क्योंकि यह मुद्दा इतना सरल नहीं है, जितना दिखता है। टिकाऊ पर्यावरण के बारे में जिस अवधारणा के साथ लक्ष्य सुनिश्चित किया गया है, सिर्फ उस अवधारणा के अनुकूल परिस्थितियां ही तय सीमा में तैयार हो जाए, तो उपलब्धि ही मानी जाएगी।
भूमि तथा जल की सुरक्षा के लिए जैविक तकनीक कारगर
Posted on 10 Sep, 2008 10:03 AMमणिशंकर उपाध्याय /वेबदुनिया/ वर्षा जल के संचय के लिए अनेक प्रचलित यांत्रिक विधियाँ अपनाई जाती हैं। इन विधियों से जमीन पर तो भौतिक रूप से जल एकत्रित हो जाता है लेकिन इससे मिट्टी की दशा में कोई सुधार नहीं होता है।
कैसे सहज और व्यवस्थित हो तालाब निर्माण
Posted on 06 Sep, 2008 01:32 PMवेब दुनिया - मणिशंकर उपाध्याय/ पिछले एक दशक में भूमिगत पानी के अत्यधिक दोहन तथा अल्प वर्षा के चलते प्रदेश में पानी की कमी को देखते हुए नागरिक इसके संचय और संरक्षण के प्रति जागरूक हुए हैं। प्रदेश शासन ने भी वर्षा जल के संचय, जलस्रोत पुनर्भरण के लिए अनेक योजनाएँ कार्यान्वित की हैं। इनमें से वर्षा जल को तालाबों के माध्यम से सहेजने का प्रयास भी शामिल है। ताला
सूखे से निजात के लिए बलराम तालाब योजना
Posted on 04 Sep, 2008 08:58 AMग्वालियर /झांसी/ मध्य प्रदेश- बुन्देलखण्ड: मध्य प्रदेश शासन द्वारा बलराम तालाब योजनांतर्गत अप्रैल 2008 से किसानों को अधिकतम 80 हजार रूपये का अनुदान दिया जायेगा। पूर्व में यह राशि 50 हजार रुपये निर्धारित थी। अपर्याप्त वर्षा एवं भूजल के अनियंत्रित दोहन से प्रदेश में भूजल स्तर में काफी गिरावट आई है। गिरते भूजल को रोकने और कृषि के समग्र विकास के लिए सतही तथा भूमिगत जल की उपलब्धता को समृध्द करने तथा
खेत-तालाब योजना: किसानों को खेत तालाब बने वरदान
Posted on 04 Sep, 2008 08:18 AMगुना/झांसी/ मध्य प्रदेश- बुन्देलखण्ड क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति व सूखे के हालातों के चलते जल संवर्धन एवं जल संरक्षण के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, इन्दिरा आवास के लाभार्थियों के साथ बीपीएल के दायरे में रहने वाले लोगों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नरेगा में खेत-तालाब योजना लागू की गई है। इस योजना में खेत के एक हिस्से को ही तालाब का रूप देकर खेत में ही सिंचाई सुविधा बढ़ाने की योजना
ऊसर भूमि के विकास के लिए करें मेड़बंदी
Posted on 03 Sep, 2008 08:43 PMकिसान भाई ऊसर भूमि को उपजाऊ बना कर फसल लें इसके लिए ऊसर सुधार की जैविक विधि अपनायें इसमें धान का पुवाल गोबर की खाद वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करें इससे ऊसर भूमि में उर्वरा शक्ति पैदा होती है और फसल की बुआई कर कृषक उत्पादन कालाभ ले सकते हैं। ऊसर भूमि वह भूमि होती है, जिसका पी.एच. 8.5 से अधिक होता है। विनिमयशील सोडियम की मात्रा 15 प्रतिशत से ज्यादा होती है। परन्तु कभी-कभी ई.सी. भी 4.
जल आधारित आंदोलन- नर्मदा
Posted on 23 Jun, 2023 12:17 PMप्रस्तावना
स्वतंत्रता के दौरान, भारत में बांधों की संख्या नगण्य थी, लेकिन आजादी के बाद से यह अत्यधिक बढ़ गई। बाढ़ नियंत्रण, जल आपूर्ति, विद्युत उत्पादन और सिंचाई करने के लिए बड़े पैमाने पर बांधों को बनाया गया। स्वतंत्रता के दौरान, भारत में तकरीबन 300 बड़े बांध थे। इसलिए बांधों को मल्टीपल रिवर वैली प्रोजेक्ट्स के रूप में जाना जाता था। वर्ष 2000 तक बांधों की संख्य