लखनऊ जिला

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जल चौपाल में जाना उप्र में पानी का हाल
Posted on 14 Jan, 2016 11:59 AM
उत्तर प्रदेश, देश के उन राज्यों में शामिल है जहाँ पेयजल का संकट भीषण रूप लेता जा रहा है। पानी की उपलब्धता मात्र समस्या नहीं है क्योंकि अगर पानी उपलब्ध है भी तो उसमें जहरीले रसायनों की मौजूदगी उसे प्रयोग के लिये बेकार बना देती है। राज्य के कई जिलों के पानी में आर्सेनिक, फ्लोराइड, क्रोमियम समेत तमाम खतरनाक रसायनों की मौजूदगी ने गाँव-के-गाँव विकलांग कर दिये हैं। पहले जहाँ लोग इस समस्या से अनजान थे वहीं अब सरकार और सामाजिक संगठनों की अथक कोशिशों के बाद लोगों में इस बारे में चेतना का काफी विस्तार हुआ है। उत्तर प्रदेश में पानी की लगातार खराब होती गुणवत्ता और उसमें फ्लोराइड, आर्सेनिक, क्रोमियम आदि विषाक्त तत्त्वों की मौजूदगी और उसके दुष्प्रभावों पर चर्चा कोई नई बात नहीं है। प्रश्न अब इस जानकारी से आगे बढ़कर इससे निजात पर सामूहिक विमर्श का है। राजधानी लखनऊ में आयोजित जल चौपाल ने सभी सम्बन्धित पक्षकारों को यह अवसर मुहैया कराया।

उत्तर प्रदेश, देश के उन राज्यों में शामिल है जहाँ पेयजल का संकट भीषण रूप लेता जा रहा है। पानी की उपलब्धता मात्र समस्या नहीं है क्योंकि अगर पानी उपलब्ध है भी तो उसमें जहरीले रसायनों की मौजूदगी उसे प्रयोग के लिये बेकार बना देती है।

राज्य के कई जिलों के पानी में आर्सेनिक, फ्लोराइड, क्रोमियम समेत तमाम खतरनाक रसायनों की मौजूदगी ने गाँव-के-गाँव विकलांग कर दिये हैं। पहले जहाँ लोग इस समस्या से अनजान थे वहीं अब सरकार और सामाजिक संगठनों की अथक कोशिशों के बाद लोगों में इस बारे में चेतना का काफी विस्तार हुआ है।
पानीदारी के लिये रवायतों का सहारा
Posted on 05 Jan, 2016 10:35 AM
चोहड़े, पहाड़ी नालों पर चेकडैम, तालाबों की मेड़बंदी के प्रयासों के बावजूद दूर नजर आ रही मंजिल तक पहुँचने के लिये एक टोली ने बुंदेली रवायतों को फिर बढ़ावा देने का प्रयास शुरू किया है। जिसमें प्रसूता से ‘कुआँ पूजा’ और वधू की विदा के समय पानीदार कुओं में ताम्बे का सिक्का डालने और राह में मिलने वाली नदी की पूजा अर्चना शामिल है। मक्सद, कुआँ, नदी के प्रति आस्था पैदा कर जल संरक्षण के लिये प्रेरित क
हमने बना दिया प्राणवायु को प्राणघातक
Posted on 15 Dec, 2015 09:03 AM

अब हमें यानी समाज को भी जागना होगा। हमें अपनी झूठी शान को किनारे रखना होगा। नई सोच जगानी

गोमती के किनारे
Posted on 02 Jul, 2015 10:57 AM ‘गोमती के किनारे’ नाम से उस दौर की महान अभिनेत्री मीना कुमारी को लेकर एक फिल्म बनाई थी। इस फिल्म की पूरी कहानी का ताना-बाना गंगा नदी को केन्द्र में रखकर बुना गया था। नदी और सिनेमा का जो रिश्ता रहा वह कुछ अलग ही रहा है।
गोमती में न गिरे गंदा पानी
Posted on 23 Apr, 2015 12:51 PM

शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय में गोमती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के कार्यो की समीक्षा करते हुए आ

गोमती के पुनर्जन्म का अभिनव प्रयास
Posted on 18 Apr, 2015 12:39 PM ज्यादातर विचारकों के मत नदियों के ‘रिवर फ्रंट डेवलपमेंट’ के खिलाफ ही है। हजारों-हजार करोड़ रुपए खर्च कर महानगरों में नदियों का फ्रंट बनाने की कोशिश हो रही है। गोमती के किनारे ‘गोमती रिवर फ्रंट’ में लगभग 3000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रस्तुत आलेख ;गोमती रिवर फ्रंट’ के समर्थन में है। तमाम असहमतियों के बावजूद यह लेख दिया जा रहा है ताकि इस मुद्दे पर स्वस्थ बहस हो सके।
10 जिलों में लागू होगी नीर निर्मल योजना
Posted on 16 Apr, 2015 10:34 AM हर ग्रामीण को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकताओं में एक है। 10 जनपदों गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, गाजीपुर, बलिया, इलाहाबाद, सोनभद्र बहराइच तथा गोंडा में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन उप्र द्वारा विश्व बैंक सहायतीत ग्रामीण पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विषयक नीर निर्मल परियोजना संचालित की जा रही है।
गोमती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का सपनीला सच
Posted on 26 Mar, 2015 11:05 AM रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट के लिये नदी के स्वाभाविक और पर्यावरणीय प्रवाह का सटीक आकलन जरूरी है। सबसे जरूरी है कि इसके आस-पास की ज़मीन पर किसी तरह का निर्माण न हो, नदियों के मूल स्वरूप में किसी तरह की छेड़छाड़ न की जाए।

गोमती नदी से शहर के करीब बीस लाख लोगों को पानी की आपूर्ति की जाती है। ऐसा पहली बार हुआ है कि गोमती नदी की सफाई के लिये लखनऊ में कुडिया घाट के पास सिंचाई विभाग के द्वारा नदी की धारा को रोककर पानी का डायवर्सन किया गया है। गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट के तहत नदी की धारा को नियन्त्रित करने के लिये एक बाईपास बनाया गया है। जो पिछले महीने पानी के तेज बहाव के चलते बह गया था। दस मीटर चौड़े इस बाईपास पर बोल्डर, सैंड-बैग्स और बल्लियों से बाँधकर नियन्त्रित मात्रा में पानी निकालने का इन्तजाम किया गया है।
गोमती के सफाई अभियान को पलीता लगा रहे 33 नाले
Posted on 23 Feb, 2015 01:03 PM लखनऊ। नालों का प्रदूषित जल गोमती नदी में जाने से नदी का सफाई अभियान सार्थक होता नहीं दिखाई दे रहा है। नालों के न रोके जाने से गोमती नदी में सीवेज का पानी जमा हो रहा है। जल निगम व नगर निगम प्रशासन इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। शहर के कुल 26 नालों के डिस्चार्ज को पूरी तरह से डायवर्ट नहीं किया जा सका है। वहीं शहर की आबादी बढ़ने एवं नए क्षेत्र के वि
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