लखनऊ जिला

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पर्यावरण प्रदूषण की संकल्पना और लखनऊ (Lucknow Metro-City: Concept of Environmental Pollution)
Posted on 04 Mar, 2018 06:21 PM
पर्यावरण प्रकृति की सहज संरचना है। इस प्रकृति की स्वाभाविक दशा में हस्तक्षेप करके मनुष्य उसे प्रतिकूल बनाता है और प्रदूषण उत्पन्न करने में सहायक बनता है। वर्तमान समय में भौतिक सुख-सुविधाओं का भोगी मानव प्रदूषण की विभीषिका को दिन-प्रतिदिन अधिकाधिक गहन और विस्तृत बनाता जा रहा है जिसकी परिणति विभिन्न प्रकार की नवीन बीमारियों का लगातार बढ़ता प्रकोप, संक्रामक रोगों का विस्तार, जलवायु परिवर्तन, वर्
लखनऊ के शहरीकरण से मृतप्राय हुई गोमती नदी
Posted on 16 Feb, 2018 05:25 PM
वास्को-द-गामा (गोवा) : करीब दो दशक से लखनऊ के निरंतर बढ़ते शहरीकरण का असर गोमती नदी पर भी पड़ रहा है और इसका पानी अब मानवीय उपभोग लायक नहीं बचा है। गोमती नदी की जल-गुणवत्ता सूचकांक के विश्लेषण के आधार पर लखनऊ विश्वविद्यालय और बाराबंकी स्थित रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह खुलासा किया है।
भारतातील प्रसिध्द धरणे : रिहांद धरण
Posted on 19 Jan, 2018 11:24 AM
उत्तर प्रदेशात सोऩभद्र जिल्ह्यातील पिंप्री येथे रिहांद नदीवर बांधल्या गेलेले हे धरण होय. तसे पाहू गेल्यास हे धरण उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश या दोन राज्यांच्या सीमेवर बांधण्यात आले आहे. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ या तीन राज्यांशिवाय बिहार राज्याला सुद्धा या धरणामुळे सिंचनाचा लाभ मिळत आहे.
गोमती के जल, तलछटों और जलीय पादपों में भारी धातुओं का स्तर चिंताजनक (Heavy metal pollution in Gomti)
Posted on 02 Nov, 2017 09:15 AM
लखनऊ में गोमती नदी प्रदूषण के कारण काफी समय से सुर्खियों में बनी हुई है। अब वैज्ञानिकों ने अपने शोध से गोमती के जल में हानिकारक भारी धातुओं के होने की पुष्टि की है। पहली बार गोमती में आर्सेनिक की उपस्थिति का भी पता चला है।
सिंचाई के अभाव में अब नहीं सूखने दिए जाएंगे बुन्देलखण्ड के खेत
Posted on 22 Jun, 2017 12:49 PM
उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह से ‘दैनिक भास्कर’ की विशेष बातचीत
आसान नहीं है गंगा की शुद्धि का मसला
Posted on 15 May, 2017 11:08 AM


ऐसा लगता है कि गंगा की शुद्धि का मसला जितना आसान समझा जा रहा था उतना है नहीं। असलियत यह है कि भले मोदी सरकार इस बाबत लाख दावे करे लेकिन केन्द्र सरकार के सात मंत्रालयों की लाख कोशिशों के बावजूद 2014 से लेकर आज तक गंगा की एक बूँद भी साफ नहीं हो पाई है। 2017 के पाँच महीने पूरे होने को हैं, परिणाम वही ढाक के तीन पात के रूप में सामने आए हैं। कहने का तात्पर्य यह कि इस बारे में अभी तक तो कुछ सार्थक परिणाम सामने आए नहीं हैं जबकि इस परियोजना को 2018 में पूरा होने का दावा किया जा रहा था। गंगा आज भी मैली है। दावे कुछ भी किए जायें असलियत यह है कि आज भी गंगा में कारखानों से गिरने वाले रसायन-युक्त अवशेष और गंदे नालों पर अंकुश नहीं लग सका है। नतीजन उसमें ऑक्सीजन की मात्रा बराबर कम होती जा रही है।

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आज भी गाँव के गाँव पानी पीते हैं गोमती नदी का
Posted on 04 May, 2017 10:57 AM
शायद आप यह सुनकर हैरान हो जाएँ जिस गोमती के पानी को हम लखनऊ में छू तक नहीं सकते हैं उसी गोमती के पानी को लखनऊ से कुछ किलोमीटर पहले के गाँव वाले रोजाना पीते हैं। गोमती के पानी से कई घरों का खाना पकता है। दूर दराज के खेत खलिहानों में जब इस चटक धूप में प्यास लगती है तो वो भी इसी गोमती के पानी से प्यास बुझाता है। नदी के किनारे बसे गाँव वालों का कहना है कि आज तक उनके इलाके में न तो कभी गोमती की सफाई हुई और न ही कभी कोई विभाग का अधिकारी गोमती की सफाई के नाम पर आया। बरसों से लखनऊ जिले में गोमती का पानी सदैव निर्मल होकर बहता रहा है। वैज्ञानिकों का भी कहना है कि इस इलाके में गोमती का जल बेहद निर्मल और शुद्ध है।

चुनावी समर में मुद्दा नहीं है पानी
Posted on 21 Mar, 2017 09:30 AM
फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से देश में लगभग 60 लाख लोगों के प्रभा
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पोषक तत्वों का खजाना मशरूम
Posted on 12 Feb, 2017 12:36 PM
सफेद मशरूम को वनस्पति जगत में ‘एगैरिकस बाइस्पोरस’ नाम से जाना जाता है। इन्हें सामान्य रूप से वनस्पति श्रेणी में रखा गया है। यह एक खाने योग्य कवक है और मुख्य रूप से अमेरिका एवं यूरोप का उत्पाद है। अब इस कवक का उत्पादन विस्तृत हो गया है। इसका संवर्धन लगभग 70 से भी अधिक देशों में किया जाता है। मशरूम एक खाद्ययोज्य है यह उच्च पोषक तत्वों और स्वास्थ्यवर्द्धक पदार्थ के रूप में भोजन का एक अच्छा विकल
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