हरिद्वार जिला

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संत निगमानंद के बलिदान को न्याय का इंतजार
Posted on 27 Jun, 2011 12:33 PM

तथ्य व जानकारियाँ


सन् 1998 से ही गंगा में अवैध खनन व क्रशिंग गतिविधियों के विरुद्ध मातृसदन का संघर्ष जारी रहा है, जिसके परिणामस्वरूप हरिद्वार कुंभ क्षेत्र से अधिकांश स्टोन क्रेशर व खनन गतिविधियाँ प्रतिबंधित हुईं। सरकार, प्रशासन व खनन तंत्र को मातृसदन के सत्याग्रह के समक्ष निरुत्तर होना पड़ा, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय व स्थानीय शोध आख्या ने भी खनन को अनुचित व विनाशकारी करार देते हुए इसे बंद करने की सिफारिशें की थीं।

संत निगमानंद
निर्मल गंगा और कितने भगीरथ
Posted on 20 Jun, 2011 10:42 AM

अवैध खनन के लिए जिम्मेदार माफिया से टकराना कठिन

गंगा खनन की एक तस्वीर
पुत्रों के पापों से तिल-तिल मरती मां गंगा
Posted on 20 Jun, 2011 10:20 AM भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की प्रतीक पावन गंगा की अविच्छिन्न धारा में रुकावट और प्रदूषण की जिस समस्या से निजात दिलाने के लिए सफाई के नाम पर हजारों करोड़ खर्च कर दिए गए और इतना ही खर्च करने की योजना है, उसी समस्या के चलते निगमानंद जैसे संत को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी। निश्चित रूप से इस घटना ने गंगा सफाई अभियान और इसके इर्द गिर्द अवैध खनन से आने वाले समय में जो स्थिति उत्पन्न होने वाली है, उसक
गर्मियों में और \"मैली\" होगी गंगा
Posted on 18 Jun, 2011 12:15 PM

समय से पहले पसीने से तरबतर कर देने वाली गर्मी में सैलानियों का पहाड़ो की तरफ रूख करने का सिलसिला अब शुरू होने ही वाला है और इस बार भी लाखों पर्यटक हिमालय की वादियों में कलकल बहती गंगा के दामन में हजारों टन गंदगी छोड़ जाएंगे। करोड़ो लोगों की आस्था की प्रतीक गंगा अपने उद्गम स्थल गोमुख से 2510 किलोमीटर का सफर तय करके बंगाल की खाड़ी में गिरती है और इस दौरान देश की आधी आबादी के जीने का आवश्यक साजो स

निगमानंद मौत के मामले ने तूल पकड़ा
Posted on 16 Jun, 2011 11:00 AM देहरादून (ब्यूरो)। मातृ सदन के संत निगमानंद की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अखिल भारतीय संत समाज ने निगमानंद की मौत के लिए उत्तराखंड सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। जबकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा है। दूसरी ओर मातृ सदन में निगमानंद का शव तीन दिनों तक रखे जाने के बाद गुरुवार को उन्हें दफनाए जाने की तैयारियां चल र
कोमा में सत्ता की संवेदना
Posted on 16 Jun, 2011 09:37 AM

गंगा मुक्ति अभियानों में सक्रिय लोगों के लिए स्वामी निगमानंद की मृत्यु की खबर उसी परिमाण की वेदना पैदा करने वाली है जैसे अपने किसी निकटतम की मौत राष्ट्रीय मीडिया के लिए निगमानंद नाम भले सुपरिचित नहीं था लेकिन हरिद्वार के मीडिया कर्मियों के लिए गंगा के लिए अपना जीवन तक दांव पर लगा देने वाले महामानव के रूप में वे हमेशा श्रद्धेय थे। 19 फरवरी से शुरू हुआ उनका अनशन उनकी जीवनलीला के अंत के साथ ही खत्

संत निगमानंद
गंगा के लिए
Posted on 16 Jun, 2011 09:09 AM

एक युवा संन्यासी ने गंगा के लिए अनशन करके प्राण दे दिए, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि गं

गंगा के लिए एक आहुति
Posted on 15 Jun, 2011 12:47 PM

एक ओर गंगा को लेकर सरकार और समाज की चिंताएं सातवें आसमान पर हैं, दूसरी तरफ इसी मुद्दे को लेकर 19 फरवरी से अनशन कर रहे एक युवा संन्यासी की ओर सबका ध्यान तब गया, जब उन्होंने इस संसार को छोड़ कर चले गए। हालत बिगड़ने पर प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार कर जिला अस्पताल में ला पटका। उन्हें राज्य के एक बड़े अस्पताल में करीब 10 दिन पहले तब दाखिल किया गया, जब उनके बच पाने की उम्मीद नहीं थी। हरिद्वार के स्वामी निगमानंद भले ही कोई ग्लैमरस बाबा नहीं थे, लेकिन गंगा को लेकर उन्होंने जो मुद्दे उठाए थे, वे बुनियादी और गंभीर थे। हरिद्वार में गंगा अपनी गति और त्वरा को नियंत्रित कर देती है। पहाड़ों में अठखेलियां करती उसकी चंचल छवि यहां पहुंचकर एक शांत, गंभीर और लोकमंगलकारी सरिता में परिवर्तित हो जाती है।

गंगा में अवैध खनन
मरे नहीं मार दिये गये संत निगमानंद
Posted on 15 Jun, 2011 08:57 AM

एचआईएचटी अस्पताल में जांच पड़ताल शुरू हुई तो विष देने के लक्षण दिखाई देने लगे। इसलिए अस्पताल ने स्वामी जी का ब्लड सैंपल दिल्ली के डॉ लाल पैथ लैब भी भेजा। चार मई को जारी लैब रिपोर्ट में साफ कहा गया कि ऑर्गोनोफास्फेट कीटनाशक उनके शरीर में उपस्थित है।

हरिद्वार के संत निगमानंद की मौत सत्याग्रह और उपवास से हुई या उन्हें जहर दिया गया जो उनकी मौत का कारण बना? अब जबकि गंगा के लिए अनशन करने वाले मातृसदन के संत निगमानंद इहलोक से विदा हो गये हैं, इस बात की गंभीरता से जांच किये जाने की जरूरत है कि निगमानंद की हत्या के पीछे कौन लोग हैं। हरिद्वार में दर्ज एफआईआर को आधार मानें तो उत्तराखंड प्रशासन की मिलीभगत से संत निगमानंद को जहर दिया गया जिसके कारण पहले वे कोमा में चले गये बाद में करीब सवा महीने बाद उनकी मौत हो गयी। संत निगमानंद मातृसदन से जुड़े थे और मातृसदन का आश्रम 1997 में हरिद्वार में बना। जब से कनखल में आश्रम बना है यहां के संत क्रमिक रूप से पिछले 12 सालों से लगातार अनशन कर रहे हैं। संत निगमानंद 19 फरवरी 2011 से अनशन पर थे। उनके अनशन के 68वें दिन 27 अप्रैल 2011 को अचानक आश्रम में पुलिस पहुंचती है और संत निगमानंद को जबरदस्ती जिला अस्पताल में भर्ती करा देती है।

गंगा की अविरल धारा के लिए अड़ीं उमा
Posted on 13 Jun, 2011 11:37 AM

एक ओर केंद्र सरकार गंगा पर बांध बनाने के लिए योजना दर योजना मंजूरी दे रही है, वहीं गंगा की अविरलता के लिए आंदोलन भी हो रहे हैं। जल विद्युत परियोजनाओं के पीड़ित दर-दर भटकने को मजबूर हैं। ज्यादातर परियोजनाओं की सुरंगों से रिसाव होने के साथी ही, इनसे लगे क्षेत्रों में भू-धसाव का भयंकर संकट है।

उमा भारती के समग्र गंगा आंदोलन का पहला चरण हरिद्वार में पूरा हो गया है। अब वह दिल्ली में प्रधानमंत्री से मिलकर अपने मांग पत्र पर बातचीत करेंगी। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री पखवाड़े भर से हरिद्वार के दिव्य प्रेम सेवा मिशन में अपनी छह सूत्रीय मांग पत्र को लेकर आंदोलन कर रही थीं।
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