हिमाचल प्रदेश

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झील में डूबा अतीत, भविष्य अधर में
Posted on 02 May, 2019 11:33 AM

यूं तो नदियों के किनारे मानव सभ्यता जन्मी है, लेकिन टिहरी झील एक पूरी मानव सभ्यता को डुबो कर अस्तित्व में आई है। पानी के किनारे बसे लोगों को जीने के लिए, आजीविका के लिए, कहीं और जाने की जरूरत नहीं होती। लेकिन टिहरी झील के किनारे बसे सैकड़ों गांव के लोग कहते हैं कि हमें तो काला पानी की सजा हो गई है। उनके आजीविका के साधन नष्ट हो गए, खेत डूब गए, जंगल उजड़ गए। पशुओं को चारा तक उपलब्ध कराना मुश्किल है

टिहरी झील
पार्वती की नगरी मणिकर्ण
Posted on 19 Nov, 2018 12:44 PM

एक ऐसी जगह, जहाँ सैकड़ों गर्म पानी के चश्मे हैं और उनमें अनाज पकाने का रिवाज है। कहीं शान्ति तो कहीं कोलाहल से भरी पार्वती नदी है, कई प्राचीन शिव मन्दिर हैं। प्रकृति का यह विस्मित कर देने वाला रूप देखने को मिलता है कुल्लू के मणिकर्ण में। यहाँ के बारे में बता रही हैं डॉ. कविता विकास
Hot springs at Manikaran
कश्मीर, हिमाचल में बाढ़ का जिम्मेवार कौन
Posted on 04 Oct, 2018 03:11 PM जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ता बाढ़ का खतरा (फोटो साभार - राज एक्सप्रेस)केरल, पूर्वोत्तर के बाद बाढ़ ने जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में तबाही मचाई।
जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ता बाढ़ का खतरा
संकट ग्रस्त औषधीय पौधा सालम पंजा
Posted on 31 Aug, 2018 02:04 PM

संरक्षण की दृष्टि से प्रकृति में पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं के अस्तित्व पर नजर रखने वाली अन्तरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन अॉफ नेचर (International Union for Conservation of Nature) ने इस पौधे को अति संकट ग्रस्त श्रेणी में रखा है, जिसका अर्थ स्पष्ट है कि अगर जंगलों से चोरी छुपे इस पौधे का खनन इसी तरह चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब यह पौधा भारत से विलुप्त हो जाएगा।
सालम पंजा
लुहरी जलविद्युत परियोजना की दोहरी सुरंगें लाएंगी विनाश
Posted on 24 Nov, 2011 04:07 PM

24 नवंबर 2011, मंडी, हिमाचल। सतलुज बचाओ जन संघर्ष समिति के अनुसार लगभग 10,000 सुरंग प्रभावित परिवारों को परियोज

हिमाचल का रेणुका जी मेला
Posted on 30 Dec, 2010 10:27 AM
परशुराम तथा रेणुका देवी के पुराने मंदिर तालाब के किनारे रेणुका झील के पैरों के समीप स्थित हैं। यहां रेणुका झील का पानी परशुराम तालाब से आकर मिलता है।
हिमाचल प्रदेश में मछली की बहुफसली खेती - खेती के तरीकों का पैकेज
Posted on 11 Dec, 2010 12:07 PM कांगड़ा जिले में पालमपुर घाटी की तरह कृषि-जलवायु वातावरण के लिए एक मछली की खेती के लिए पॉलीकल्चर मॉडल विकसित किया गया है। इस मॉडल में, विदेशी क्रॉप की 3 प्रजातियां (ग्रास क्रॉप, सिल्वर क्रॉप, मिरर क्रॉप) की किसानों को सिफारिश की गई है, जो गहन छानबीन के बाद उनके विकास के प्रदर्शन अनुकूलन और अन्य पारिस्थितिकीय- जैविक मापदंडों पर आधारित है।
हिमाचल प्रदेश में ट्राउट का उत्पादन
Posted on 11 Dec, 2010 11:41 AM हिमाचल प्रदेश के ज़ोन दो और तीन में अत्यधिक बहुमूल्य मछली 'रेनबो ट्राउट' की पैदावार के लिए विशाल क्षमता है। इन दो क्षेत्रों के तहत कृषि के लिए मौसमी परिस्थितियां शीतजलीय कृषि के लिए बेहद अनुकूल हैं। हाल ही में मिले संकेत इंगित करते हैं कि ट्राउट कम ऊंचाई पर 1000 m एमएसएल तक पैदा की जा सकती है, बशर्ते जल की अधिकतम गुणवत्ता और मात्रा सुनिश्चित की जाए।

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कबायली लोकाचार का संगम तांदी
Posted on 10 Nov, 2010 11:21 AM
लाहौल-स्पीति जिले को पहाड़ों, नदियों, झीलों व हिमप्रपातों के लिये जाना जाता है। आकाश छूते पर्वत शिखर, मीलों लम्बे ग्लेशियर, उनसे निकलने वाले सैकड़ों नदी नाले और समतल स्थानों पर अनेक झीलें। लम्बी-चौड़ी वीरान चरागाह और दूर-दूर बिखरे छोटे-छोटे गांव और उन गांवों का कठिन जनजीवन। प्रकृति की इस अद्भुत लीला के बीच लोगों का अपने इष्ट के प्रति अटूट विश्वास व भक्ति। एक रहस्यमय-सा भूक्षेत्र है लाहौल-स्प
..और नदियों के किनारे घर बसे हैं
Posted on 23 Sep, 2010 01:02 PM मानव सभ्यता और बाढ़ का रिश्ता आदिकाल से चला आ रहा है। अनेक सभ्यताएं नदियों के किनारे पनपी और बाढ़ से नेस्तनाबूद हो गई। आज भी बाढ़ एक ऐसी आपदा है जिसके नाम से ही देश के अनेक गांवों एवं नगरों के लोग थर्रा उठते हैं। एक शोध के अनुसार 1980 से 2008 के दौरान भारत में चार अरब से भी अधिक लोग बाढ़ प्रभावित हुए। प्रति वर्ष बाढ़ से करोड़ों रुपयों के घर-बार, खेती और मवेशी नष्ट हो जाते हैं।
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