नेपाल में सेनिटेशन को लेकर अभियान

हर 15 सेकंड में इस दुनिया में एक बच्चा जलजनित रोग से मर जाता है, क्या यह एक गंभीर मानवीय चिंता नहीं है कि बच्चे को जीवन के अधिकार से वंचित कर दिया जाता है? इस मामले में नेपाल की स्थिति भी भिन्न नहीं है जहाँ 10,000 से अधिक बच्चे अतिसार से मर जाते हैं.

अगर हम पानी की वजह से होने वाली अन्य बीमारियों को भी जोड लें तो यह संख्या और भी बढ़ जाएगी. यह बहुत ही दयनीय स्थिति है कि इस देश के 42 जिले जो जल संसाधनों के मामले में परिपूर्ण हैं, सेनिटेशन कवरेज राष्ट्रीय स्तर पर 46%से भी कम है. एंड वॉटर पोवर्टी कैम्पेनर्स ने विश्व जल दिवस पर लोगों को संगठित कर वॉटर एंड सेनिटेशन फॉर ऑल की वकालत की।

सोयाम्भू जो दुनिया भर में शांति के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध है लोगों के लिए बेहतर आयोजन स्थल था। वहां लोगों ने इस मौके पर बेहतर सुरक्षित पेयजल और सेनिटेशन सेवाओं की कमी के कारण अपनी जान खो चुके बच्चों की याद में मोमबत्तियां जलाईं। काठमांडू के विभिन्न इलाकों और एशिया के कोने कोने से 3000 से अधिक लोग सोयाम्भू में 25 मार्च, 2009 को शाम 5:30 बजे जमा हुए और मोमबत्तियां जलाकर इन बच्चों के जीवन को बचाने के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग की।

श्री सुभाष नेमवांग, अध्यक्ष, संविधान सभा ने अपने संदेश में इस अभियान के लिए, सफाई और पीने के पानी के संकट को समाप्त करने के लिए सभी राजनीतिक नेताओं से एकजुट होने का आग्रह किया। संविधान सभा के माननीय सदस्य श्री नबिंद्र राज जोशी, ने सार्वजनिक रूप से पीने के पानी और संसद सत्र में संवैधानिक अधिकार के रूप में सेनिटेशन के समर्थन के लिए अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता की घोषणा की। सेनिटेशन ब्रांड राजदूत और कोलीबुड अभिनेत्री सुश्री झरना थापा ने सरकार से उन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आग्रह किया जो उन्होने दक्षिण एशियाई सेनिटेशन सम्मेलन के दौरान किया था।
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