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हल्की बारिश से ही पूरी दिल्ली पानी–पानी हो जाती है, जानलेवा भी
मानसून की पहली बारिश में दिल्ली डूब गई‚ झेल नहीं पाई तेज बारिश। जगह–जगह जलभराव हुआ। टनल‚ अंडरपास‚ पुल–पुलिया‚ सड़कें सभी पानी से लबालब भर गईं। पीडब्ल्यूडी‚ दिल्ली जल बोर्ड‚ नगर निगम‚ एनडीएमसी ऐसे महकमे हैं जिन पर जलभराव से निपटने की सामूहिक जिम्मेदारियां रहती हैं। लेकिन ये सभी आपस में ही भिड़े पड़े हैं। एक–दूसरे पर नाकामियों के दोष मढ़े जा रहे हैं। इनकी इन हरकतों की मार बेकसूर दिल्लीवासी झेल रहे हैं। यह समस्या आखिर‚ क्यों साल–दर–साल नासूर बनती रही है। चुनावों में तो सभी दल इन समस्याओं से निपटने का दम भरते हैं‚ लेकिन चुनाव बीतने के बाद निल बटे सन्नाटा। इस विकट समस्या पर प्रकाश डालने के लिए डॉ. रमेश ठाकुर ने एमसीडी के प्लानिंग पूर्व चीफ इंजीनियर सुरेश चंद्रा से जानना चाहा कि आखिर‚ इस समस्या के कारण और निवारण हैं क्याॽ पेश हैं बातचीत के मुख्य हिस्से. Posted on 14 Jul, 2024 04:01 PM

प्रश्न - जलभराव से आखिर‚ कैसे निपटा जाएॽ 

- रेनी सीजन से पूर्व मई–जून की तैयारियों में और जोर देना होगा। दिल्ली नगर निगम‚ दिल्ली जल बोर्ड और लोक निर्माण विभाग को आपस में तालमेल बिठाना चाहिए। समस्या होने पर एक–दूसरे पर आरोप–प्रत्यारोप से बचें। निपटने के इंतजाम ईमानदारी से हों। बारिश से पहले जल बोर्ड पंप सेट‚ सीवरेज ट्रॉली और सीवर जेटिंग मशीन से पूरी दिल्ली के नालों की माद निकाली जाए। स

शहरी बाढ़ (courtesy - needpix.com)
संदर्भ दिल्ली बाढ़: प्रशासनिक खींचतान को भुगत रही दिल्ली
नागरिकों को परेशानी की एक बड़़ी वजह भाजपा और आप के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान भी है। दिल्ली नगर निगम में डे़ढ़ साल से स्टैंडिंग कमेटी ही नहीं बनी है‚ जोनल कमेटियां भी नहीं बनाई गई हैं। इनके बिना नगर निगम में कैसे काम हो रहा होगा समझ में आ जाता है। दिल्ली में गंदी राजनीति चल रही है‚ उपराज्यपाल भी सिर्फ बयान देते हैं। भाजपा नगर निगम की सत्ता हथियाना चाहती है। प्रस्तुत आलेख राष्ट्रीय सहारा अजय तिवारी से बातचीत पर आधारित है। Posted on 12 Jul, 2024 09:49 AM

दिल्ली में 17 नाले ऐसे हैं जिनका पानी यमुना में ड़ाला जाता है। पिछले दस साल से तो इन नालों की सफाई ईमानदारी से कभी हुई ही नहीं। सीवर भी इन्हीं नालों में ड़ाला जाता है। सीवर और भवन निर्माण से निकली सामग्री नालों की तलहटी (या तल) में चिपक जाती है जिसकी वजह से थोड़़ी सी बारिश होने पर भी नालों में पानी का भारी जमाव हो जाता है। अनधिकृत कालोनियों में से आधी में जल निकाली (ड्रे़नेज) जैसी व्यवस्था ही न

शहरी बाढ़ (courtesy needpix.com)
संदर्भ दिल्ली बाढ़: कचरा प्रबंधन के बिना बाढ़ मुक्ति नहीं
मैंने अपनी किताब ‘स्टेट ऑफ द कैपिटलः क्रिएटिंग अ ट्रूली स्मार्ट सिटी' में इस बात की विस्तार से चर्चा की है कि राजधानी में बेहतर नगर नियोजन कैसे किया जा सकता है। इसमें मेरे दिल्ली नगर निगम में आयुक्त के रूप में चार साल (2008 से 2012) के दौरान हुए अनुभव से निकले समाधानों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। इसमें अनियंत्रित निर्माण की भी चर्चा है और इस बात का भी उल्लेख है कि अतिक्रमण की वजह से दिल्ली की सड़कें छोटी हो गई हैं। इस किताब में मैंने दिल्ली को सुंदर और व्यवस्थित शहर बनाने के लिए स्वच्छता और जलभराव समेत कई अन्य विषयों पर भी प्रकाश डाला है। यह आलेख राष्ट्रीय सहारा के अजय तिवारी से बातचीत पर आधारित है। Posted on 08 Jul, 2024 09:38 AM

इस बार देश की राजधानी दिल्ली में हुए जलभराव की काफी चर्चा हो रही है। जलभराव की वजह से लोगों का जनजीवन प्रभावित होता है‚ और उन्हें परेशानी होती है। इसलिए चर्चा होने स्वाभाविक है। अगर इस समस्या को दो प्रश्नों के जरिए समझा जाए तो यह विषय संभवतः ठीक से समझ में आएगा। जलभराव क्यों हुआॽ क्या जलभराव रोका जा सकता हैॽ दिल्ली में 28 नाले हैं‚ जिनमें दिल्ली की बस्तियों और कॉलोनियों का पानी होता है। इन नालो

बाढ़ (courtesy - needpix.com)
दिल्ली में क्लाउड सीडिंग या आर्टिफिशियल रेनमेकिंग (Cloud seeding in Delhi in Hindi)
नभाटा की रिपोर्ट के अनुसार क्लाउड सीडिंग एक मौसम संशोधन तकनीक है जो बादलों पर विभिन्न पदार्थों को छोड़कर बारिश या बर्फ को उत्तेजित करने का लक्ष्य रखती है। इसके लिए सिल्वर आयोडाइड या ड्राई आइस (ठोस कार्बन डाईऑक्साइड) को रॉकेट या हवाई जहाज के ज़रिए बादलों पर छोड़ा जाता है।इस प्रक्रिया में बादल हवा से नमी सोखते हैं और कंडेस होकर उसका मास यानी द्रव्यमान बढ़ जाता है। इससे बारिश की भारी बूंदें बनती हैं और वे बरसने लगती हैं।



Posted on 14 Nov, 2023 12:54 PM

दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है, और स्मोग ने उसको और खतरनाक बना दिया है। एक्यूआई यानी एयर-क्वालिटी-इंडेक्स बता रहा है कि दिल्ली की हवा दम घोंट रही है। दिल्ली सरकार दम घोंटू हवा से राहत के लिए क्लाउड सीडिंग को एक समाधान के रूप में देख रही है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बढ़ते प्रदूषण स्तरों से निपटने के एक उपाय के रूप में क्लाउड सीडिंग को ट्रिगर करने का प्रयास करन

क्लाउड सीडिंग
प्रदूषण को रोकने के लिए देश को एक व्यापक नीति की आवश्यकता
वायु प्रदूषण के कारण जो जहरीले कण हवा में फैलते हैं, वे बहुत ही नुकसानदायक होते हैं, क्योंकि वे नाक और गले को छोड़कर सीधे फेफड़ों में घुस जाते हैं और खून में मिल जाते हैं। इन कणों से दूषित हवा को लम्बे समय तक सांस के रूप में लेने से फेफड़ों के रोग के साथ-साथ कैंसर और दिल के रोग जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हवा में पीएम 2.5 कणों का स्तर पांच माइक्रोग्राम प्रति वर्गमीटर से अधिक नहीं होना चाहिए, लेकिन हाल ही में दिल्ली के आनंद विहार में पीएम 2.5 का घनत्व 290 प्रति वर्गमीटर तक पहुंच गया था Posted on 10 Nov, 2023 01:52 PM

दिल्ली के वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसे जनता की सेहत के लिए एक खतरनाक मुद्दा बताया और राज्य सरकारों को फटकारते हुए कहा कि वे एक-दूसरे को दोषी ठहराने की बजाय पराली जलाने पर तुरंत प्रतिबंध लगाएं। सुप्रीम कोर्ट ने 1986 में वकील महेश चंद्र मेहता की जनहित याचिका के आधार पर दिल्ली में प्रदूषण की समस्या का निरीक्षण करना आरंभ किया था। तब से लेकर अब तक सुप्रीम कोर्ट ने स

दिल्ली के वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति
40% बादल आकाश में छाए रहें तो कृत्रिम बारिश की है संभावना
कृत्रिम बारिश में बादलों में कुछ रासायनिक पदार्थ जैसे सिल्वर आयोडाईड, ड्राई आइस या साधारण नमक डाले जाते हैं। इसे क्लाउड सीडिंग का नाम दिया गया है। इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक करने के लिए प्राकृतिक बादलों की उपस्थिति आवश्यक है Posted on 10 Nov, 2023 12:22 PM

दिल्ली में कृत्रिम बारिश का प्रयोग 20 और 21 नवंबर को पहली बार होने की संभावना है। इन दिनों राजधानी में हल्के बादल भी छाए रहने की उम्मीद है। इसलिए इन दिनों के लिए ट्रायल करने की तैयारी चल रही है। इस प्रयोग के बारे में बुधवार को आईआईटी कानपुर के साथ पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और अन्य अधिकारी बैठक करते हैं। बैठक के बाद गोपाल राय ने कहा कि नवंबर के शुरुआत से ही दिल्ली में हवा की रफ्तार बहुत कम है। इ

40% बादल आकाश में छाए रहें तो कृत्रिम बारिश की है संभावना
पराली तो बदनाम है, हवा को जहरीला बनाता है जाम का झाम
दिल्ली और उससे सटे इलाकों के प्रशासन वायु प्रदूषण के असली कारण पर बात ही नहीं करना चाहते। कभी पराली तो कभी आतिशबाजी की बात करते हैं। अब तो दिल्ली के भीतर ट्रक आने से रोकने के लिए ईस्टर्न पेरिफरल रोड भी चालू हो गया है, इसके बावजूद एमसीडी के टोल बूथ गवाही देते हैं कि दिल्ली में घुसने वाले ट्रकों की संख्या कम नहीं हुई है। ट्रकों को क्या दोष दें, दिल्ली-एनसीआर के बाशिंदों का वाहनों के प्रति मोह हर दिन बढ़ रहा है Posted on 07 Nov, 2023 02:22 PM

अभी मौसम की रंगत थोड़ी ही बदली थी कि दिल्ली में हवा मौत बांटने लगी। बयानबाजी, आरोप- प्रत्यारोप, सरकारी विज्ञापन, बंद हो गए स्मॉग टावर और सड़क पर पानी छिड़कते वाहन, सभी कुछ इस तरह हैं कि नल खुला छोड़ दो और फर्श पर पोछा लगाओ। हालांकि दिल्ली और उसके आसपास साल भर ही हवा जहरीली रहती है कि लेकिन इस मौसम में स्मॉग होता है, तो इसका ठीकरा किसानों पर फोड़ना सरल होता है। हकीकत यह है कि दिल्ली अपने ही पाप

पराली तो बदनाम है, हवा को जहरीला बनाता है जाम का झाम
दिल्ली का वायु संकट केवल पराली जनित नहीं
सीएनजी के पहले के दौर के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण का यह दूसरा दौर दशकों से बना हुआ है। दिल्ली की सलाना वायु प्रदूषण की स्थिति को मार्च से सितम्बर तक और अक्टूबर से फरवरी तक के समय काल में बांटा जा सकता है। मार्च से सितम्बर में एक्यूआई अच्छा से मध्यम (2000 तक) रहता है, वहीं जाड़े की शुरुआत के साथ एक्यूआई खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है। 2016 में तो यह 999 को भी पार कर चुका था, जिसे अब लंदन स्मॉग की तर्ज पर 'दिल्ली स्मॉग' के रूप में याद किया जाता है। साल में अधिकतर दिन एक्यूआई मध्यम (101-200) स्तर का होता है।  Posted on 07 Nov, 2023 02:11 PM

सर्दी के आगमन के साथ दिल्ली में हवा के जहरीले होने की चर्चा सुर्खियों में है। दशकों से चर्चा का प्रारूप भी एक सा ही है, जिसमें पराली जलाना, पराली निस्तारण, प्रदूषण के लिए अनुकूल मौसम, पटाखे वाले त्योहार आदि-आदि। इस बार भी वायु प्रदूषण सूचकांक (एक्यूआई) अक्टूबर में ही 300 के पार हो गया। आखिर के चार दिनों से लगातार बहुत खराब स्तर पर बना हुआ है। यही हालत दिल्ली एनसीआर के ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गा

दिल्ली का वायु संकट केवल पराली जनित नहीं
प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र से मांगा सहयोग
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र को कहा कि  दिल्ली के प्रदूषण के लिए आंतरिक और बाहरी स्रोतों का अनुपात 31:69 है, जैसा कि  सरकार को पत्र में बताया है। उन्होंने कहा है कि सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत ऊंचा हो जाता है, जिसके लिए दिल्ली सरकार ने 15 बिंदुओं का विंटर एक्शन प्लान तैयार किया है। Posted on 20 Oct, 2023 05:35 PM

दिल्ली के प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्र और पड़ोसी राज्यों के बीच समन्वय की मांग करते हुए, राज्य के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि प्रदूषण का समस्या को हल करने के लिए, पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों से जल्द ही बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने पत्र में यह भी बताया है कि दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारक

प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र से मांगा सहयोग
खुला खत - राजधानी को प्रलय से बचाने के लिए यमुना को जल स्वराज्य चाहिए
राजधानी दिल्ली यूँ तो समय-समय पर सुखाड़-बाढ़ के प्रलय झेलती रही है। भारत की राजधानी सुखाड़ के प्रलय से सबसे पहले फतेहपुर सीकरी से उजड़कर आगरा आयी थी। आगरा में युमना के किनारे लम्बे समय तक हमारी राजधानी रही। फिर आगरा से उजड़कर दिल्ली आयी। Posted on 18 Jul, 2023 12:05 PM

प्रिय श्री अरविन्द केजरीवाल जी,
नमस्कार

 सुखाड़-बाढ़ के प्रलय,PC-विकिपीडिया
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