दिल्ली

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जल में बसा देवता
Posted on 21 Sep, 2008 08:47 PM

वे पुरोगामी पुरुष हैं। कार्यकर्ता तो आपको बहुत मिलेंगे, परंतु कर्म व ज्ञान का सम्मिश्रण आपको अनुपम मिश्र में ही मिलेगा। ज्ञान, कोरी सूचना भर नहीं, अनुभव की आंच में तपा हुआ अर्जित ज्ञान। उनका समूचा जीवन जल के प्रति एक सच्ची प्रार्थना रहा है। तीन दशकों से भी अधिक समय से वे भारत के लुप्त होते जल संसाधनों को बचा रहे हैं। इसलिये उनका प्रत्येक शब्द एक दस्तावेज बनता है, जहाँ वे जल संकट के विभिन्न पहलु

बाढ़
क्षमा करें, देवी यमुने
Posted on 19 Sep, 2008 08:37 PM

उस दिन भी यमुना से गुजरा। पुल से ही यमुना पर नजर डाली और हल्की उदासी से घिर गया। दिल्ली में यमुना पार ही रहता हूं। रोज यमुना से ही गुजरता हूं। वहां से गुजरते हुए अक्सर सोचता हूं कि क्या यमुना को हम जीते हैं, यमुना तो बस शहर से गुजरती है। लेकिन हमें कहां एहसास होता है कि एक महान नदी हमारे बीच बहती है, यमुना से हम बस आर-पार ही होते हैं। कितनी अजीब बात है कि इस महानगर को --- फीसदी पानी देने वाली न

यमुना तो फिर भी मैली
Posted on 19 Sep, 2008 07:44 PM

पांच दिन के सफाई अभियान में नदी से करीब 600 टन कचरा निकाला गया मगर यमुना जल को वाकई स्वच्छ बनाने के लिए बहुत कुछ करना जरूरी है

सूचना का अधिकार अधिनियम
Posted on 18 Sep, 2008 01:47 PM

सूचना का अधिकारसूचना

सूचना का अधिकार
गली नियंत्रण संरचनाएं/ रोक बांध/ बंधारे/ चेक डैम
Posted on 16 Sep, 2008 07:17 AM

ये संरचनाएं अपवाह वेग नियंत्रण, जल धाराओं का जल संग्रहण, मृदा अपरदन को रोकने में प्रयुक्त होती है। प्रमुखतया गली निंयत्रण की निम्नलिखित संरचनाएं प्रयोग में लाई जाती है। चेकडैम से कठोर चट्टानी क्षेत्रों में भी मौजूद रोक बांधों से भी जल का संग्रहण किया जा सकता है, लेकिन इसमें एक खतरा यह होता है कि इनका सतह फैला होने के कारण काफी जल वाष्पित हो जाता है। रोक ब

भारत में औसत वार्षिक जल संसाधन क्षमता का मूल्यांकन
Posted on 10 Sep, 2008 02:56 PM

छत्तीसगढ़ न्यूज/ देश में सतही और उप-सतही स्रोतों से जल की उपलब्धता का समुचित मूल्यांकन उचित आयोजना, विकास और प्रबंधन का आधार है। जल संसाधनों की आयोजना, विकास और प्रबंधन को बहु-क्षेत्रीय, बहु-विभागीय और भागीदारीपूर्ण दृष्टिकोण के साथ ही राष्ट्रीय जल नीति, 2002 के अनुसार समन्वित गुणवत्ता, संख्या और पर्यावरण संबंधी पहलुओं पर आधारित एक जलविज्ञान इकाई के आधार

khet talab
भूक्षरण या मृदा-अपरदन ( Erosion or Soil-erosion in Hindi)
Posted on 08 Sep, 2008 06:51 PM
भूक्षरण या मृदा-अपरदन का अर्थ है मृदा कणों का बाह्‌य कारकों जैसे वायु, जल या गुरूत्वीय-खिंचाव द्वारा पृथक होकर बह जाना। वायु द्वारा भूक्षरण मुख्यतः रेगिस्तानी क्षेत्रों में होता है, जहाँ वर्षा की कमी तथा हवा की गति अधिक होती है, परन्तु जल तथा गुरूत्वीय बल द्वारा भूक्षरण पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक होता है। जल द्वारा भूक्षरण के दो मुख्य चरण होते हैं- पहले सतही भूमि से मृदा कणों का पृथक
जल प्रदूषण के कारण और प्रभाव | Water Pollution in Hindi
इस ब्लॉग में हम जल प्रदूषण के कारणों और प्रभावों को समझेंगे | Know and understand the causes and effects of water pollution in hindi. Posted on 07 Sep, 2008 11:06 PM

जल प्रदूषण : कारण, प्रभाव एवं निदान (Water Pollution: Causes, Effects and Solution)


‘जल प्रदूषण’ केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, 2011

water pollution
सिमट गई दिल्ली की खेती, पानी गया सूख
Posted on 07 Sep, 2008 12:25 AM

कपिल शर्मा/बिजनेस स्टैंडर्ड/ नई दिल्ली: पिछले दस सालों में दिल्ली में हुए औद्योगीकरण ने जहां एक ओर शहर की फिजां को बदला है वहीं दूसरी ओर कृषि को सीमित करके भूमिगत जल के लिए नई समस्याएं खड़ी कर दी है। अनुमानों के हिसाब से पिछले दस साल में दिल्ली का 60 फीसदी कृषि क्षेत्र समाप्त हो चुका है और इनकी जगह नई-नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हो चुकी है। कृषि विभाग के

farm of delhi
छत के पानी का एकत्रीकरण (Roof Top Water Harvesting)
Posted on 06 Sep, 2008 11:45 AM वर्षाजल संग्रहण अथवा एकत्रीकरण की इस प्रणाली में घरों की छतों पर पड़ने वाले वर्षा जल को गैलवेनाईज्ड आयरन, एल्यूमिनियम, मिट्टी की टाइलें अथवा कंक्रीट की छत की सहायता से जल एकत्रीकरण के लिये बने टंकियों अथवा भूजल रिचार्ज संरचना से जोड़ दिया जाता है। इस प्रकार एकत्रित जल का प्रयोग सामान्य घरेलू उपयोग के अलावा भूजल स्तर बढ़ाने में भी किया जाता है।
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