देहरादून जिला

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दून के लिये सौंग-सूर्याधार प्रोजेक्ट से पानी
Posted on 23 Mar, 2018 01:34 PM
सिंचाई विभाग की अत्यंत महत्वाकांक्षी सौंग नदी बाँध और सूर्याधार बैराज प्रोजेक्ट के लिये राज्य सरकार ने बजट में चालीस करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इससे इस योजना के जल्द शुरू होने के आसार हैं। अगले 30 साल तक समूचे देहरादून की पेयजल समस्या को दूर करने के लिये डिज़ायन किए गए इस प्रोजेक्ट के लिये सरकार ने लगभग एक हजार करोड़ रुपये विश्व बैंक और दूसरे संसाधनों से जुटाने का लक्ष्य रखा है।
रंग लाई भेलडुंग के ग्रामीणों की मेहनत
Posted on 23 Mar, 2018 01:20 PM

सप्ताह भर पहले सोशल मीडिया के माध्यम से जब सेना में कार्यरत स्थानीय निवासी धर्मेंद्र जुगलान ने गाँव में पानी की किल्लत का समाचार पढ़ा तो वे स्वयं अवकाश लेकर गाँव पहुँच गये और जल संरक्षण कर रहे स्थानीय लोगों के सहयोग में जुट गए। देखते ही देखते मेहनत रंग लाई। वर्ष 2014 में बैरागढ़ आपदा की और बादल फटने की घटना से क्षतिग्रस्त प्राकृतिक जल स्रोतशिला गदन से पानी के तीन पाइपों को जोड़कर एक बड़े पाइप में जोड़ दिया गया।

पलायन का पर्याय बने उत्तराखण्ड के युवा अब अपनी पूर्वजों की धरती के संरक्षण को जाग्रत होने लगे हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा और पानी की गम्भीर समस्या से जूझते लोगों को जब कोई सहारा नहीं मिला तो ग्रामीणों ने पलायन का रास्ता अपनाया। किन्तु धीरे-धीरे प्रवासियों को अपने पूर्वजों की माटी और उजड़ती तिबारियों की पीड़ा भी सताती रही।

ऋषिकेश से मात्र एक घंटे के सफर की दूरी पर बसे गाँव भेलडुंग के मूल निवासी एक माह से जलसंकट से जूझ रहे थे। इसी बीच जल संरक्षण के लिये प्रवासी गाँववासियों ने प्रयत्न कर रहे स्थानीय लोगों के सहयोग में जुट गए।
आज पानी नहीं बचाओगे तो कल क्या पियोगे
Posted on 22 Mar, 2018 03:06 PM
गर्मियों में कई क्षेत्रों में पानी की किल्लत होती है। इस दौरान जल संरक्षण पर कई प्रकार की बातें होती हैं लेकिन ठोस कदम नहीं उठाये जाते। इस पर गम्भीरता से सोचने की जरूरत है।
जीवन का आधार हैं वृक्ष
Posted on 22 Mar, 2018 02:54 PM
एक पेड़ अपने पूरे जीवनकाल में हर तरह से मनुष्य के काम आता है। भोजन प्रदान करने, छाँव देने, घर बनाने को लकड़ी देने से लेकर सांसे लेने के लिये जीवनदायिनी ऑक्सीजन भी देता है। आपके आस-पास जितने अधिक पेड़ उतना कम प्रदूषण। इसके बावजूद आधुनिकता की अंधाधुंध दौड़ में जंगलों की कटाई तेजी से जारी है। 2016 में कुल 7.3 करोड़ एकड़ वन क्षेत्र का खात्मा हुआ। वनों को बचाने और धरती को हरा-भरा बनाए रखने के लिय
रिस्पना नदी को नया जीवन देंगे तालाब
Posted on 19 Mar, 2018 01:04 PM
तालाबों के माध्यम से रिस्पना नदी को नया जीवन मिलेगा। साथ ही नदी का जलस्तर बढ़ाने के लिये 5300 रिसाव टैंक बनेंगे। इन सभी कार्यों पर आने वाला खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। वन विभाग ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नदी के पुनर्जीवन के लिये जो प्रोजेक्ट भेजा था, उसे हरी झंडी मिल गई है।
उत्तराखण्ड के धधकते जंगल - कब बुझेगी आग
Posted on 09 Mar, 2018 03:15 PM
71 फीसद वन भू-भाग वाले उत्तराखण्ड में वनों को बचाना एक बड़ी चुनौती है। पिछले
जंगल में आग
ग्रामीणों ने कड़वापानी जलस्रोत का किया पुनरुद्धार
Posted on 01 Mar, 2018 03:05 PM


उत्तराखण्ड की अस्थायी राजधानी देहरादून कभी बासमती चावल, लीची फल के लिये देश में विख्यात थी। अब सिर्फ-व-सिर्फ बासमती की खुशबू ही बची है। बासमती का स्वाद चखना स्थानीय लोगों के लिये भी मुश्किल होने लगा है। कारण अधिकांश खेती में कंक्रीट के जंगल उग आये हैं तो बची-खुची जमीन सिंचाई के अभाव में असिंचित में बदल रही हैं।

कड़वापानी जलस्रोत की सफाई करते ग्रामीण
प्लास्टिक बोतलों की रिसाइकिलिंग से बचेगा पर्यावरण
Posted on 27 Feb, 2018 01:39 PM

यदि पर्यावरण बचाने की कोशिश रंग लाती है तो यह अभियान सफल होने में देर नहीं लगाएगा। जानकारों का कहना है कि

खेती-किसानी
Posted on 26 Feb, 2018 02:01 PM
असल में राज्य के 95 विकासखण्डों में से 71 में खेती पूरी तरह बारिश पर निर्भर ह
घटते जंगल, बढ़ती आमदनी, कहीं साजिश तो नहीं
Posted on 22 Feb, 2018 02:20 PM
भारतीय वन सर्वेक्षण की हालिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में कम घने वनों का क्षेत्रफल पिछले कुछ वर्षों से घटता जा रहा है। कम घने वनों का घटता क्षेत्रफल आबादी एरिया के आस-पास है। ऐसे में चौंकाने वाला तथ्य यह है कि बीते वर्षों में वनोपज का दोहन करने वाले उत्तराखंड वन विकास निगम की आमदनी लगातार बढ़ रही है। अपनी स्थापना के पहले वर्ष में जहाँ यूएफडीसी को 398.75 लाख रुपये की आमदनी हुई थी। वहीं
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