देहरादून जिला

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घटते वन, बढ़ती आपदाएं
Posted on 20 Oct, 2016 03:37 PM

जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदा, बाढ़, तूफान, भू-स्खलन आदि वैश्विक समस्याएं हैं। अतः समय-स

उत्तराखण्ड में भूकम्पीय जोखिम
Posted on 20 Oct, 2016 03:14 PM

हिमालय में आने वाले भूकम्पों की स्थिति देखें तो प्रतीत होता है कि अधिकांशतः भूकम्प मुख्य

मिलानकोविच चक्र एवं हिमाच्छादित पृथ्वी
Posted on 13 Oct, 2016 04:53 PM

मिलानकोविच चक्र के आधार पर जलवायु परिवर्तन क्रर्मिक रूप से सालों साल इसी तरह होता रहेगा।

भूवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में पृथ्वी के वायुमंडल में ऑक्सीजन, प्रारम्भ से वर्तमान तक
Posted on 13 Oct, 2016 03:49 PM
‘‘किस प्रकार के जैविक, रासायनिक और भूभौतिकीय कारणों से वायुमण्डल अस्तित्व में आया और फिर जिसने जटिल जीवों के विकास का मार्ग सुगम बनाया ?’’ सरीखे अभूतपूर्व प्रश्न को केंद्र बिंदु बनाकर 2008 में साइंस में फकोसकी तथा इसोजोकी ने भूविज्ञान परिचर्चा में ‘ऑक्सीजन की कहानी’ शीर्षक के अंतर्गत अपना मत व्यक्त करते हुए निम्नवत तथ्य प्रस्तुत किये।
वैश्विक तापमान वृद्धि: सच्चाई या सुनियोजित भ्रमजाल
Posted on 10 Oct, 2016 04:55 PM
वातावरण में हो रहे परिवर्तनों एवं तत्संबंधी पारस्थितिकीय कारकों की नब्ज टटोलना इंसान की वंशानुगत जिज्ञासा रही है। विषय, विज्ञान परख होने के कारण इसकी जिम्मेदारी भी वैज्ञानिक समुदाय की ही रही है एवं प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर ही राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य वैज्ञानिकों व आम जनमानस की सोच एवं धारणा भी परिवर्तित हो जाती है। यहाँ तक कि स्थानीय स्तर से लेकर वैश्विक स्तर पर विकास ए
भूस्खलन
Posted on 10 Oct, 2016 03:37 PM
भूस्खलन की समस्या ढालों की स्थिरता की समस्या है। इस समस्या के कारण बहुमुखी हैं, जैसे कि हम एक सतत गतिशील धरती में रहते हैं जिसमें पृथ्वी के घूर्णन के अलावा बाहरी परत में ऊपर नीचे गतिशीलता भी रहती है। धरती की भीतरी परतें तो द्रव समान हैं ही। पृथ्वी की बाहरी सतह की गतिशीलता में एक जटिल गतिकीय सिस्टम कार्य करता है जिसमें कई अन्योन्याश्रित परिस्थितियाँ भूभाग की दर्शनीय स्थिति को मन्थर गति से परि
भू-विज्ञान और भारत
Posted on 10 Oct, 2016 03:24 PM
गत वर्ष 11 मार्च को जापान में आई सुनामी और भूकम्प जैसी भौमिकीय घटनाओं के बाद मीडिया के विभिन्न माध्यमों में इनके स्वरूप, कारणों आदि पर विविध प्रकार की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इसने आम लोगों को भी अपने प्रति और परिवेश के संबंध में नए सिरे से विचार करने को प्रेरित किया है। और इसी परिप्रेक्ष्य में पृथ्वी तथा इसके परिवेश को सर्वाधिक निकटता से अध्ययन करने वाले विषय भू-विज्ञान की उपयोगिता सामने आती
जलवायु परिवर्तन पर महागोष्ठी
Posted on 10 Oct, 2016 11:56 AM
शाम को भोजन के समय परिवार की तीन पीढ़ियों की एकत्रित मंडली में दादी जी द्वारा सुनाई जा रही पुरानी कहानियाँ उनकी पोती को मनोरंजक तो लगी परन्तु कुछ अंश तर्कपूर्ण नहीं लगे। भोजन मंच पर छोटे बच्चों के चुप रहने की खानदानी परम्परा का उल्लंघन करते हुए पोती ने प्रस्ताव रखा, दादी जी!
उत्तर पश्चिम हिमालय का एक अल्प प्रयोग में लाया जाने वाला फल का पेड़ : भारतीय जैतून (आलिया फैरूजीनियाँ रॉयल)
Posted on 10 Oct, 2016 11:43 AM

बहुत सारे अध्ययनों से पता चला है कि जैतून के फल व पत्तियों में अत्यधिक मात्रा में पॉलिफिन

इन्डोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के भूकम्प एवं भारत
Posted on 10 Oct, 2016 11:35 AM
11 अप्रैल, 2012 को इन्डोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में आये दो तीव्र भूकम्पों (M > 8.0) से दक्षिण भारत, श्रीलंका, मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर तथा आस्ट्रेलिया तक भूकम्प के कम्पन महसूस किये गये। इन भूकम्पों का आकार 8.6 तथा 8.2 था। यह भूकम्प वाडिया भूविज्ञान संस्थान की सभी भूकम्प वेधशालाओं में अंकित किये गये। सुमात्रा में तीव्र भूकम्प 1833 से इतिहास में अंकित है। इसके बाद 2004, 2005, 2007, 2009
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