देहरादून जिला

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सूखे में भी उपयोगी है बारहनाजा
Posted on 08 Sep, 2017 10:54 AM


हाल ही में उत्तराखण्ड के बीज बचाओ आंदोलन के विजय जड़धारी जी ने बताया कि सूखे की स्थिति में भी वहाँ झंगोरा और मड़िया की फसल अच्छी है। यही खास महत्त्व की बात है बारहनाजा जैसी मिश्रित फसलों की। जहाँ एक ओर सूखे से हमारे मध्यप्रदेश के किसान परेशान हैं, उनकी चिंता बढ़ रही है, वहीं उत्तराखण्ड में बारहनाजा की कुछ फसलें किसानों को संबल दे रही हैं।

pahadi sanva ki kheer
नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा में तब्दील होगा स्पर्श गंगा बोर्ड
Posted on 07 Sep, 2017 10:25 AM
वैसे तो गंगा के सवाल पहले से ही गंगा के पानी के साथ तैरते रहे, परन्तु गंगा के सवाल वर्ष 1982 से इसलिये खड़े हैं कि गंगा संरक्षण और गंगा की अविरलता पर सरकारों ने अरबों रुपयों का वारा-न्यारा किया है। हालाँकि गंगा की धारा अपने प्राकृतिक स्वरूप से कुछेक जगहों को छोड़कर अविरल बहती रही है, मगर गंगा का पानी, बजट के आने से अत्यधिक प्रदूषित होता जा रहा है। गंगाज
हिमालय में प्राकृतिक आपदा और प्रबन्धन में सरकार की भूमिका (Role of Government in Natural Disasters and Management in the Himalayas)
Posted on 29 Aug, 2017 11:39 AM
मानव इस पृथ्वी पर आदिकाल से जीवन-निर्वाह करता आया है। प्रकृति के साथ रहते हुए वह आये दिन तमाम तरह की आपदाओं से भी संघर्ष करता रहा है। आपदाएँ चाहे प्राकृतिक हों या मानवजनित यह दोनों रूपों में घटित होकर मानव जीवन को प्रभावित करती हैं। आपदा का दुःखद परिणाम अन्ततः जन-धन व सम्पदा के नुकसान के रूप में हमारे सामने आता है। सामान्य बोलचाल की भाषा में किसी प्राकृतिक रूप से घटित घटना के फलस्वरूप जब मान
वर्षा जल के उपयोग से बढ़ी हरियाली (Greenery increased by Rain Water Harvesting)
Posted on 24 Aug, 2017 03:47 PM
पर्यावरण का बदलता परिवेश देश और दुनिया के लिये बड़ा घातक है। मोटी-मोटी सी एक बात हमारी समझ में आ जानी चाहिए, कि तमाम आर्थिक-सामाजिक पारिस्थितिकी गतिविधियाँ कहीं न कहीं प्रकृति से जुड़ी हैं। कई मामलों में खास तौर से पर्यावरण को बेहतर रखने के लिये प्राकृतिक रास्ता ही ढूँढना पड़ेगा।
भूमि एवं जल संरक्षण में बाँस का उपयोग (Importance of Bamboo in soil and water conservation)
Posted on 10 Aug, 2017 11:02 AM
बाँस, मनुष्य के लिये प्रकृति का अमूल्य उपहार है। बहुआयामी उपयोगों को देखते हुए इसे वनों का ‘हरा सोना’ कहा जाता है। यह पूरे विश्व में समुद्र तल से 7000 मीटर की ऊँचाई तक पाया जाता है। संसार भर में बाँस की 75 से अधिक प्रजातियाँ व 1200 से अधिक उपजातियाँ पाई जाती हैं। भारत में बाँस की 114 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। हमारे देश में कश्मीर घाटी को छोड़कर बाँस सर्वत्र पाया जाता है। भारत में बाँस क
जल संकट की चपेट में देहरादून
Posted on 29 Jun, 2017 10:59 AM


अब मात्र 10 से 15 दिनों के बाद उत्तराखण्ड में मानसून दस्तक दे देगा, जैसा की मौसम विभाग की भविष्यवाणी है। किन्तु इतने दिनों तक राज्यवासियों के हलक कैसे तर होंगे? जो अहम सवाल है। लगातार राज्य में भूजल का स्तर गिरते जा रहा है और सम्बन्धित विभाग है जो कुम्भकरणी नींद में डूबा है।

दून घाटी में बढ़ता जल संकट
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