देहरादून जिला

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जल संवर्द्धन की बात ना 100 दिनों और ना आने वाले दिनों में
Posted on 27 Jun, 2017 01:13 PM


सूचना एवं लोक सर्म्पक विभाग द्वारा आयोजित सरकार के सौ दिन पर एक विशाल सम्मेलन का आयोजन बीते 25 जून को राजधानी के विशाल मैदान परेड ग्राउंड में किया गया। इस सम्मेलन के पश्चात और पहले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने क्रमशः देहरादून के टपकेश्वर, मुख्यमंत्री आवास कैंट रोड देहरादून और उधम सिंह नगर में सरकार के 100 दिन की सफलता का बखान किया है।

उत्तराखण्ड सरकार के 100 दिन पूर्ण होने पर पुस्तिका का विमोचन करते मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत
पहाड़ी संस्कृति के बिखरने का कारण बनेगा चीड़
Posted on 19 Jun, 2017 04:04 PM
प्राचीन काल में भारत में ज्ञात सबसे असाध्य रोग क्षय रोग था, इसलिये इसे राज रोग भी कहा जाता था। ऐसा ज्ञात था कि इस रोग का मुख्य कारण फेफड़ों में आॅक्सीजन की कमी या खून बनने एवं साफ होने की प्रक्रिया का दूषित हो जाना था, प्राचीन आयुर्वेद के ज्ञाताओं ने इसका निदान प्राकृतिक रूप में करने का उपाय ढूँढ़ा कि ऐसे वृक्षों के समीप क्षय रोग से ग्रसित बीमार को र
वनों की चिंताजनक स्थिति
Posted on 18 Jun, 2017 03:03 PM


प्रतिनिधि/देहरादून। वन हमेशा से प्रकृति के प्रमुख स्वरूपों में रहे हैं और विश्व के सबसे महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन हैं। लाखों वर्षों से लोग आवास के लिये जंगलों पर आश्रित हैं। कई हजार सालों से लोग जंगल में रहते हैं और जंगल की पारिस्थितिकी पर निर्भर थे। कालान्तर में वनों पर राजस्व उगाही और खनिज दोहन के लिये अतिक्रमण और हमले होने लगे।

Forest Fire
क्या अब बच पायेंगे प्राकृतिक संसाधन
Posted on 20 May, 2017 11:39 AM
नैनीताल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में गंगोत्री और यमुनोत्री ग्ले
आस्था, आपदा और पर्यटन
Posted on 16 May, 2017 04:36 PM
हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड में पर्यटन-तीर्थाटन की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन आज भी यहां आने वालों की बड़ा हिस्सा चार धाम यात्रा और कुम्भ क्षेत्र हरिद्वार तक ही सीमित है। जरूरत ठोस कार्ययोजना बनाकर काम करने की है।
आपदा के आगे असहाय
Posted on 16 May, 2017 11:04 AM
सौ-सवा-सौ वर्षों के इतिहास को देखें तो उत्तराखंड को प्राकृतिक आपदाओं से जूझना पड़ा है। प्रकृति को छेड़ने और विकास के लिए उसके अति दोहन की प्रवृत्ति ने उत्तराखंड के जनजीवन को प्रभावित किया है। पलायन और गावों से लोगों के निकलने की एक बड़ी वजह आर्थिक दिक्कतों के साथ-साथ प्रकृति का प्रकोप भी रहा है।
उम्मीदों का प्रदेश, चुनौतियों का पहाड़
Posted on 15 May, 2017 04:54 PM
औसत विकास दर और प्रति व्यक्ति अनुमानित आय से राज्य की अच्छी तस्वीर बनती है, लेकिन यहां गरीबी के साथ-साथ क्षेत्रीय विषमताएं भी कायम हैं, जो भारी चिंता के विषय है, विभिन्न जिलों के जनसँख्या घनत्व में कायम अंतर को भी जल्द से जल्द पाटने की जरूरत है।
जल संरक्षण के नाम का केदारकुण्ड
Posted on 09 May, 2017 01:37 PM
सीमान्त जनपद उत्तरकाशी का ढ़काड़ा नाम का एक ऐसा गाँव जो हिमाचल और उत्तराखण्ड की सीमा पर स्थित है। इस गाँव से केदारनाथ की दूरी सैकड़ों किमी है। परन्तु गाँव में एक जलकुण्ड है, जिसे लोग केदारकुण्ड कहते हैं। जिस जमाने में इस कुण्ड की स्थापना हुई होगी उस जमाने में तो केदारनाथ की यात्रा पैदल ही नापनी पड़ती थी और महीनों लग जाते थे। ऐसा इस गाँव के लोग बताते हैं। फिर भी गाँव में केदारकुण्ड है। बरसात
उत्तराखण्ड के जंगलों में लगने वाली आग प्रशासन के लिये बनी चुनौती
Posted on 25 Apr, 2017 10:00 AM
देहरादून, 19 अप्रैल। उत्तराखण्ड में जंगलों में लगने वाली आग की समस्या से सूबे के वन विभाग को निजात नहीं मिल पा रही है। पिछले दो-तीन सालों से वन विभाग को सूबे के जंगलों में आग की विभीषिका से दो-चार होना पड़ रहा है। हर साल उत्तराखण्ड में 2 हजार दो सौ हेक्टेयर वन क्षेत्र आग की लपटों में सुलगता है। पिछले साल उत्तराखण्ड के जंगलों में भीषण आग फैलने से जहाँ विशालकाय पेड़ और कई जड़ी बूटियाँ जलकर खाक
‘नक़्शे’ पर देखें देश (Nakshe Portal - www.soinakshe.uk.gov.in)
Posted on 24 Apr, 2017 08:58 PM

नई दिल्लीः प्रशासन, सुरक्षा, कृषि, सिंचाई, वन-प्रबंध, उद्योग, संचार आदि विविध क्षेत्रों में रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए मानचित्र पहली आवश्यकता है। किसी देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मानचित्र बेहद जरूरी होते हैं। भारतीय सर्वेक्षण विभाग (एसओआई) ने अपनी स्थापना की 250वीं वर्षगाँठ के मौके पर नया वेब पोर्टल ‘नक़्शे’ लांच किया है, जिस पर देश के विभिन्न हिस्सों के ओपन सीरी

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