चेन्नई जिला

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यह प्राकृतिक आपदा नहीं मानवीय आपदा है
Posted on 31 Dec, 2015 12:53 PM
लौटता मानसून दक्षिण भारत के खेतों को धान की हरियाली से भर देता है और किसानों के चेहरों को उम्मीद की मुस्कुराहट से। लेकिन अति किसी भी चीज की बुरी होती है, इस बार ये अति तमिलनाडु खासकर इस राज्य की राजधानी चेन्नई के लिये प्रलयंकारी साबित हुई।
चेन्नई बाढ़ त्रासदी से मिले सबक के बाद करें क्या
Posted on 24 Dec, 2015 04:51 PM बाढ़ ने दो हफ्ते तक चेन्नई को दहशत में बनाए रखा। इस आपदा में 200 से ज्यादा लोगों की मौत और आठ से दस हजार करोड़ के नुकसान के कारण राजनेताओं और सम्बन्धित सरकारी विभागों की चिन्ता स्वाभाविक थी। उनकी चिन्ता के प्रकार और उनकी चिन्ता की तीव्रता की जानकारी मीडिया लगातार देता रहा। यहाँ उसे दोहराने की जरूरत नहीं है।

ज्यादातर पर्यावरण कार्यकर्ताओं को जो पिछले एक डेढ़ साल से कुछ चुप से थे उन्हें भी अपनी ज़िम्मेदारी के कारण मुखर होना पड़ा। पूरी गम्भीरता से इतना सब कुछ होने के बाद भी इस हादसे या कुदरती आफ़त के तर्कपूर्ण कारणों या आगे से बचाव या रोकथाम के उपायों पर सुझाव निकलकर अभी भी आ नहीं पाये।

हो सकता है कि ऐसा इसलिये हुआ हो क्योंकि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अकादमिक और व्यावहारिक विद्वानों को आगे बैठाकर उनसे बात करने का चलन अभी शुरू नहीं हो पाया है।
चेन्नई की तबाही के पीछे का सच
Posted on 22 Dec, 2015 11:22 AM

चेन्नई पिछले दिनों आई भीषण बाढ़ की विभीषिका से धीरे-धीरे उबर रहा है। इसमें दो राय नहीं है कि चेन्नई ने इस बार जैसी बाढ़ का सामना किया, वैसी बाढ़ पिछले 100 सालों में चेन्नई में नहीं आई। इस बाढ़ ने पिछले 100 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया। इस बाढ़ से चेन्नई में तबाही का जो मंजर देखने को मिला, वह अभूतपूर्व था।

ड्रेनज सिस्टम बिगड़ा तो चेन्नई में आई बाढ़
Posted on 21 Dec, 2015 10:38 AM

चेन्नई सहित कई ऐसे शहर हैं जो पानी की कमी और बाढ़ की समस्या का सामना कर सकते हैं। दोनों सम

चेन्नई आपदा का दोषी कौन
Posted on 14 Dec, 2015 12:36 PM

चेन्नई का पानी अब धीरे-धीरे उतरने लगा है। अब इस भयावह प्राकृतिक आपदा के वजह की तलाश की जा रही है। इस तलाश में यह बात अब धीरे-धीरे स्पष्ट हो गई है कि चेन्नई में आई बाढ़ प्राकृतिक आपदा नहीं थी। यह मानव निर्मित आपदा थी।

यह तो जान लें कि उनकी जरूरत क्या है
Posted on 12 Dec, 2015 01:51 PM चालीस दिन से पानी में फँसे लेागों के लिये भोजन तो जरूरी है ही और उस
चेन्नई बड़ी चेतावनी है
Posted on 12 Dec, 2015 12:45 PM

चेन्नई व उसके आसपास के शहरी इलाकों की रिहायशी बस्तियों के जलमग्न होने का जो हाहाकर आज मचा है, असल में वहाँ ऐसे हालात बीते एक महीने से थे। यह सच है कि वहाँ झमाझम बारिश ने सौ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, लेकिन यह भी बड़ा सच है कि मद्रास शहर के पारम्परिक बुनावट और बसावट इस तरह की थी कि 15 मिमी तक पानी बरसने पर भी शहर की जल निधियों में ही पानी एकत्र होता और वे उफनते तो पानी समुद्र में चला जाता।

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