/regions/india
भारत
अब स्कूल्स वाटर पोर्टल
Posted on 11 Feb, 2009 09:36 AMस्कूल्स वाटर पोर्टल का उद्घाटन
इंडिया वाटर पोर्टल द्वारा हाल में शुरु किया गया स्कूल्स वाटर पोर्टल (Schools Water Portal), एक ऐसा अनोखा मंच है जहां अध्यापक, छात्र, माता-पिता और प्रधानाध्यापक एक साथ पानी के बारे में हर तरह की जानकारी हासिल कर सकते हैं।
इस होली पर पानी बचाईये…
Posted on 08 Feb, 2009 08:16 AMसिर्फ़ एक बार विचार कीजिये कि रोजाना हम पानी का उपयोग कितना बिना सोचे-समझे करते हैं। इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि रंगों के त्यौहार “होली” के कुछ दिन बाद ही “विश्व जल दिवस” (22 मार्च) आ रहा है। यह दिवस हमें होली के दिन पानी बचाने का संदेश दे रहा है। क्या आप पूरा एक दिन बिना पानी के गुजारने की कल्पना कर सकते हैं?
होली क्यों
Posted on 06 Feb, 2009 12:31 PMहोली एक ऐसा त्यौहार है जो ऋतुराज वसंत में आता है । इसी समय सर्दी का अन्त और ग्रीष्म का आगमन होता है । इस समय ऋतु-परिवर्तन से चेचक के रोग का प्रकोप होता है । इस संक्रामक रोग से बचने के लिये पुराने समय में टेसू के फूलों का रंग बनाकर एक-दूसरे पर डालने की प्रथा चलाई गई थी और यज्ञ की सामग्री में भी इन्हीं फूलों की अधिकता रखी गई थी जिससे वायु में उपस्थित रोग के कीटाणु नष्ट हो जायें । पर आज उस टेसू केअनशन का 23 वां दिन
Posted on 05 Feb, 2009 05:15 PMअनशन का 23 वां दिन
आज डॉ. जी.डी. अग्रवाल के आमरण अनशन का 23 वां दिन है। हमारे देश की यह बड़ी विडम्बना है कि एक श्रेष्ठ इन्जीनियर और पर्यावरण विद् अपनी आहुति देने को बैठा है और सरकारी नुमाईंदों के पास इतना समय भी नहीं है कि वे कम से कम अनशन स्थल पहुंच कर डॉ. अग्रवाल की मांगों को सुने और समझें।
Tags – G D Agrawal on fast for ganga, fast for ganga, fast unto death
बाढ़ के समय सावधानियां
Posted on 05 Feb, 2009 09:34 AMभारत में बाढ को आम खतरों में गिना जाता है। बाढ़ निम्नलिखित परिस्थितियों में खतरनाक हो सकती हैः
पानी अगर बहुत तेजी से बह रहा है
पानी अगर बहुत गहरा है
अगर बाढ़ का पानी तेजी से चढ़ गया है
अगर बाढ़ के पानी में पेड़ तथा कोरोगेटिड आयरन (नालीदार चादर) जैसा कचरा शामिल है
ऐसे तो नहीं रुकेगा नदियों का प्रदूषण
Posted on 30 Jan, 2009 06:37 PMभारत डोगरागंगा दशहरा अर्थात गंगा के अवतरण का पर्व। गंगा हमारे देश की जल संपदा की प्रतीक है। गंगा यानी नदी, जो सिर्फ जलराशि नहीं, जीवनदायिनी है। लेकिन आज हम अपनी नदियों के महत्व को भुला बैठे हैं। हम उनका सिर्फ दोहन ही कर रहे हैं। लेकिन हमारे देश में नदियों का प्रदूषण बेहद गंभीर रूप ले चुका है। अनेक नदियों के प्रदूषण को रोकने के प्रयास तो हो ही नहीं रहे हैं, चिंताजनक बात यह है कि गंगा और यमुना
लगी आज सावन की . . . . . .
Posted on 23 Jan, 2009 07:12 AMकौंधती बिजली, गरजते बादल और बरसती बूंदें...यही तो पहचान है मानसून की। मानसून की फुहारें जब तन के साथ मन को भिगोती हैं तो भारतीय जनमानस अलमस्त हो उठता है। सावन की इस ऋतु से हिंदी सिनेमा का एक खास और मधुर रिश्ता रहा है। बालीवुड फिल्मकारों का सावन और बरसात के प्रति अनुराग इस बात से ही झलकता है कि इन्हें केंद्र में रखकर कई फिल्मकारों ने सिनेमाई स्क्रीन पर यादगार प्रस्तुतियां की। कहा जाए तो सावन