सिर्फ़ एक बार विचार कीजिये कि रोजाना हम पानी का उपयोग कितना बिना सोचे-समझे करते हैं। इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि रंगों के त्यौहार “होली” के कुछ दिन बाद ही “विश्व जल दिवस” (22 मार्च) आ रहा है। यह दिवस हमें होली के दिन पानी बचाने का संदेश दे रहा है। क्या आप पूरा एक दिन बिना पानी के गुजारने की कल्पना कर सकते हैं? नहीं… पानी अनमोल है, इसलिये संकल्प करें कि इस होली पर पानी बचाकर न सिर्फ़ आप अपने बल्कि समूचे विश्व को एक नए रंग में रंग देंगे। खुशी और उल्लास से होली मनाईये, लेकिन पानी बचाने हेतु कुछ नुस्खे हम आपको दे रहे हैं, जिससे आप इस धरती को भी खुशहाल बनाने में मदद करेंगे, क्योंकि “जल है तो कल है…”-
1) सबसे पहले होली खेलने के लिये पानी की कुछ मात्रा तय कर लें, उसे अलग से स्टोर कर लें और कसम खायें कि चाहे जो हो जाये, जोश-जोश में या दिखावे के लिये इससे अधिक पानी होली पर खर्च नहीं करेंगे।
2) अधिक से अधिक सूखे रंगों से होली खेलें, अधिक से अधिक प्राकृतिक रंगों से होली खेलें, आजकल प्राकृतिक रंग आसानी से बाजार में उपलब्ध होते हैं।
3) बच्चों को गुब्बारे से होली ना खेलने दीजिये, एक तो उसमें पानी की मात्रा भी ज्यादा लगती है और दूसरे उससे चोट लगने का खतरा भी होता है।
4) जब यह तय हो जाये कि अब आपको होली नहीं खेलना है, उसी समय के बाद नहाने जायें, दो-तीन बार नहाना विशुद्ध रूप से पानी का दुरुपयोग है, बरबादी है।
5) किसी बगीचे या मैदान में समूह बनाकर होली खेलने का प्रयास करें ताकि घर में रंग न फ़ैलें, क्योंकि बाद में घर साफ़ करने में अधिकतम पानी खर्च होता है।
6) गहरे रंग वाले या काले कपड़े पहनकर होली खेलें, ताकि उन्हें धोने में कम पानी और मेहनत लगेगी।
7) होली खेलने से पहले पूरे शरीर और खासकर बालों पर अच्छी तरह से तेल मालिश कर लें या किसी लोशन का लेप लगा लें, इससे होली खेलने के बाद बालों और त्वचा का रंग छुड़ाने में बहुत ही कम पानी का लगेगा।
8) होली खेलने से पहले नाखून को पॉलिश कर लें, ताकि होली खेलने के बाद भी वे वैसे ही चमकते हुए दिखेंगे और उसकी अधिक सफ़ाई नहीं करना पड़ेगी।
9) यदि आप रंग खेलने से पहले लोशन, क्रीम या तेल लगाना भूल गये हैं तो कोई बात नहीं, रंग में भीग जाने के बाद तुरन्त नहाने न बैठ जायें, बल्कि जहाँ-जहाँ ज्यादा रंग लगा हुआ है वहाँ नारियल का तेल मसलें और कुछ देर इंतजार करें, इसके बाद एक बार नहाने से ही रंग छूट जायेगा, और पानी की बचत होगी।
10) यदि आप छत या बालकनी में होली खेलने जा रहे हैं तो पहले से ही उस जगह पर एक बड़ी सी तारपोलीन की शीट बिछा दें, ताकि रंग खेल चुकने के बाद उसे आराम से तुरन्त धोया जा सके और आपकी छत भी खराब न हो।
होली के बाद कम से कम पानी में घर साफ़ करने के तरीका –
दो बाल्टी पानी भरें, एक में साबुन के घोल वाला पानी और दूसरी में सादा पानी। दो बड़े स्पंज के टुकड़े लें, जिस जगह पर रंग ज्यादा हैं पहले वहाँ स्पंज से साबुन के पानी वाला घोल लगाकर उसे छुड़ाने का प्रयास करें, उसके बाद दूसरे स्पंज से सादा पानी में भिगोकर उसे हल्के से निकालें, इस प्रकार बहुत सा पानी बचेगा। सबसे अन्त में एक सूखे कपड़े से उस जगह को पोंछ दें। चुटकी भर वॉशिंग सोडे का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इस प्रकार आप नहाने और फ़र्श धोने में बहुत सा पानी बचा सकते हैं।
पर्यावरण को बचाईये –
जबकि इस होली के आसपास ही विश्व जल दिवस मनाया जायेगा, यह सिर्फ़ संयोग नहीं है, बल्कि प्रकृति का एक सन्देश है कि हम ये बात याद रखें कि इस धरती पर भीषण जल संकट है, विश्व की लगभग सवा छः अरब आबादी में से एक अरब जनसंख्या को पीने का साफ़ पानी भी उपलब्ध नहीं है। जबकि विभिन्न इलाकों में पानी के लिये लड़ाईयाँ जारी हैं। ऐसे में हम अपना त्यौहार कम से कम पानी से मनायें तो अच्छा होगा।
क्या हम होली के दौरान पानी बचा सकते हैं? क्या हमें पानी के अपव्यय के प्रति जागरुक नहीं होना चाहिये? क्या आपके पास पानी बचाने के और भी नये उपाय हैं? आपके सुझावों और अनुभवों का स्वागत रहेगा…
अनुवाद – सुरेश चिपलूनकर
साभार- इंडिया पैरेटिंग
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