भारत

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आंकड़े और संसाधन (Data & Resources)
Posted on 17 Dec, 2008 08:53 AM जल से संबंधित कोई भी ठोस काम करने के लिए सबसे पहले विश्वसनीय डाटा इकट्ठा करना एवं विस्तृत रुप से अनुसंधान करना आवश्यक है। आपकी सहायता के लिए यहाँ एकत्रित डाटा उपलब्ध है – नीतियां, कानून, अनुसंधान दस्तावेज और रिपोर्ट- जो कि उचित निर्णय लेने में आपकी सहायता करेंगी। यहाँ मौसम विज्ञान के संबंध में पिछले 100 साल के आंकड़े तथा भारत के नदियों के संग्रहण क्षेत्र के बारे में आंकड़े उपलब्ध हैं।
कोसी आपदा: पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण नीति
Posted on 15 Dec, 2008 11:09 AM कोसी नेपाल एवं भारत के बीच बहनेवाली, गंगा की सहायक नदी है, जिसका आवाह (जलग्रहण) क्षेत्र करीब 69300 वर्ग किलोमीटर नेपाल में है। यह कंचनजंगा की पश्चिम की ओर से नेपाल की पहाड़ियों से उतर कर भीमनगर होते हुए बिहार के मैदानी इलाके में प्रवेश करती है। यह एक बारहमासी नदी है प्रत्येक वर्ष कोसी नदी में बह रही गाद के कारण नदी के तट का स्तर बांध के बाहर की जमीन से ऊपर हो गया है।
हिंदी पोर्टल का उद्घाटन समारोह सम्पन्न
Posted on 06 Dec, 2008 07:11 AM

पानी का मुद्दा इतना संवेदनशील और गहरा है कि इसे जितना जानते हैं लगता है कि कम जानते है. ऐसे गंभीर विषय पर चर्चा और अपने अनुभवों का खुलासा करने के लिए हम आपका हार्दिक धन्यवाद करते हैं और साथ ही उम्मीद भी करते हैं कि आप इस पोर्टल को अपना ही समझकर निरंतर सहयोग करते रहेंगे क्योंकि पोर्टल किसी एक का नहीं, आप सभी का है। -रोहिणी निलेकणी

जल चक्र (Water Cycle Definition in Hindi)
Posted on 13 Oct, 2008 11:16 AM

जल चक्र (Water Cycle Definition in Hindi) 1. जल-चक्र - (पुं.) (तत्.) - निरंतर चलने वाली वह (अटूट) प्रक्रिया जिसमें पहले समुद्र का पानी भाप (वाष्प) बनकर बादल बनता है, फिर वही बादल पानी बरसाता है और फिर वही पानी नदियों से होता हुआ समुद्र में जा मिलता है। water cycle

water cycle
आईटीसी लिमिटेड: एकीकृत वाटरशेड विकास कार्यक्रम
Posted on 08 Oct, 2008 09:19 PM देश व्यापी कृषि आधारित कंपनी होने के नाते आईटीसी की मिट्टी और जल संरक्षण कार्यक्रम सात राज्यों में २३ जिलों के 450 गांवों के करीब 66,723 एकड़ क्षेत्र में फैला है। ३०,००० एकड़ से अधिक जलमग्न भूमि को सामान्य बनाया गया। करीब 4000 एकड़ अतिरिक्त ज़मीन को खेती के लायक बनाया गया और 35,000 एकड़ से अधिक कमान क्षेत्र को लाभ पहुंचा। इस प्रक्रिया में 311,480 लोगों के लिए काम की व्यवस्था हुई। इस कार्यक्रम के त
जल संरक्षण और अपशिष्ट जल प्रबंधन के कारपोरेटी प्रयास
Posted on 08 Oct, 2008 07:32 PM चूंकि कंपनियां पानी की सबसे बड़ी उपयोगकर्ता और उत्सर्जक हैं। ऐसे में भारत में पानी और सफ़ाई की स्थिति में कंपनियों की निर्णायक भूमिका है। खासतौर इस समय की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और औद्योगिक विकास के संदर्भ में इस पक्ष का महत्व और बढ़ गया है। कंपनियों की गतिविधियों का पर्यावरण और संसाधनों पर पड़ रहे असर की आलोचनात्मक परख के साथ-साथ यह भी ज़रूरी है कि पर्यावरण के नज़रिए से कंपनियों के ज़िम्मेदा
ग्लोबल वार्मिंग का बढ़ता खतरा और उपाय
जानिए कैसे हम ग्लोबल वार्मिंग को रोकने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के उपाय अपना सकते हैं | Get information about measures to stop global warming in hindi. Posted on 04 Oct, 2008 08:41 PM


कंक्रीट का जंगल?

जो पानी की बरबादी करते हैं, उनसे मैं यही पूछना चाहता हूँ कि क्या उन्होंने बिना पानी के जीने की कोई कला सीख ली है, तो हमें भी बताए, ताकि भावी पीढ़ी बिना पानी के जीना सीख सके। नहीं तो तालाब के स्थान पर मॉल बनाना क्या उचित है? आज हो यही रहा है। पानी को बरबाद करने वालों यह समझ लो कि यही पानी तुम्हें बरबाद करके रहेगा। एक बूँद पानी याने एक बूँद खून, यही समझ लो। पानी आपने बरबाद किया, खून आपके परिवार वालों का बहेगा। क्या अपनी ऑंखों का इतना सक्षम बना लोगे कि अपने ही परिवार के किस प्रिय सदस्य का खून बेकार बहता देख पाओगे? अगर नहीं, तो आज से ही नहीं, बल्कि अभी से पानी की एक-एक बूँद को सहेजना शुरू कर दो। अगर ऐसा नहीं किया, तो मारे जाओगे।

ग्लोबल वार्मिंग
परियोजना आधारित परियोजनाओं का ब्यौरा
Posted on 30 Sep, 2008 12:15 PM प्रदूषण के संदर्भ में मछली/सीप विविधता

परिकल्पना:
कम प्रदूषण स्तर वाले पानी में मछली की प्रजातियों की विविधता कहीं अधिक होती है।
कारण:
किसी खास क्षेत्र में जीवों के विशेष समुदाय मसलन पौधे, मछली या सरिसृप की विविधता का स्तर किन बातों पर निर्भर करता है इस पर कई परिकल्पनाएं हैं। विविधता के उच्च स्तर के लिए पर्यावरण अधिक उत्पादक और स्थिर होना चाहिए। इसी तरह ऐसे पर्यावरण जहां लंबे समय तक समुदायों का उद्भव हुआ हो, वहां भी विविधता का उच्च स्तर होने की उम्मीद की जाती है।
तुलनात्मक और प्रयोगशील दृष्टिकोण
Posted on 30 Sep, 2008 09:26 AM किसी भी वैज्ञानिक परिकल्पना की कई स्थितियों में जांच की ज़रूरत होती है। इस तरह की विभिन्नताएं मानवीय प्रबंधन से सृजित की जा सकती हैं जो प्रयोगशील तरीका है। या प्राकृतिक विभिन्नताओं का फायदा उठाया जाए जो तुलनात्मक विधि है। सामान्य प्रणालियों पर आधारित परिकल्पनाओं की जांच कई बार प्रयोगात्मक रूप से की जा सकती है। इस तरह की सामान्य परिकल्पनाएं किसी बड़ी खोज की ओर ले जा सकती हैं। किसी भी परिकल्पना की प
परिकल्पना-निष्कर्ष विधि
Posted on 30 Sep, 2008 09:21 AM “परिकल्पना-निष्कर्ष” विधि सभी वैज्ञानिक गतिविधियों का मूल प्रस्थान बिंदु है। वैज्ञानिक प्रगति प्रयोग योग्य परिकल्पनाओं के निर्धारण से ही विज्ञान की प्रगति होती है। दूसरे शब्दों में हर वैज्ञानिक परिकल्पना एक बयान पर आधारित होती है जिसकी प्रयोगों के आधार पर पुष्टि या खंडन किया जाता है। अगर उसे स्वीकार किया जाता है तो वह उन स्थितियों को वैध ठहराती है जिनके आधार पर वह परिकल्पना की गई होती है। स्वीकार
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