भारत

Term Path Alias

/regions/india

डॉ. जीडी अग्रवाल 5अगस्त 2009 से फिर आमरण अनशन पर
Posted on 10 Jul, 2009 08:19 AM

मुज़फ्फरनगर 7 जुलाई, 09। उत्तराखण्ड राज्य सरकार ने अपने 19 जून, 2008 के आदेश में अपनी भैरों घाटी तथा पाला-मनेरी जल-ऊर्जा परियोजनाओं पर तात्कालिक प्रभाव से कार्य रोक देने की और गंगोत्री से उत्तरकाशी तक भागीरथी गंगा जी के संरक्षण के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता की बात कही थी पर योजनाओं पर (विशेषतया पाला-मनेरी परियोजना पर) विनाशकारी कार्य भयावह गति पकड़ रहे हैं और उक्त आदेश कोरी धोखाधडी का रुप ले
'घनन-घनन घन घिर आए बदरा'
Posted on 08 Jul, 2009 10:39 AM

आकाश में छाए काले बादलों को देखकर किसका दिल झूमने नहीं लगता, चाहे वह जंगलों में रहने वाले मयूर हों, कवि हों, किसान हों या गर्मी से तपते हुए नगरवासी ।

फिर ये बादल भी कैसे-कैसे हैं; कोई तो काजल जैसे काले, कोई धुएं जैसे भूरे, कोई रूई के ढेर जैसे सफेद, तो कोई झीने दुपट्टे जैसे सफेद । इन्हीं बादलों पर अनगिनत कविताएं लिखी जा चुकी हैं, सैकड़ों फिल्मी गीत बनाए गए हैं, महाकवि कालीदास ने तो मेघदूतम् जैसा अमर महाकाव्य भी लिख डाला है । लेकिन बादलों की सुन्दरता अपनी चरम सीमा पर तब पहुंचती है जब शाम को ढलते सूरज या भोर के उगते सूरज की किरणें आकाश के साथ-साथ बादलों को भी नारंगी, लाल, पीला जामा पहना देती हैं ।

बजट में झील, नदियां
Posted on 07 Jul, 2009 09:29 AM
नई दिल्ली, 6 जुलाई 09। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को लोकसभा में वर्ष 2009-10 का बजट पेश करते हुए राष्ट्रीय नदी और झील संरक्षण योजना के लिए 562 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है।

सरकार पहले ही राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण का गठन कर चुकी है। वर्ष 2008-09 में राष्ट्रीय नदी और झील संरक्षण के लिए 335 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।

मुखर्जी ने बताया कि पिछले वर्ष जलवायु परिवर्तन संबंधी राष्ट्रीय कार्ययोजना प्रारंभ हुई थी। उसके तहत आठ राष्ट्रीय मिशनों की शुरुआत की जा रही है, जिनमें बहुआयामी, दीर्घावधिक तथा एकीकृत दृष्टिकोण होगा।
वैज्ञानिकों का पैनल करेगा संकट का समाधान
Posted on 06 Jul, 2009 01:52 PM
नई दिल्ली (आईएएनएस). पानी के लिए घंटों कतार में खडी रहने वाली गृहिणियों की दुर्दशा से द्रवित होकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अविलंब इसके समाधान की दिशा में प्रयास करने को कहा है. अदालत ने सरकार से वैज्ञानिकों का एक पैनल बनाने कहा है, जो पेयजल संकट से निपटने के तरीके सुझा सके.
नरेगा एक परिचय
Posted on 06 Jul, 2009 12:21 PM

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005

ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) 2005 सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जो गरीबों की जिंदगी से सीधे तौर पर जुड़ा है और जो व्यापक विकास को प्रोत्साहन देता है। यह अधिनियम विश्व में अपनी तरह का पहला अधिनियम है जिसके तहत अभूतपूर्व तौर पर रोजगार की गारंटी दी जाती है। इसका मकसद है ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढाना। इसके तहत हर घर के एक वयस्क सदस्य को एक वित्त वर्ष में कम से कम 100 दिनों का रोजगार दिए जाने की गारंटी है। यह रोजगार शारीरिक श्रम के संदर्भ में है और उस वयस्क व्यक्ति को प्रदान किया जाता है जो इसके लिए राजी हो। इस अधिनियम का दूसरा लक्ष्य यह है कि इसके तहत टिकाऊ परिसम्पत्तियों का सृजन किया जाए और ग्रामीण निर्धनों की आजीविका के आधार को मजबूत बनाया जाए। इस अधिनियम का मकसद सूखे, जंगलों के कटान, मृदा क्षरण जैसे कारणों से पैदा होने वाली निर्धनता की समस्या से भी निपटना है ताकि रोजगार के अवसर लगातार पैदा होते रहें।

जलवायु परिवर्तन और मध्यप्रदेश
Posted on 04 Jul, 2009 12:46 PM

क्या धरती बन रही है चिता?


मध्यप्रदेश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन का सीधा असर देखा और महसूस किया जा सकता है। यह एक अहम अनाज उत्पादक इलाका रहा है पर यहां पिछले सात सालों में इसके चलते किसानों व पान उत्पादकों का जिंदगी बदल कर रख दी है। जलवायु परिवर्तन ने यहां कृषि आधारित आजीविका और खाद्यान्न उत्पादन पर खासा असर डाला है। मध्यप्रदेश के उत्तर-पूर्वी जिलों में पिछले 9 सालों में खाद्यान्न उत्पादन में 58 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। पिछले चार-पांच सालों में बेहद कम पानी बरसने या कई क्षेत्रों में सूखा पड़ने के चलते इस क्षेत्र के तकरीबन सभी कुएं सूख चुके हैं।
'नरेगा से पीछे हटना संभव नहीं'
Posted on 03 Jul, 2009 08:24 PM

अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफ़ेसर ज़्यां द्रेज़ से बातचीत

भीषण समस्या
Posted on 02 Jul, 2009 01:27 PM
अगली बार जब रेल या सड़क मार्ग से बाहर जाएं तो खिड़की के बाहर देखें। जब आप किसी बस्ती के पास से गुजरेंगे तो आपको लाल-हरी प्लास्टिक के रंग के कूड़े के ढेर दिखाई देंगे। वहां की नालियों या पोखर को देखिये तो आपको काले रंग का गंदा पानी बहता दिखाई देगा। यह सब कुछ लगातार बढ़ता जा रहा है, क्योंकि हम एक मूल बात भूल गए हैं कि जहां कहीं भी मानव होगा वहां कूड़ा भी होगा ही। इसी के साथ आधुनिक युग की एक और बात हम भूल गए हैं कि पानी अगर इस्तेमाल होगा तो बर्बाद भी होगा ही।
मौसम विभाग की भविष्यवाणियाँ
Posted on 29 Jun, 2009 04:37 PM
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा आधिकारिक रूप से जारी मानसून सम्बन्धी भविष्यवाणी के मुताबिक देश के कई भागों में कम वर्षा होने का पूर्वानुमान है। हालांकि जून माह से शुरु होने वाले चार माह के मानसून सीजन के दौरान अखिल भारतीय स्तर पर सामान्य औसत वर्षा होने का अनुमान है।
बूँद बूँद आनंद
Posted on 29 Jun, 2009 01:43 PM जयजयराम आनंद का दोहा संग्रह ,बूँद बूँद आनंद ,कथ्य जल और उसके चारों ओर घूमता है जो लगभग ५५० दोहों में सिमटा बूँद बूँद आनंद है. इन दोहों में इतिहास, भूगोल, संस्कृति, ज्ञान विज्ञान भूगर्भ एवम् जल विज्ञान, सभ्यता का विकास, सृजन आदि का समावेश है. ग्यारह खंडों में पसरा जल का वर्णन मिलेगा :जल महिमा.
×