भारत

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नदी का सफर
Posted on 01 Jan, 2011 02:06 PM

यह ओडियो केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान और एनसीईआरटी द्वारा तैयार किया गया है। इसमें कक्षा-5 की पुस्तक रिमझिम में संकलित अध्याय नदी का सफर प्रस्तुत किया गया है। नदी का जन्म कैसे होता है कहां से आती है नदी जानने के लिये सुनिये.....

 

 

 

river
पानी रे पानी
Posted on 01 Jan, 2011 01:11 PM

यह ओडियो केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान और एनसीईआरटी द्वारा तैयार किया गया है। इसमें कक्षा-5 की हिंदी की पुस्तक रिमझिम में संकलित अध्याय पानी रे पानी को प्रस्तुत किया गया है। बाढ़ और जल चक्र के बारे में बच्चों को सरलतम भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है। पानी कहां से आता है और कहां जाता है जानने के लिये सुनिये.....
 

water
भारत में वन्यजीव शिक्षा और संभावनाएं
Posted on 30 Dec, 2010 01:52 PM

भारत में वन्यजीव शिक्षा का वर्तमान परिदृश्य और संभावनाएं (भाग - I) - डॉ. सोमेश सिंह, डॉ. बी. एम. अरोड़ा

तूफ़ान क्यों आते हैं
Posted on 30 Dec, 2010 12:27 PM


जब नमी से भरी हुई ढेर-सी गर्म हवा तेज़ी से ऊपर की ओर उठती है तब तूफ़ान आते हैं।

तुमने तूफ़ान की शुरुआत से पहले हवा को तेज़ होते हुए देखा होगा। जब बादल को बड़े होते जाते हैं और गहरे होते हुए आसमान में अँधेरा छाने लगता है। ये तूफ़ान के लक्षण हैं।

तेज चलती हवा में ठंड क्यों लगती है?
Posted on 29 Dec, 2010 02:21 PM

बच्चो, सर्दी का मौसम चल रहा है। सर्दियों में जिस दिन हवा न चल रही हो, आपने राहत महसूस की होगी। हवा न चल रही हो तो कम तापमान पर भी हमारा शरीर अधिक परेशानी नहीं मानता। अगर तेज हवा चल रही हो तो वही ठंड असहनीय लगती है। ऐसा क्यों होता है?

मनरेगा 2010: सरकार की कछुआ चाल
Posted on 29 Dec, 2010 01:07 PM

अंग्रेजी में एक कहावत है कि चीजें जितनी बदलती हैं, वो उतनी ही पहले जैसी बनी रहती हैं। ऐसा ही कुछ महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के सिलसिले में है। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपना पूरा समर्थन दिया है, दो कांग्रेस मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है, एक हाई कोर्ट (आंध्र प्रदेश) ने फैसला दिया है कि मौजूदा वेतन दर न्यूनतम मजदूरी कानून 1948का उल्लंघन है- इसके बा

मानसून: प्रकृति का जीवन संगीत
Posted on 29 Dec, 2010 12:22 PM


मानसून प्रकृति अपने हजार रूपों में हमारे सामने खुशियों का ख़जाना लाती है, किंतु मानसून के इस चटकीले रंग ने मानव–मन और मष्तिष्क पर अपना जो असर छोड़ा है, वह कल्पना से परे है। वैज्ञानिक, लेखक, कवि, चित्रकार, गीतकार, संगीतकार, राजा, रंक, जनता या सरकारऌ इनमें कोई भी नहीं जो मानसून के जादू से बचा हो।

 

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