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असमानता का पैरोकार आम बजट
Posted on 20 Jul, 2014 10:51 AM “नेहरू के जमाने में जो भी जनसंघर्ष था, वह सामंतवाद के विरुद्ध था। वह पूंजीवाद के विरुद्ध नहीं था, क्योंकि वह तो पूंजीवाद को ही विकसित करने का अदृश्य कौशल था। बस इसमें इतनी सतर्कता चाहिए थी कि विकास आहिस्ते-आहिस्ते हो ताकि पूंजीवाद, सामन्तवाद की सत्ता को अपने हाथ में ले सके और बचे हुए सामंतवादी तत्वों को अपने अंदर अंगीभूत कर सके।”
किशन पटनायक
देश बचाना नहीं है विकास का विरोध
Posted on 20 Jul, 2014 10:44 AM देश का विकास केवल आर्थिक मानकों के आधार से नहीं बल्कि उसमें प्रदूष
पंजाब-हरियाणा में धान, मक्के के किसान संकट में
Posted on 20 Jul, 2014 09:17 AM केंद्रीय भूजल प्राधिकरण की धान की रोपाई सीधे करने और कम करने की सला
बादल है उड़ती नदी और नदी है बहता बादल
Posted on 12 Jul, 2014 09:31 AM मानसूनमेघ ही वह कहार हैं, जो प्रत्येक नदी-नाला, गाड़-गधेरे और कुआं-बावड़ी सहित हर जलस्रोत को तृप्त कर सबमें पानी भरते हैं। मेघ प्रतिवर्ष यह काम कश्मीर से कन्याकुमारी तक अनथक करते हैं।

मेघ बहुत साहसिक कहार हैं। यह खूब भारी डोली यानी ढेर सारा तरल वाष्प लेकर हजारों मील दूर से भारत की यात्रा की शुरुआत करते हैं।
जल नियोजन के जरूरी सबक
Posted on 11 Jul, 2014 11:38 AM यदि हम चाहते हैं कि हमारे नगरों के जलस्रोत व भूमि साफ-स्वच्छ रहें त
rainwater
नमामि गंगे मिशन
Posted on 11 Jul, 2014 06:31 AM गंगाबजट में पवित्र गंगा नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए ‘नमामि गंगे’ मिशन के तहत 2037 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा गंगा के लिए प्रवासी भारतीय निधि बनाने का तथा
समुद्र में संगीत की स्वरलहरियां
Posted on 10 Jul, 2014 04:35 PM

हंपबैक व्हेलक्या आपको पता है व्हेल संगीतप्रिय ही नहीं होती स्वयं गाती भी हैं और वह भी ऊंटपटांग सा नहीं बाकायदा उनकी अपनी सरगम के साथ। यदि आप बीच समुद्र में जाएं, तो आपको व

Humpback whale
नगर नियोजन की चुनौतियां
Posted on 10 Jul, 2014 03:39 PM

हरियाली की कमी ने सांस, सेहत और वैश्विक तापमान के संकट को कई गुना बढ़ा दिया है। किसी भी नगर के

river and city
पर्यावरण संबंधी पत्रकारिता प्रतियोगिता
Posted on 08 Jul, 2014 04:20 PM भारत जर्मनी पर्यावरण भागीदारी कार्यक्रम (Indo-German Environment Partnership -IGEP Programme) की ओर से आपका हार्दिक अभिनन्दन।

हमें आपको यह सूचित करते हुए हार्दिक प्रसन्नता हो रही है की पर्यावरण के मुद्दों के बेहतर मीडिया कवरेज को प्रोत्साहित करने के लिए, जी आइ जेड (German International Cooperation-GIZ), ICLEI-South Asia, एशियन कालेज ऑफ़ जर्नलिज्म (Asian College of Journalism), द थर्ड पोल (The Third Pole) और देउत्स्चे वेल्ले अकादमी (Deutsche Welle Academy) द्वारा सयुंक्त रूप से एक पर्यावरण संबंधी पत्रकारिता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में IFAT India 2014 (http://www.ifat-india.com/) का भी सहयोग है तथा जर्मन दूतावास का प्रश्रय प्राप्त है। जर्मन दूतावास की ओर से इस प्रतियोगिता में 'स्वछ गंगा' पर एक विशेष पुरस्कार की घोषणा की गई है।

हमें विश्वास है की आपके माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोग जिन्होंने गंगा से संबंधित किसी भी प्रकार का मीडिया कवरेज 1 जुलाई 2013-30 जून 2014 की बीच किया है, वो इस प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे। इस प्रतियोगिता में भाग लेने की लिए कृपया www.igep.in पर जाएं। प्रविष्टियां 15 अगस्त 2015 तक ऑनलाइन जमा की जा सकती है।
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