Posted on 01 Aug, 2014 11:53 AMकिसी ने सच कहा है कि राजनीति में किसी का धर्म-ईमान नहीं होता, तभी तो चुनाव से पहले तक गंगा को लेकर अपनी राजनीति चमकाने और गंगा की पवित्रता को लेकर सरकार को घेरने वाले ही चुनाव के शोर में गंगा को भूल गए हैं। हद तो यह है कि उनके चुनावी घोषणा-पत्र तक से गंगा विलुप्त हो गई है, जबकि गंगा की हालत बद से बदतर होती जा रही है। सच यह भी है कि इस गंगा को प्रदूषणयुक्त कर
Posted on 01 Aug, 2014 11:31 AMजिस गंगा को हम सदियों से पूजते आए हैं, जिसके किनारे हमारी सभ्यता और संस्कृति का विकास हुआ है, आज वही गंगा संकट के कगार पर है। लगातार कल-कारखानों और घरों से निकलने वाले जहरीले रसायनों और गंदे पानी ने इसकी स्वच्छता और पवित्रता को भंग कर दिया है। सरकार के करोड़ों रुपये भी गंगा के मैलेपन को धो नहीं सके हैं। हां, इतना जरूर हुआ है कि इन रुपयों को भ्रष्टाचार का दानव लील चुका है। प्रदूषण के कहर से कराह
Posted on 01 Aug, 2014 10:33 AM भारत में पानी की आवश्यकता की अधिकांश आपूर्ति हिमालय से निकलने वाली नदियों से ही होती है। पेयजल व कृषि के अलावा देश में पनबिजली के उत्पादन में हिमालय से प्राप्त होने वाले पानी का बड़ा महत्त्व है। पानी के अतिरिक्त हिमालय से बेशकीमती वनोपज भी मिलती है। वर्षों से यह हिमालय ही है जो विदेशी आक्रमणों से भारत की रक्षा करता आ रहा है। भारत के अनेक विश्व प्रसिद्ध मनोर
Posted on 01 Aug, 2014 09:23 AMभू-सूचनाविज्ञान एक ऐसी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी है जिसमें भू-विज्ञान तथा सूचनाविज्ञान के महत्वपूर्ण घटक होते हैं। यह ऐसे व्यवसाय का उभरता हुआ क्षेत्र ह
Posted on 30 Jul, 2014 10:35 AM'स्टूपिडसिड डॉट कॉम' छात्रों के बीच खूब चर्चित वेबसाइट है। कभी-कभी तो एक दिन में 50 हजार से भी ज्यादा लोग इस वेबसाइट पर आते हैं। इंजीनियरिंग व यूनिवर्सिटियों में एडमिशन की इच्छा रखने वाले छात्रों के बीच यह वेबसाइट एक गाइड के तौर पर प्रतिष्ठित हो गई है। इंजीनियरिंग कॉलेजों के बारे में इस बेवसाइट पर भरपूर सामग्री है। विज्ञापन आय से ही लगभग 65 लाख रुपए की आय हो जाती है। छात्रों की मदद करके सफल होन
Posted on 30 Jul, 2014 10:22 AMनदियों को जोड़ने वाली जिस बड़ी परियोजना को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कहकर नकार रहे थे, अब वे ही उन्हें धरातल पर उतार रहे हैं। इस योजना में राजनीति और पर्यावरण से जुड़े गतिरोध लगभग समाप्त हो गए हैं। केन्द्र सरकार केन और बेतवा नदियों को जोड़ने का मन बना चुकी है। कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्ताव तैयार