भारत

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आवश्यकता है जल क्रांति की (Need of water revolution)
Posted on 08 Jul, 2016 04:06 PM
पृथ्वी की उत्पत्ति के विषय में वैज्ञानिकों की मान्यता है कि 46,000 लाख वर्ष पहले पृथ्वी बनी तथा अब से लगभग 5700 लाख वर्ष पूर्व पृथ्वी पर जल की उत्पत्ति हुई। संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार यदि विश्व भर के पानी को आधा गैलन मान लिया जाए तो उसमें ताजा पानी आधे चम्मच भर से ज्यादा नहीं होगा, और धरती की ऊपरी सतह पर कुल जितना पानी है, वह तो सिर्फ बूँद भर ही है, बाकी सब भूमिगत है। भारत में
गाजर घासः भारत में फैलता जाल (Parthenium Hysterophorus Spreading in India)
Posted on 08 Jul, 2016 03:39 PM
प्रकृति में अत्यंत महत्त्वपूर्ण वनस्पतियों के अलावा कुछ वनस्पतियाँ ऐसी भी हैं, जोकि धीरे-धीरे एक अभिशाप का रूप लेती जा रही हैं बरसात का मौसम शुरू होते ही गाजर के तरह की पत्तियों वाली एक वनस्पति काफी तेजी से बढ़ने और फैलने लगती है। इसे ‘गाजर घास’,‘कांग्रेस घास’ या ‘चटक चाँदनी’ आदि नामों से जाना जाता है। आज सम्पूर्ण संसार में पाँव पसारने को कृतसंकल्प दिखाई दे रहा कम्पोजिटी कुल का यह सदस्य वानस
प्रदूषण के कारण व निवारण (Cause and Solution of Pollution)
Posted on 08 Jul, 2016 03:22 PM

प्रकृति और मानव का सम्बंध आदि काल से चला आ रहा है। मानव जाति उस जटिल और समन्वित पारिस्थित

विकास से विनाश क्यों (Development Vs Destruction)
Posted on 07 Jul, 2016 04:26 PM

आज आदमी विकास की चरम अवस्था पार कर चुका है। अगर हम अभी नहीं चेते तो इस विकास की कीमत सृष्

पानी दूर हुआ या हम
Posted on 07 Jul, 2016 04:25 PM


ग्लेशियर पिघले। नदियाँ सिकुड़ी। आब के कटोरे सूखे। भूजल स्तर तल, वितल, सुतल से नीचे गिरकर पाताल तक पहुँच गया। मानसून बरसेगा ही बरसेगा; अब यह गारंटी भी मौसम के हाथ से निकल गई है।

इस बार अधिक वर्षा की सम्भावना बताई गई है; बावजूद इसके हमारे कई इलाके मानसून की पारम्परिक तिथि निकल जाने के बाद भी सूने पड़े आकाश की ओर निहार रहे हैं। हम क्या करें? वैश्विक तापमान वृद्धि को कोसें या सोचें कि दोष हमारे स्थानीय विचार-व्यवहार का भी है ? दृष्टि साफ करने के लिये यह पड़ताल भी जरूरी है कि पानी, हमसे दूर हुआ या फिर पानी से दूरी बनाने के हम खुद दोषी हैं?

पर्यावरण संरक्षण बनाम विकास
Posted on 07 Jul, 2016 04:14 PM

आज आवश्यकता इस बात की है कि मानव के सोच में इस प्रकार का बदलाव आए कि वह व्यक्तिगत हित की

विकास, पर्यावरण और हमारा स्वास्थ्य (Development, Environment and Health)
Posted on 07 Jul, 2016 04:05 PM

पर्यावरण तथा मानव स्वास्थ्य के बीच सम्बंध एक निर्विवाद सत्य है। स्वस्थ जीवन के लिये स्वच्

ग्रामीण विकास में ग्रामोद्योग
Posted on 07 Jul, 2016 02:22 PM

देश में बेरोजगारों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। कृषि प्रधान देश की सीमित खेती योग्य

प्रलय की चेतावनी है टूटते हिमखण्ड
Posted on 07 Jul, 2016 12:43 PM
गोमुख के विशाल हिमखण्ड का एक हिस्सा टूटकर हाल ही में भागीरथी, यानी गंगा नदी के उद्गम स्थल पर गिरा था। हिमालय के हिमखण्डों का इस तरह से टूटना प्रकृति का अशुभ संकेत है। इन टुकड़ों को गोमुख से 18 किलोमीटर दूर गंगोत्री के भागीरथी के तेज प्रवाह में बहते देखा गया।
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