Posted on 15 Jul, 2016 01:14 PM वृक्ष प्रकृति की एक अनमोल देन है और यही वजह है कि भारत में वृक्षों को प्राचीन काल से ही पूजा जाता रहा है। आज भी यह प्रथा कायम है। वृक्ष हमारे परम हितैसी निःस्वार्थ सहायक अभिन्न मित्र हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में वृक्षों का अत्यधिक महत्व है। वृक्षों के बिना अधिकांश जीवों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। वृक्षों से ढके पहाड़, फल और फूलों से लदे वृक्ष, बाग, बगीचे मनोहारी दृश्य उपस्थित करते
Posted on 14 Jul, 2016 01:16 PM 50 हजार परिवारों के पुनर्वास का कार्य अभी भी अधूरा है। 14 हजार परिवारों को गुजरात और महाराष्ट्र में बसाया गया है, लेकिन मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के पहाड़ी आदिवासी क्षेत्रों के करीब 1500 परिवार तथा मैदानी मध्य प्रदेश के करीब 45 हजार परिवारों को अभी बसाना बाकी है। सरदार सरोवर में जैसे ही गेट लगेगा, एक धर्मपुरी नगर, 244 गाँवों के बाशिन्दों के घर, खेत, खलिहान... सब डूब जाएँगे। उन्होंने 30 जुलाई से नर्मदा के जल और जमीन के हुकूक के लिये सत्याग्रह करना तय किया है। इसकी तैयारी के लिये वे 13 जुलाई से 15 जुलाई तक नर्मदा परिक्रमा भी कर रहे हैं और 21 से 23 जुलाई को नर्मदा किनारे वाहन यात्रा भी। 19 से 22 जुलाई के बीच का कार्यक्रम भी तैयार किया जा रहा है।
उनकी चिन्ता
नर्मदा घाटी दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृति है। हरदूद जैसे शहर के उजड़ने से वे डर गए हैं। उन्हें चिन्ता है कि 30 बड़े और 135 छोटे मझोले बाँधों के कारण आगे चलकर नर्मदा नदी तालाबों में तब्दील हो जाएगी। इससे लोगों के साथ-साथ नर्मदा घाटी की उपजाऊ खेती, फलदाई वानिकी, मन्दिर, मस्जिद, पाठशाला, कारीगरी, व्यापार और नर्मदा की संस्कृति का नाश होगा।