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जल संचयन के प्रति जागरूक होने लगे हैं जनपद के लोग
Posted on 23 Jul, 2016 04:04 PM
संकट क्यों?ग्रेटर नोएडा। मराठवाड़ा के लातूर तथा बुन्देलखण्ड से सबक लेते हुए जनपद के लोग जल संचयन के प्रति जागरूक हो चुके हैं। जिस कारण जनपद के विभिन्न कस्बों तथा गाँवों के लोग जहाँ सूख चुके तालाबों को भरने लगे हैं वहीं जर्जर हालत वाले तालाबों का सौंदर्यीकरण करने लगे हैं। ताकि जन
सूखे से निपटने में बाँधों की होगी अहम भूमिका
Posted on 23 Jul, 2016 03:53 PM

केन्द्रीय जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ समेत देश के अन्य प्रदेशों के जल संसाधन विभागों को एक

जून में कम जुलाई में झमाझम
Posted on 23 Jul, 2016 03:39 PM
मानसून के चार महीनों में से पहला जून बीत गया। इस महीने 11 फीसद कम बारिश हुई। मौसम विज्ञानी इसकी वजह मानसून आने में देरी को बता रहे हैं। हालाँकि देश के 36 मौसमी प्रभागों के दो तिहाई में जून के दौरान बारिश या तो सामान्य रही है या फिर अधिक हुई है। खरीफ की फसल और जल भण्डारण को लेकर जुलाई महीना बहुत अहम है। अनुमान है कि इस महीने बारिश जून की कसर भी पूरी कर देगी। कमोबेश यही हाल अगस्त महीने का भ
सहयोग से सफल होगा स्वच्छ भारत मिशन
Posted on 23 Jul, 2016 12:06 PM


केंद्र सरकार द्वारा शुरू किये गये स्वच्छ भारत मिशन से देश के कम से कम 8 करोड़ घरों को फायदा मिलेगा। इस मिशन के तहत उन घरों में शौचालय की सुविधा प्रदान की जायेगी जिन घरों में अभी भी शौचालय नहीं हैं। यही नहीं इस मिशन के तहत घरों से निकलने वाले कचरों का प्रबंधन भी किया जायेगा ताकि कम से कम कचरा डम्पिंग ग्राउंड तक पहुँचे।

सेहत के मामले में हैरान करने वाला पानी का जादू
Posted on 23 Jul, 2016 11:31 AM
पानी की जादुई खूबियों को ज्यादातर लोग नहीं जानते। मसलन लोगों को नहीं पता कि 80 फीसदी से ज्यादा शारीरिक बीमारियों की वजह शरीर में पानी की कमी होती है…
जल संकट और सिंचाई में सार्वजनिक निवेश
Posted on 22 Jul, 2016 12:00 PM

भारत बहुत बड़े जल संकट से जूझ रहा है। देश के 50 प्रतिशत से अधिक जिलों में सूखे का प्रभाव

भूकम्प का पूर्वानुमान और बचाव
Posted on 19 Jul, 2016 05:03 PM
भूकम्प की पूर्व सूचना के मामले में यह नहीं कहा जा सकता कि इस
आर्थिक विकास में जल संसाधन प्रबंधन
Posted on 19 Jul, 2016 04:44 PM
ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2016 में विश्व आर्थिक मंच (2016) ने प्रभावकारिता के स्तर पर जल संकट को सबसे बड़े वैश्विक खतरे के रूप में सूचीबद्ध किया है। जल संकट के विविध आयाम हैं, जिनमें भौतिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय (जल की गुणवत्ता से सम्बन्धित) आदि प्रमुख हैं। आबादी का बढ़ता दबाव, बड़े पैमाने पर शहरीकरण, बढ़ती आर्थिक गतिविधियाँ, उपभोग की बदलती प्रवृत्तियाँ, रहन-सहन के स्तर में सुधार, जलवायु विविध
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