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बुंदेलखंड (क्षेत्र)
चौकड़िया
Posted on 10 Mar, 2010 08:50 AMसब सों बोलो मीठी बानी, थोड़ी सी जिन्दगानीयेई बानी सुरलोक पठावै, येई नरक निशानी
येई बानी हाथी चढ़वायै, येई उतारे पानी
येई बानी सें तरें ईसुरी, बड़े-बड़े मुनी ज्ञानी।
विन्ध्याचल
Posted on 22 Feb, 2010 10:44 AMविन्ध्य का पठार- मालवा पठार के उत्तर में तथा बुन्देलखण्ड पठार के दक्षिण में विन्ध्य का पठारी प्रदेश स्थित है। इस प्रदेश के अन्तर्गत प्राकृतिक रूप से रीवा, सतना, पन्ना, दमोह, सागर जिले के कुछ हिस्से शामिल हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 31,954 किलोमीटर है। विन्ध्य शैल समूह के मध्य (आधा महाकल्प) आर्कियन युग की ग्रेनाइट का प्रदेश टीकमगढ़, पश्चिमी छतरपुर, पूर्वी शिवपुरी और दतिया में पड़ता है।
जामनेर
Posted on 22 Feb, 2010 10:39 AMइस नदी का प्राचीन पौराणिक नाम जाम्बुला है। यह बेतवा की सहायक नदी है। जामनेर की सहायक नदी यमदृष्टा है। जो आजकल जमड़ार नाम से जानी जाती है। जमड़ार नदी टीकमगढ़ से 6 किलोमीटर दूरी पर स्थित कुण्डेश्वर शिवतीर्थ से गुजरती है। कुण्डेश्वर इस क्षेत्र की आस्था का केन्द्र है जो समुद्र तल से 1255 फुट की ऊँचाई पर स्थित ‘शिवपुरी’ नाम से भी जाना जाता है।
टोंस
Posted on 22 Feb, 2010 10:35 AMटोंस का मैकल की पहाड़ियों तमसा कुण्ड से उद्गम हुआ है। इस नदी को टमस या तमसा भी कहते हैं। छत्रसाल के जमाने की बुन्देलखण्ड की पूर्वी सीमा टोंस नदी बनाती थी। इतना ही नहीं उनके शासित बुन्देलखण्ड की चारों दिशाओं की सीमायें प्राकृतिक रूप से चार नदियाँ ही निर्मित करती थीं। विन्ध्याचल का पूर्वी भाग कैमूर पर्वत श्रेणी है जो मिर्जापुर तक विस्तारित है। यह पर्वत श्रृंखला सोन और टोंस नदियों को एक दूसरे से अ
पहुँज
Posted on 22 Feb, 2010 10:30 AMबालाजी सूर्य मंदिर-दतिया से 17 किलोमीटर की दूरी पर उनाव गाँव में ब्रह्मबालाजी का सूर्य मंदिर है, जो पुष्पावती के पश्चिमी घाट पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि पहुँज में नहाने और बाला जी की सूर्य यंत्र की काले पत्थर की प्रस्तर प्रतिमा को जल चढ़ाने से चर्म रोगादि से मुक्ति मिलती है। बाला जी का यह मंदिर अपनी विशालता एवं भव्यता के लिए जाना जाता है। यह दतिया जिले का एक महत्वपूर्ण मंदिर है। जहाँ सुदूर
उर्मिल
Posted on 22 Feb, 2010 10:25 AMउर्मिल सिंचाई परियोजना मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की संयुक्त परियोजना है। जो छतरपुर-कानपुर मार्ग पर उर्मिल नदी पर बनाई गई है। उर्मिल बाँध का निर्माण उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा कराया गया है तथा नहरों का निर्माण मध्यप्रदेश शासन ने किया है। इस परियोजना के पूर्ण हो जाने से रवि फसलों के लिए सिंचाई की सुविधा प्राप्त हुई है।
किलकिला
Posted on 22 Feb, 2010 10:20 AMकिलकिला नदी का उद्गम पन्ना जिले की बहेरा के निकट छापर टेक पहाड़ी से हुआ है। यह नदी पन्ना से उद्गमित होकर पन्ना जिला में ही प्रवाहित केन नदी में विसर्जित हो जाती है। यह पूर्व दिशा से पश्चिम दिशा को बहती है।
यमुना
Posted on 22 Feb, 2010 09:59 AMपुनिसिय राम लखन कर जोरी, जमुनहिं कीन्ह प्रणाम वहोरी,
चले ससीय मुदीत दोउ भाई, रवि तनुजा कइ करत बड़ाई। (रा.च.मा.) अयोध्या काण्ड, दो 111/1
उक्त चौपाइयाँ रामचरितमानस में यमुना के बारे में उद्धृत की गई हैं।
तरणि तनुजा तट तमाल तरुवर बहु छाये।
यमुना नदी का अपभ्रंश नाम जमुना भी है इसे कालिंदी और कई नामों से जाना जाता है।
मंदाकिनी
Posted on 22 Feb, 2010 09:33 AMचित्रकूट भगवान राम की कर्मस्थली रही है। जहाँ भगवान राम ने साढ़े ग्यारह वर्ष का वनवास काटा चित्रकूट विन्ध्याचल पर्वत श्रेणी पर अवस्थित है। इसी पर्वत श्रृंखला में स्थित महर्षि अत्रि एवं माता सती अनुसुइया आश्रम से पयस्विनी मंदाकिनी का उद्गम हुआ। ऐसा कहा जाता है कि सती अनुसुइया ने अपने तपोबल से मंदाकिनी को उत्पन्न किया था। तुलसीदास ने रामचरितमानस में लिखा है कि-
सिंध
Posted on 22 Feb, 2010 08:42 AMसिंध नदी मध्यप्रदेश के गुना जिले के सिरोंज के समीप से उद्गमित होती है। गुना, शिवपुरी, दतिया और भिण्ड जिलों में यात्रा करती हुई सिन्ध इन क्षेत्रों को अभिसिंचित करती है। इसके तट पर अनेक दर्शनीय और धार्मिक स्थल मानव मन को उद्वेलित करते हैं। इसकी यात्रा का अंतिम पड़ाव दतिया-डबरा के मध्य उत्तर-दिशा की ओर बहकर चम्बल नदी है।