बेंगलूरु शहरी और ग्रामीण जिले

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15 प्रतिशत कर्मचारियों के सहारे कैसे हो झीलों का संरक्षण
Posted on 22 Jan, 2018 10:40 AM

फ्रेंड्स ऑफ लेक के संयोजक वी राम प्रसाद ने कहा कि प्राधिकरण को कमजोर बनाये रखना सरकार की सोची-समझी रणनीति

दक्षिण भारत का चिपको
Posted on 24 Dec, 2017 12:23 PM


Appiko movement in south india

चिपको आन्दोलन की तरह दक्षिण भारत के अप्पिको आन्दोलन को अब तीन दशक से ज्यादा हो गए हैं। दक्षिण भारत में पर्यावरण के प्रति चेतना जगाने में इसका उल्लेखनीय योगदान है। देशी बीजों से लेकर वनों को बचाने का आन्दोलन लगातार कई रूपों में फैल रहा है।

दक्षिण भारत में पेड़ों के साथ खड़े अप्पिको आन्दोलन के लोग
वैकेंसी - कम्युनिकेशन ऑफिसर (Vacancy - Communication Officer)
Posted on 28 Oct, 2017 04:12 PM


पद - कम्युनिकेशन ऑफिसर
स्थान - बंगलुरु़
संस्थान - अर्घ्यम
आवेदन की अन्तिम तिथि - 10 नवम्बर 2017

संगठन के बारे में


अर्घ्यम एक भारतीय जन कल्याण संगठन है। इसकी स्थापना सन 2001 में रोहिणी नीलेकणी ने निजी दान से की थी। संगठन की शुरुआत ‘सबको साफ पानी हमेशा’ के उद्देश्य के साथ हुई थी।

अर्घ्यम का मुख्य फोकस देश की सबसे बड़ी समस्या सभी को पीने के लिये साफ पानी मुहैया कराने व स्वच्छता पर है। अर्घ्यम ग्रांट व राष्ट्रीय, राज्यीय व स्थानीय सरकारों, सिविल सोसाइटीज और अकादमिक संस्थानों के साथ मिलकर 20 राज्यों में काम कर रहा है और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर इसको पहचान मिल चुकी है। संगठन नए प्रयोगों व मूल्यों के लिये काफी लोकप्रिय है।

अर्घ्यम
साक्षात्कार: जानें मोबाइल पर पानी में फ्लोराइड की मात्रा
Posted on 27 Aug, 2016 04:27 PM


जल प्रदूषण मानवता के सबसे बड़े संकटों में से एक ​है खासतौर पर प्रदूषित पेयजल। पूरी दुनिया के लोग पेय की कमी और दूषित पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। आज पूरे विश्व की 85 प्रतिशत आबादी सूखे के हालात में रह रही है और कुल 78.3 करोड़ लोगों की पहुँच में साफ पानी नहीं है।

भारत की बात करें तो पानी से सम्बन्धित कुछ आँकड़ों पर नजर डालना बेहद जरूरी है जैसे दुनिया की 16 प्रतिशत आबादी भारत में बसती है लेकिन विश्व के कुल जल संसाधन का केवल 4 प्रतिशत ही भारत के पास है। जबकि भारत ​में भूजल का दोहन पूरे विश्व में सबसे ज्यादा होता है यहाँ तक ​कि चीन भी इस मामले में हमसे पीछे है।

हाल के आँकड़ों के मुताबिक भारत की कुल एक चौथाई यानी लगभग 33 करोड़ आबादी पीने के पानी की कमी से जूझ रही है।

गम्भीर संकट की दस्तक
Posted on 14 Jun, 2016 11:41 AM
मार्च की शुरुआत से ही गर्मी के कारण नदियों, तालाबों, जलाशयों
हनी सकर्स टैंकर स्वच्छता का इकोफ्रेंडली विकल्प
Posted on 11 Jun, 2016 04:22 PM


यूपीए सरकार के निर्मल भारत अभियान के बाद देश के मौजूदा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दो साल पहले सत्ता में आते ही गाँधी जयन्ती के दिन स्वच्छ भारत अभियान की जोर-शोर से शुरुआत की थी और लक्ष्य ये रखा कि 2019 तक देश के हर घर में शौचालय होगा, खुले में शौच जाने वाले लोगों की संख्या लगभग खत्म हो जाएगी लेकिन अभी भी देश के लगभग 53.1 फीसदी घरों में शौचालय नहीं हैं।

कर्नाटक में सूखे ने ढाया कहर
Posted on 03 May, 2016 03:33 PM

इन्द्र देवता ने दो साल से फेरा हुआ है मुँह


पानी सहेजने का पाठ पढ़ाता रेनबो ड्राइव
Posted on 09 Feb, 2016 03:05 PM


इलेक्ट्रानिक सिटी और व्हाइट फील्ड के बीच ​का इलाका बंगलुरु का आईटी कॉरीडोर कहलाता है, सरजापुर इसी कॉरीडोर के बीच में तेजी से विकसित हुआ इलाका है। दस-पन्द्रह साल पहले तक यहाँ धान के खेत और नारियल के बाग हुआ करते थे लेकिन आज ऊँची इमारतें, मॉल, ढेरों अपार्टमेंट क्लस्टर, विला और गेटेड कम्यूनिटी वाले रिहायशी टाउनशिप हैं।

सरजापुर रोड पर स्थित 'रेनबो ड्राइव' कॉलोनी भी इन्हीं में से एक है लेकिन इन सबसे बहुत अलग है, 360 प्लाट वाले इस रिहायशी कॉलोनी के 250 घरों में जो लोग रहते हैं वो बगैर बंगलुरु नगर निगम से पानी लिये हुए या बगैर पानी का टैंकर मंगवाए ना सिर्फ पानी की अपनी-अपनी जरूरतों के मामले में आत्मनिर्भर हैं बल्कि अति​रिक्त पानी दूसरों को भी देते हैं। और ये सम्भव हुआ है उनके पानी बचाने, संग्रह करने और पुनः इस्तेमाल लायक साफ करने से।

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