कुमार कृष्णन
प्रेम और सम्मान से पानी की लड़ाई को शान्ति में बदलना मुमकिन
Posted on 01 Sep, 2015 10:38 AMप्रकृति का सम्मान करने के साथ-साथ उस भाव से काम करने से ही समुदाय को पानी का हक मिलेगा। समुदाय
सुनिश्चित जलाधिकार से ही बचा सकते हैं हम नदियों को
Posted on 31 Aug, 2015 12:19 PMगंगा जैसी नदी जिसे हम अपनी माँ कहते हैं, उस नदी में वाराणसी में तीनखत्म होने के कगार पर कांवर झील
Posted on 27 Aug, 2015 11:49 AMउत्तर बिहार के बेगूसराय का कांवर झील प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के कारण प्रवासी एवं स्थानीय पक्षियों का आश्रय स्थल है। वह अब खत्म होने के कगार पर है। यह न सिर्फ अनुकूल जलवायु और वातावरण के कारण पक्षियों का पसंदीदा स्थान है। मौजूदा समय में यह प्रकृति और मानवीय संम्बधों की तलाश कर रहा है।
कभी भी जमीन का मुद्दा नहीं होगा अप्रासंगिक: दिवाकर
Posted on 27 Aug, 2015 11:12 AMआज जब पूरे देश में विकास के मॉडल के नाम पर किसानों से जमीन छीनने और अधिग्रहण की बात की जा रही है। वहीं बिहार जैसे सामंती प्रदेश में देने की प्रक्रिया जारी है। राज्य में 65 फीसदी लोग भूमिहीन हैं और मजदूरी करते हैं। बिहार भूमि के महत्त्वपूर्ण सवाल पर एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के निर्देशक तथा बिहार सरकार द्वारा गठित कोर कमेटी के सदस्य डॉ. डीएम दिवाकर से बातचीत।
झारखण्ड में नदियों के संरक्षण की मुहिम
Posted on 25 Aug, 2015 03:48 PMदामोदर नदी के जलनमूने में ठोस पदार्थों का मान औसत से अधिक है। नदी नआजीविका का सवाल महत्त्वपूर्ण
Posted on 25 Aug, 2015 01:26 PMवाराणसी के गंगा किनारे 200 मी. के अंदर किसी भी प्रकार के निर्माण/पुनर्निर्माण रोक लगाने के तानाशाही सरकारी निर्णय के खिलाफ लोग आक्रोशित हैं। इसे तुगलकी फरमान बता रहे हैं।
हम आसमां हैं हमको डुबानेवाले खुद ही डूब जाओगे
Posted on 14 Aug, 2015 02:27 PMसरदार सरोवर बाँध की ऊँचाई बढ़ाने के विरोध में लोगों का गुस्सा चरम पर है। कलीम भाई मसूरी एक शायर हैं। नर्मदा के सवाल को उन्होंने इन पंक्तियों में अभिव्यक्त किया है-
''ऐसा कभी चाहत का समंदर नहीं मिलेगा
घर छोड़कर मत जाओ कोई घर नहीं मिलेगा
सताएगी फिर आपको इस आन्दोलन की बात
जब धूप में कोई साया सिर पर घर न मिलेगा।
भविष्य को विनाश से बचाने की लड़ाई: मेधा पाटकर
Posted on 13 Aug, 2015 09:56 AMनर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने कहा है कि जीवन अधिकार सत्याग्रह ढाई लाख लोगों की आजीविका और उनके भविष्य को विनाश से बचाने की लड़ाई है। नर्मदा घाटी की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। अश्मयुग से कलियुग तक सभी के अवशेष परत दर परत मिलते हैं। केन्द्र सरकार का विकास का मॅाडल पूरी सभ्यता को लीलने पर आमादा है। पूरी निर्णय प्रक्रिया और विकास मॉडल अलोकतांत्रिक और संवेदनहीन है
बिहार में हरित आवरण पन्द्रह फीसदी करने का लक्ष्य : मुख्यमन्त्री
Posted on 11 Aug, 2015 09:32 AMमुख्यमन्त्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को कम करने के मक्सद से पर्यावरण सनतुलन बनाये रखने हेतु राज्य में हरित आवरण को 9 से बढ़ाकर 15 फीसदी करने का लक्ष्य तय किया गया है तथा मौजूदा उपलब्ध आकड़ों के आधार पर हरित आवरण 13 फीसदी हो चुका है। विकास के मॉडल को समझना होगा। समावेशी विकास का मतलब है कि हम अपने पर्यावरण की रक्षा करें और उसके सन्तुलन को कायम रखें