टिकाऊ खेती एवं बेहतर मृदा स्वास्थ्य हेतु जैविक उर्वरक (भाग 2)
"टिकाऊ खेती" का अंग्रेजी में अर्थ "Sustainable Agriculture" होता है. यह एक ऐसी कृषि प्रणाली है जो पर्यावरणीय सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए पौधों और जानवरों के उत्पादन को समन्वित करती है। भाग 2 में जानिए कैसे करें इस्तेमाल जैविक उर्वरकों का
टिकाउ खेती ही भविष्य है
टिकाऊ खेती एवं बेहतर मृदा स्वास्थ्य हेतु जैविक उर्वरक (भाग 1)
टिकाऊ खेती और मृदा स्वास्थ्य के लिए जैविक उर्वरकों का इस्तेमाल हमेशा बेहतर परिणाम देता है। जैविक उर्वरकों यानी जैविक खादों के इस्तेमाल से खेत को कई तरह के फ़ायदे होते हैं। जानिए विस्तार से
जैविक खेती में ही बेहतरी छिपी है
हरित छत से पर्यावरण संरक्षण
हरित छतें (ग्रीन रूफ्स) पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इस मुद्दे पर डॉ. दीपक कोहली का एक विस्तृत आलेख।


हरित छतों वाली बिल्डिंग (courtesy - needpix.com)
जल संकटः जिम्मेदार कौन
अगर एक लिस्ट बनाई जाए तो यह बनती है पहली - तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और औद्योगीकरण से जल निकायों का प्रदूषण बढ़ा है। दूसरी - अकुशल कृषि पद्धतियों और ज़्यादा भूजल दोहन से महत्वपूर्ण जल स्रोतों का दोहन हो रहा है। तीसरी जलवायु परिवर्तन से अनियमित वर्षा पैटर्न हो रहे हैं, जिससे नदियों और जलभृतों का पुनर्भरण प्रभावित हो रहा है, इसके साथ ही खराब जल प्रबंधन और बुनियादी ढांचे की कमी भी जल संकट को बढ़ा रही है, इस मुद्दे पर लेखक की एक टिप्पणी
पानी की सततता (साभार - विकिपीडिया)
वन महज़ कार्बन सिंक नहीं हैं
लेखिका सीमा मुंडोली वन के महत्व को व्यापक दृष्टिकोण से समझने की आवश्यकता पर जोर देती हैं। वन केवल कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने वाले कार्बन सिंक नहीं हैं, बल्कि वे जैव विविधता के संरक्षण, जलवायु संतुलन, और स्थानीय समुदायों के जीवनयापन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
जंगल (फोटो साभार - needpix.com)
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के ऊँ पर्वत पर लुप्त होती ॐ की आकृति
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले के धारचूला तहसील में व्यास घाटी में स्थित ओम पर्वत पर 'ओम' अक्षर की आकृति दिखती है। यह पर्वत समुद्र तल से 5,900 मीटर की ऊंचाई पर है. ओम पर्वत को हिंदू और बौद्ध दोनों ही धर्मों में पवित्र माना जाता है। बढ़ते तापमान से ऊँ ग्लेशियर की बर्फ गायब हो गई है, पढ़िए एक टिप्पणी
ओम पर्वत (साभार - विकिपीडिया)
जहरमुक्त खेती : अजोला, फसल के लिए एक जैविक वरदान
अजोला एक जलीय पौधा है जो जहरमुक्त खेती के लिए एक जैविक वरदान साबित हो सकता है। यह पौधा न केवल पशुओं के लिए एक उत्कृष्ट चारा है, बल्कि फसलों के लिए भी उर्वरक के रूप में काम करता है। पढ़िए अजोला के बारे में विस्तार से
धान के खेत में अजोला डालो, यूरिया भूल जाओगे। फोटो साभार - कृषक जगत
बारानी खेती में अधिक पैदावार लेने की तकनीक
कुछ तकनीकों का पालन करके आप बारानी खेती में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। जानिए उन तकनीकों के बारे में
बारानी खेती में काफी उपयोगी हैं, स्प्रिंकलर, फोटो साभार - झारखंड सरकार
मृदा अपरदनः किसानों के लिए अभिशाप
मृदा अपरदन (या मिट्टी का कटाव) किसानों के लिए वास्तव में एक गंभीर समस्या है। यह प्रक्रिया मिट्टी की ऊपरी परत को बहा ले जाती है। पढ़िए इसके विभिन्न पहुलुओं पर टिप्पणी
मिट्टी अपरदन, साभार - https://wikifarmer.com/
कार्बन खेती : कृषि और पर्यावरण में एक क्रांतिकारी परिवर्तन
कार्बन खेती, जिसे कार्बन फार्मिंग भी कहा जाता है, एक ऐसी कृषि पद्धति है जो वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को मृदा और वनस्पति में संग्रहित करने पर केंद्रित है। पढ़िए इस विषय पर एक आलेख
फोटो साभार - ecocycle.org
बायोप्लास्टिक : हरित पर्यावरण के लिए सतत हरित प्लास्टिक
बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक को पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक की समस्या के समाधान के रूप में देखा जा रहा है। आइए जानते हैं इसके बारे में
रीसाइक्लिंग के लिए तैयार प्लास्टिक की बोतलें। साभार -  पिक्साबे, फोटो - हंस ब्रैक्समीयर
जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के विरुद्ध संवैधानिक अधिकार पर चर्चा
'क्लाइमेट एंड कॉन्स्टिट्यूशन' को केन्द्र में रखकर जलवायु परिवर्तन से बचने के कानूनी पहलुओं के क्या विकल्प हैं, इस मुद्दे पर चर्चा हुई। कार्यक्रम के प्रमुख अंश पढ़ें।
जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के विरुद्ध संवैधानिक अधिकार मुद्दे पर चर्चा का आयोजन
MSMEs: Driving green growth
PHDCCI Global Summit on Sustainability highlights MSMEs' crucial role in India's green growth and climate action
Innovating for sustainability (Image: Deviantart)
From bandages to biocomposites: 5 bamboo startups making a difference
Bamboo: A fascinating grass with immense potential to revolutionise sustainable living.
Bamboo can be used for eco-friendly products and social impact (Image: Wikimedia Commons)
The Yamuna chokes as Delhi drains spew plastic
The flow of high loads of microplastics through the Najafgarh drain into the Yamuna are poisoning the river and threatening its ecosystem. Urgent action is needed!
The polluted Yamuna at Agra (Image Source: India Water Portal)
Navigating the renewable frontier
Unveiling India’s path to 1,500 GW and beyond
Much of India's RE potential is located in areas with high climate risks and high land prices (Image: Rawpixel)
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