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सूखा और बाढ़
हिमालय में प्राकृतिक आपदा और प्रबन्धन में सरकार की भूमिका (Role of Government in Natural Disasters and Management in the Himalayas)
Posted on 29 Aug, 2017 11:39 AMमानव इस पृथ्वी पर आदिकाल से जीवन-निर्वाह करता आया है। प्रकृति के साथ रहते हुए वह आये दिन तमाम तरह की आपदाओं से भी संघर्ष करता रहा है। आपदाएँ चाहे प्राकृतिक हों या मानवजनित यह दोनों रूपों में घटित होकर मानव जीवन को प्रभावित करती हैं। आपदा का दुःखद परिणाम अन्ततः जन-धन व सम्पदा के नुकसान के रूप में हमारे सामने आता है। सामान्य बोलचाल की भाषा में किसी प्राकृतिक रूप से घटित घटना के फलस्वरूप जब मान
बाढ़ से निहत्थे लड़ रहे लोग
Posted on 24 Aug, 2017 11:10 AMपानी में घिरे हुए लोग प्रार्थना नहीं करते
वे पूरे विश्वास से देखते हैं पानी को
और एक दिन
बिना किसी सूचना के
खच्चर या भैंस की पीठ पर
घर-असबाब लादकर
चल देते हैं कहीं और
हिमाचल में आपदा प्रबन्धन की जरूरत
Posted on 24 Aug, 2017 09:43 AMविभिन्न सरकारी विभागों को भी अपने स्तर पर विभागीय अन्वेषण, जाँच तथा वैज्ञानिक अध्ययन के स
बाढ़, आपदा राहत व बचाव हेतु सरकार द्वारा निर्धारित मानक दर व दिशा निर्देश
Posted on 22 Aug, 2017 04:35 PMबिहार में इस वर्ष बाढ़ विकराल रूप में है। सरकार द्वारा इसके बचाव व राहत के कार्य किये जा रहे हैं। सरकार द्वारा राहत, बचाव, सहाय्य अनुदान वितरण इत्यादि कार्यों के लिये मानक तय किया गया है। साथ ही मानक संचालन प्रक्रिया एस.ओ.पी.
छोटी नदियों की वजह से आई यह बाढ़
Posted on 22 Aug, 2017 01:42 PM
बिहार के पश्चिम-उत्तर छोर पर पश्चिम चंपारण जिले के एक चॅंवर से निकलती है नदी सिकरहना, जो नेपाल की ओर से आने वाली अनेक छोटी-छोटी जलधाराओं का पानी समेटते हुए चंपारण, मुजफफरपुर, समस्तीपुर जिलों से होकर खगड़िया जिले में गंगा में समाहित हो जाती है। यह पूरी तरह मैदानी नदी है और गंडक नदी के पूरब-उत्तर के पूरे इलाके में हुई बरसात के पानी की निकासी का साधन है। इस बार की बाढ़ की शुरूआत इसी सिकरहना नदी से हुई और चंपारण जिले के अनेक शहरों, कस्बों में पानी घूसा, सडकें टूट गई और रेलमार्ग बंद हो गया। यहाँ से पानी निकलेगा तो रास्ते के जिलों को डूबोते हुए बढ़ेगा।
आपदा से कम नहीं है सरकारी लापरवाही
Posted on 08 Aug, 2017 11:35 AMप्राकृतिक आपदाओं के दौर में जन-धन हानि की खबरें सुर्खियों में रहती हैं। यह बात सही है कि ऐसी आपदाएँ कभी कहकर नहीं आती लेकिन विभिन्न एजेंसियों में प्रभावी समन्वय हो तो आपदाओं के दुष्प्रभावों पर एक हद तक अंकुश लग सकता है। लेकिन यदि सरकारी एजेंसियाँ ही विफल रहने लगें तो कहा जाएगा कि…
बाढ़ - प्राकृतिक आपदा में आदमी
Posted on 03 Aug, 2017 10:29 AMजलवायु में आ रहे बदलाव के चलते यह तो तय है कि प्राकृतिक आपदा
हिरोशिमा के रेडियोधर्मी तत्व से मिले हिमालयी भूकम्पों से जुड़े कई संकेत
Posted on 31 Jul, 2017 04:38 PMभारतीय एवं यूरेशियन प्लेटों के निरंतर होने वाले टकराव के कारण पिछले 100 वर्षों में पाँच