सूखा और बाढ़

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April 25, 2024 Understanding the impact of heat on our world
Rising temperatures, rising risks (Image: Kim Kestler, publicdomainpictures.net)
March 30, 2024 A recent study finds that climate change induced extreme weather events such as droughts can increase the vulnerability of women to Intimate Partner Violence (IPV).
Droughts affect women the most (Image Source: Gaurav Bhosale via Wikimedia Commons)
January 22, 2024 This study finds that baseflows have a stronger triggering effect on river floods in Peninsular India as compared to rainfall and soil moisture.
River floods and groundwater, the connection. Image for representation purposes only. (Image Source: India Water Portal)
July 14, 2023 These states are at the forefront of flood early warning systems
Previously drought-prone areas are now facing floods (Image: Needpix)
July 7, 2023 WOTR study throws important new findings
The study by WOTR and Wageningen University researchers emphasizes the need to prioritize adaptive capacities alongside agricultural productivity (Image: WallpaperFlare)
June 16, 2023 Majuli serves as a symbol of both the delicate balance between human activity and the environment and the tenacity of its residents
Addressing various aspects of women's lives to enhance their social, economic, and political status (Image: Rebuild India Fund)
खाटू-सिरोही लिनियामेंट के कारण जोधपुर में भूकम्प का खतरा
Posted on 20 Nov, 2017 10:47 AM
जोधपुर। जमीन के नीचे इंडियन प्लेट पर खाटू से लेकर सिरोही तक का लिनियामेंट एक्टिव हो गया है यानी यहाँ की जमीन कमजोर होने से भू-गर्भ की ऊर्जा निकलने का खतरा बढ़ गया है। इसके चलते मारवाड़ और मेवाड़ को पृथक करने वाले इलाकों में भूकम्प की आशंका बढ़ती जा रही है। विशेषकर पाली जिले में, जहाँ रह-रहकर कई बार हल्के भूकम्प आते रहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जोधपुर में शनिवार को आया भूकम्प भी
मौसम की मार को मात देते मकान
Posted on 19 Nov, 2017 12:26 PM
2006 में बाड़मेर के न्यू कोटड़ा में आई बाढ़ में हजारों घर तबाह हो गए थे। इसके बाद बेहद कम वक्त में इन मकानों को बनाया गया। ये मकान हर मौसम के अनुकूल हैं और बाढ़ व भूकम्प से भी सुरक्षित रखते हैं।
जमीन की जद्दोजहद
Posted on 18 Nov, 2017 09:39 AM
पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) पीछे छूट चुका था और हम डालटनगंज की ओर बढ़ चले थे। उत्तरी कोयल की खूबसूरती आँखों को भा रही थी। यही नदी है जहाँ उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना अथवा कुटकू मंडल बाँध की 1970 में कल्पना की गई थी और जिसने 1990 के दशक में आकार लेना शुरू किया। 20 साल बाद यह परियोजना फिर खबरों में है क्योंकि केन्द्र सरकार ने इसे पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया है। 16 अगस्त 2017 को जारी पत्र सूच
मजदूरों के पलायन में दिखता बाढ़ का प्रभाव
Posted on 03 Nov, 2017 11:42 AM
सरकारी नौकरी और स्थायी किस्म के काम करने वाले लोग भी होते हैं। उनका आना-जाना
migration
सूखे साहेल में बाढ़ के मायने
Posted on 22 Oct, 2017 04:42 PM
2008 में साहेल में आई बाढ़ का अध्ययन करने गए यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के पेट्रा शाकर्ट और उनके सहकर्मियों ने यह सवाल उठाया था, “क्यों इस सुखाड़ इलाके में इतने पानी का हो जाना एक सहज बात हो चुकी है जबकि हमारे लिये यह समझ से बाहर, एक अवास्तविक बात ही लगती है?” उस समय तक साहेल को एक रेतीला और पठारों से भरे हुए इलाके की तरह देखा जाता था, लेकिन अब हालात उलट हो चुके हैं (साहेल अफ
2012 में चाड में आई बाढ़ का दृश्य
बिहार बाढ़ - राहत देने में भेदभाव और भ्रष्टाचार
Posted on 22 Oct, 2017 03:38 PM


बिहार में बाढ़ के बाद जलजनित बीमारियों की महामारी फैलने की हालत है। हर दूसरे घर में कोई-न-कोई बीमार है। लेकिन स्वास्थ्य और स्वच्छता के इन्तजाम कहीं नजर नहीं आते। इस बार बाढ़ के दौरान बचाव और राहत के इन्तजामों में सरकार की घोर विफलता उजागर हुई। बाढ़ पूर्व तैयारी कागजों में सीमटी नजर आई तो बाढ़ के बाद सरकारी सहायता और मुआवजा देने में सहज मानवीय संवेदना के बजाय कागजी खानापूरी का जोर है।

बाढ़ तो उतर गई लेकिन संकट नहीं
हार्वी के सबक
Posted on 15 Oct, 2017 11:47 AM
हार्वी तूफान अपने पीछे बर्बाद जिन्दगियाँ और जानमाल की विशाल क्षति छोड़ गया है। तूफान से हुआ नुकसान करीब 150 से 180 बिलियन डॉलर (9,72,150 से 11,66,580 लाख करोड़ रुपए) का है। टेक्सास के तट पर एक हफ्ते तक तबाही मचाने वाले तूफान ने अमेरिका की आर्थिक व्यवस्था व राजनीति पर भी गम्भीर सवाल उठाए हैं।
हार्वी तूफान से तबाही
बुन्देलखण्ड में सूखे का सामना
Posted on 27 Sep, 2017 11:53 AM
अनुवाद - संजय तिवारी

बुन्देलों का इतिहास मुठभेड़ और मुकाबलों से भरा रहा है। अपनी समृद्धि को बचाने के लिये वो सदियों बाहरी आक्रमणकारियों से लड़ते भिड़ते रहे हैं। आजादी के बाद भले ही उनको अब बाहरी आक्रमणकारियों से लड़ने की जरूरत न हो लेकिन अब उनकी लड़ाई अपनी समृद्धि को पाने के लिये जारी है। सूखे का भयावह शिकार बन चुके बुन्देलखण्ड की यह लड़ाई उनकी अपनी परम्पराओं को पाने की लड़ाई है। उनकी अपनी प्रकृति और पर्यावरण ही उनके लिये आक्रांता बन गये हैं लेकिन अब बुन्देले इस आपदा से निपटने के लिये भी कमर कसकर तैयार हैं।

आपदा प्रबन्धन में उपयोगी एरियल ड्रोन तकनीक (Aerial drone technology in disaster management)
Posted on 16 Sep, 2017 04:47 PM
ड्रोन आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहले से प्रोग्राम किये हुए मार्ग पर, बहुत कम ऊँचाई पर, क्षतिग्रस्त भवनों के अन्दर भी उड़ सकते हैं जहाँ से वे अन्धेरे में देखने वाले कैमरों की सहायता से प्रभावित क्षेत्र के लाइव फुटेज भी भेज सकते हैं, जिससे मलबे में दबे जिन्दा व्यक्तियों के स्थान का पता लगाकर उन्हें बचाया जा सकता है।
एरियल ड्रोन कैमरा
बाढ़ चेतावनी से भी नहीं चेते
Posted on 15 Sep, 2017 10:26 AM
सीएजी ऑडिट के मुताबिक, बाढ़ की सम्भावना वाले राज्य बाढ़ प्रबन्धन योजनाओं को लागू कर पाने में विफल रहे हैं।
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