जल सुरक्षा नियोजन

जल सुरक्षा योजना
जल सुरक्षा योजना

जल सुरक्षा नियोजन का प्रस्तावित निरूपण

गांव के सभी निवासियों को भूगर्भ से जलापूर्ति प्रदान करने का प्रस्ताव है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से जल संसाधन विभाग द्वारा जल स्रोतों के निर्माण, इसके उपचार और वितरण के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं। मुख्य रूप से सतह और भूजल दोनों स्रोतों का उपयोग करते हुए। हालांकि इस संबंध में विभिन्न गतिविधियों की प्रगति राज्य में होने वाले सूखे के कारण या तो सूखने या उपलबध स्रोतों की स्थितरता की कमी के कारण बाधित हो इसी संदर्भ में ग्राम पंचायत/विकास खण्ड / जनपद के लिए व्यापक जल सुरक्षा योजना की परिकल्पना की जा रही है।

जल सुरक्षा योजना के निम्नलिखित उद्देश्य होगें

  • पीने, खाना पकाने और अन्य घरेलू बुनियादी जरूरतों के लिये स्थायी आधार पर पर्याप्त सुरक्षित पानी का प्रावधान, हर समय और सभी स्थितियों में आसानी से और आस-पास से सुलभ ।
  • टिकाऊ तरीके से और गुणवत्ता दोनों सहित सतह और भूजल संसाधनों के संरक्षण, वृद्धि और प्रबंधन के लिए बेसिन और जलग्रहण स्तरों पर उपायों की एक श्रृंखला का डिजाइन और कार्यान्वयन ।
  • स्थायी जल संसाधन प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर हितधारकों की संवेदनशीलता और क्षमता निर्माण ।

प्रस्तावित जल सुरक्षा योजना के घटक

  • वर्षा की कमी और धरातलीय पानी की कमी तथा वर्षा जल को स्थायी आधार पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अल्पकालिक उपाय ।
  • जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न वैज्ञानिक हस्तक्षेपों के माध्यम से जल संसाधनों के संरक्षण, पुनः पूर्ति और संरक्षण के लिए मध्यम से दीर्घ कालिक उपाय ।
  • स्थायी जल प्रबंधन के सभी पहलुओं पर जल संरक्षण, इसके विवेकपूर्ण उपयोग और विभिन्न स्तरों पर हितधारकों को क्षमता निर्माण और उन्हें संवेदनशील बनाना।

जल सुरक्षा योजना प्रक्रिया

चरण 1:
  • सरपंचों की जिला / ब्लॉक / ग्राम पंचायत स्तरीय बैठक ।
  • जल प्रबंधन का गठन / अंगीकरण/जल उपभोक्ता समिति ।
  • अटल जल कार्यक्रम पर उन्मुखीकरण
  • जन कार्यशाला की तिथि निर्धारित करने लिए ग्राम पंचायत बैठक के घटक गांवों के साथ डी०आई०पी० परामर्श, राज नेताओं (10 गांव) को आमंत्रण भेजना है
  • आधार भूत डेटा संग्रह
चरण 2:
  • सामाजिक लामबंदी और हित धारक परामर्श
  • डेटा संग्रह पर सहभागिता कार्यशाला
  • जल संतुलन प्रस्तुति
  • भूजल की मांग को कम करने और भूजल पुर्नभरण को बढ़ाने के तरीकों और साधनों पर समूह कार्य
  • मांग और आपूर्ति प्रबंधन के विकल्पों का पता लगाने के लिए ग्राम स्तर पर कार्यशाला ।
चरण 3
  • जल सुरक्षा नियोजन (Water Security Plan) तैयार करना
  • मांग कमी योजना (Demand Decreasing Plan) और आपूर्ति वृद्धि योजना (Supply Increasing Plan) तैयार करने के लिए ग्राम स्तर की बैठक है।
  • डी०आई०पी० और डब्ल्यू०एम०सी० बैठकों की सुविधा प्रदान करना। डी०पी०एम०यू० के प्रमुख हितधारकों और तकनीकी कर्मियों के साथ एस०आई०पी० के लिए सुझाई गई साइटों के लिए डब्ल्यू०एम०सी० डी०आई०पी० के साथ ग्राम पंचायत स्तरीय बैठक, डी०पी०आई० पर चर्चा और अंतिम रूप देना।
  • डी०पी०एम०यू० तकनीकी टीम द्वारा एस०आई०पी० पर तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट ग्राम पंचायत स्तरीय बैठक व्यवहार्यता रिपोर्ट और एस०आई०पी० को अंतिम रूप देने पर चर्चा।
चरण 4
  • डी०पी०आई०-डब्ल्यू०एम०सी० द्वारा ड्राफ्ट डब्ल्यू०एस०पी० का संकलन ग्राम पंचायत को प्रस्तुत करना ।
  • जल सुरक्षा नियोजन परामर्शी प्रक्रिया का समेकन और अन्तिम रूप ।
  • डी०पी०एम०यू० द्वारा डब्ल्यू०एस०पी० का अनुमोदन ।
  • सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदन ।

डब्ल्यू०एम०सी० (Water Management Committee) / वी०डब्ल्यू०एस०सी० (Village Water & Senitation Committee)

  • डब्ल्यू०एम०सी० और अन्तिम वाटर सिक्योरिटी प्लान के लिये न्यूनतम तीन बैठकें डब्ल्यू०एम०सी० के सदस्यों (3-4) द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित होनी चाहिए ।
  • बैठकों में महिलाओं और कमजोर समूहों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
  • विभिन्न मॉडयूल के तहत मानक टेम्पलेट विकसित किए गए हैं, यह सलाह दी जाती है कि एम०आई०एस० में डेटा की प्रविष्टि से पहले भौतिक शीट पर प्रासंगिक डेटा को रिकॉर्ड के रूप में भरा जा सकता है।
  • डेटा संग्रह में लगे फील्ड फ्रंट लाइन कार्यकर्ता, समन्वयक / सामुदायिक आयोजकों को टेम्पलेट के अनुसार आवश्यक डेटा के संग्रह के लिए टेम्पलेट का प्रिंट आउट (एम०आई०एस० में प्रदान किया गया) रखना होगा।
  • समन्वयक को भविष्य में संदर्भ और क्यू०सी०आई० (तृतीय पक्ष सत्यापन एजेंसी) द्वारा सत्यापन के लिए भरे हुए टेम्पलेट (हार्ड कॉपी) को सहेजना होगा।
  • ऑनलाइन एम०आई०एस० में डेटा फीडिंग से पहले इसे डी०पी०एम०यू० द्वारा सत्यापित और मान्य किया जाना चाहिए।

जल सुरक्षा योजना (डब्ल्यू०एस०पी०) मॉडयूल:-

  • वाटर सिक्योरिटी प्लान जल बजट के आधार पर तैयार किया जाएगा।
  • डब्ल्यू०एस०पी० एक बार तैयार किया जाएगा और हर साल संशोधित किया जाएगा।
  • स्थायी जल उपयोग सुनिश्चित करते हुए प्रत्याशित मांगों को पूरा करने के लिये डब्ल्यू०एस०पी० में रणनीति निर्धारित की जायेगी।
  • डब्ल्यू०एस०पी० को जी०पी० में विशिष्ट चुनौतियों का सामना करने के लिए अनुकूलित किया जाएगा और इसमें पानी से संबंधित निवेश / हस्तक्षेप शामिल होगें जो इस उद्देश्य की पूर्ति करते हैं। डी०आई०पी० द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर योजनाएं तैयार की जाएगी।

टेबल

जल सुरक्षा योजना के मुख्य मॉड्यूल   

  जल सुरक्षा के 06 उप माड्यूल 

 ग्राम पंचायत का डाटा  सूक्ष्म सिंचाई (स्प्रिंकलर) 
 पानी की उपलब्धता  यू०जी० पाइप के माध्यम से सिंचाई।
 जल का उपयोग  फसल विविधीकरण ।
 अवशेष पानी   भूजल पानी में कमी।
 जल बजट   पानी बचाने के अन्य उपाय ।
 जल सुरक्षा नियोजन  सूक्ष्म सिंचाई (ड्रिप)

 

ग्राम पंचायत डाटा संग्रह सूचना

  • इस उप मॉडयूल में द्वितीय डेटा भरना शामिल है, जिसका एक हिस्सा जनगणना रिकार्ड में एकत्र किया जाएगा और शेष संबंधित जी०पी० के सरपंच से एकत्र किया जाएगा।
  • जानकारी में पुरूष, महिला और बच्चों सहित कुल जनसंख्या जैसे फील्ड शामिल है, भेड़ बकरी, भैंस, गाय, बैल आदि जैसे-सभी जानवरों सहित घरों और पशुधन की आबादी ।
  • किसी भी क्षेत्र में पानी के उपयोग की सही जानने के लिए यह सारी जानकारी आवश्यक है। साथ ही भूमि उपयोग और भूमि कवर से संबंधित जानकारी जैसे जी०पी० क्षेत्र, शुद्ध बोया गया क्षेत्र, कृषि योग्य भूमि आदि भी भरी जानी है।
  • जल उपयोगकर्ता, जल प्रबन्धन के प्रैक्टिस जल सुरक्षा नियोजन से सम्बन्धित अन्य सूचना ।

जल सुरक्षा नियोजन का उपयोग

  • ग्राम पंचायत स्तर पर, जल उपलब्धता, जल उपयोग में संतुलन ।
  • एम०आई०एस० के राज्य, जिला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत के चयन के लिए एक ड्राप डाउन चयन मेनू दिखाई देता है।

जल उपयोग

  • पीने / घरेलू तथा पशुओं हेतु पानी
  • कृषि / सिंचाई हेतु पानी ।
  • औद्योगिक हेतु पानी ।
  • अन्य कार्यों हेतु पानी । 

 स्रोत- अटल भूजल योजना प्रशिक्षण

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