नीमच : हैण्डपम्प का पानी बना अभिशाप

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पानी में किस तरह की अशुद्धि है और इन बीमारियों का कारण क्या है? यह रिपोर्ट आने के बाद ही कहा जा सकेगा। अभी तो लोग अस्पतालों में ही हैं पर अब इस दलित बस्ती के लोगों के सामने सवाल यह है कि अब वे पीने का पानी कहाँ से भरेंगे।मध्यप्रदेश के एक कस्बे की दलित बस्ती में दूषित पानी पीने से 55 लोग बीमार हो गए इनमें 17 की हालत चिन्ताजनक हो गई है। गम्भीर मरीजों को बड़े अस्पताल में रेफर करना पड़ा है। बताया जाता है कि ये सब लोग एक ही हैण्डपम्प का पानी पीते हैं। इन्होंने कुछ दिन पहले ही स्थानीय नगर पंचायत को इस बात की शिकायत भी की थी कि उनके हैण्डपम्प से पीला और बदबूदार पानी आ रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई पर जब यह हादसा सामने आया तो आनन–फानन में हैण्डपम्प को सील कर दिया और पीएचई ने इसके सैम्पल भी लिये हैं। अधिकारी जाँच की बात कह रहे हैं लेकिन इस मोहल्ले के सामने अब बड़ा सवाल यह है कि वे अब पानी कहाँ से लेंगे।

नीमच जिले के कुकड़ेश्वर कस्बे के वार्ड 9 व 10 की दलित बस्ती में पीने के पानी की कमी के चलते कुछ दिन पहले ही यहाँ हैण्डपम्प लगवाया था। यहाँ बीते 7 दिनों से लोग लगातार दूषित पानी आने की शिकायत कर रहे थे लेकिन अधिकारीयों ने कोई ध्यान नहीं दिया। हालत यह हुई कि घर–घर लोग बीमार होने लगे फिर भी कुछ नहीं हुआ। जब कुकड़ेश्वर अस्पताल में एक के बाद एक करीब 55 मरीज उल्टी–दस्त की शिकायत लेकर पहुँचे।

यहाँ अस्पताल में डॉक्टर का पद बहुत दिनों से खाली पड़ा है लिहाजा मौजूद कर्मचारियों ने जैसे–तैसे स्थिति सम्भाली और मरीजों की बिगडती स्थिति देखकर उन्हें यहाँ से मनासा के बड़े अस्पताल में रेफर किया। इनमें से 17 की हालत चिन्ताजनक बताई जा रही है। डॉक्टरों ने बताया कि इन सभी को जलजनित बीमारी है। पानी के दूषित होने से ही इन्हें उल्टी–दस्त हुआ है। घटना की गम्भीरता देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम भी प्रभावित इलाके में पहुँच गई है और यहाँ के लोगों को पीने का पानी उबालकर पीने तथा जल शुद्धिकरण के लिए दवाइयाँ दी जा रही है। यहाँ जमा गन्दे पानी पर भी दवाई का छिड़काव किया गया है।

मरीज फुलाबाई पति भेरुलाल ने बताया कि हमारे मोहल्ले में नगर पंचायत नालियाँ बनवा रहे हैं। ठेकेदार ने लम्बे समय से काम बंद कर रखा है, यहाँ तक कि खोदी हुई मिट्टी भी नहीं उठाई गयी। इस वजह से बरसाती पानी की निकासी नहीं हो सकी है और हैण्डपम्प के पास ही काफी तादाद में गन्दगी इकट्ठा हो गई है। इसे हटाने के लिए कई बार अधिकारियों को बताया पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। अब उनकी गलतियों का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है। इसी तरह अस्पताल में भर्ती सरोजबाई पति कमलाशंकर ने बताया कि टीवी पर रोज साफ़–सफाई का बताते हैं पर हमारी शिकायत के बाद भी अधिकारियों ने कोई पहल नहीं की। यहाँ तक कि जब कुछ दिन पहले लोगों को बीमारियाँ होने लगी तो अधिकारियों ने कह दिया कि पहली बारिश के बाद कुछ परेशानि
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