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संदूषण, प्रदूषण और गुणवत्ता
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मानवीय गतिविधियों के कारण जल प्रदूषण (Water pollution due to human activities)
Posted on 22 Jun, 2017 01:41 PMजल प्रदूषण की चर्चा करते ही हमारे सामने बड़े-बड़े उद्योगों से निकलने वाले दूषित जल के दृश्य आ जाते हैं। हम जल प्रदूषण का अर्थ औद्योगिक जल प्रदूषण से ही लेते हैं। लेकिन उद्योगों के अतिरिक्त जल प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण मानवीय गतिविधियाँ हैं। यहाँ हम कुछ ऐसी मानवीय गतिविधियों की चर्चा करें जिनसे जल प्रदूषण होता है।
औद्योगिक गतिविधियों के कारण जल प्रदूषण (Water pollution due to industrial activities)
Posted on 20 Jun, 2017 04:59 PMजल प्रदूषण का प्रमुख कारण औद्योगिक निस्राव है। सभी औद्योगिक इकाइयों में कम या अधिक मात्रा में जल की खपत होती है। इसी अनुपात में दूषित जल उत्पन्न होता है। दूषित जल की प्रकृति औद्योगिक प्रक्रिया में जल, कच्चे माल के उपयोग, उत्पाद एवं उत्पादन प्रक्रिया पर निर्भर करती है। उद्योगों से निकलने वाले दूषित जल में मुख्य रूप से 2 प्रकार के प्रदूषक होते हैं :-
खतरनाक हो सकती है चर्म-शोधन कारखानों के अपशिष्ट जल से सिंचाई
Posted on 22 May, 2017 04:22 PMअध्ययनकर्ताओं के मुताबिक इस समस्या से निजात पाने के लिये अप
प्रदूषित पानी आज भी एक भीषण समस्या
Posted on 10 Apr, 2017 04:18 PM
आज समूची दुनिया प्रदूषित पानी की समस्या से जूझ रही है। हालात इतने विषम और भयावह हैं कि प्रदूषित पानी पीने से आज इंसान भयानक बीमारियों की चपेट में आकर अनचाहे मौत का शिकार हो रहा है। असलियत यह है कि पूरी दुनिया में जितनी मौतें सड़क दुर्घटना, एचआईवी या किसी और बीमारी से नहीं होतीं, उससे कई गुणा अधिक मौतें प्रदूषित पानी पीने से उपजी बीमारियों के कारण होती हैं।
यदि संयुक्त राष्ट्र की मानें तो समूची दुनिया में हर साल आठ लाख लोगों की मौत केवल प्रदूषित पानी पीने से होती है। संयुक्त राष्ट्र की बीते दिनों जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एशिया, लैटिन अमरीका और अफ्रीका में हर साल तकरीब 35 लाख लोगों की मौतें दूषित पानी के सम्पर्क में आने से होने वाली बीमारियों के चलते होती हैं। गरीब देशों में यह समस्या और गम्भीर है।
जहरीली होती हवा और अस्वीकारोक्ति के स्वर
Posted on 17 Mar, 2017 01:20 PMवायु प्रदूषण का स्तर जानलेवा होता जा रहा है, जो सभी के स्वास्
पचास हजार से अधिक क्षेत्रों का पानी पीने योग्य नहीं
Posted on 16 Mar, 2017 12:19 PMयोजना बनाते हुए कभी समाज से नहीं पूछा जाता कि उन्हें क्या चाह
जल प्रदूषण निवारण एवं जनता की भूमिका (Water pollution prevention and public role)
Posted on 06 Mar, 2017 01:38 PM‘जल ही जीवन है।’ यह कथन आदिकाल से चला आ रहा है। सृष्टि की उत्पत्ति के जो मूलभूत पाँच तत्व कहे गए हैं, उनमें जल का महत्त्व सर्वोपरि है क्योंकि यही रस रूप होकर प्राणियों को जीवन प्रदान करता है। जीवन को निरोग एवं स्वच्छ रखने के लिये जल की शुद्धता बरकरार रखनी आवश्यक है। गंगा आदि नदियों में स्नान का जो महात्म्य हमारे धर्म-ग्रन्थों में वर्णित है, उसके मूल में तथ्य यह है कि गंगा के जल में हिम