/topics/drinking-and-other-domestic-uses
पेयजल और अन्य घरेलू उपयोग
चारागाहों की खस्ता हालत
Posted on 30 Jan, 2010 02:40 PMचारे के उत्पादन अथवा चारागाहों की सुरक्षा की ओर बहुत कम ध्यान दिया गया है। अधिकांश चारागाह आज पूर्णतया उपेक्षित बंजर भूमि के क्षेत्र बनकर रह गए हैं।
दूषित पानी की बीमारियों से बचिए
Posted on 12 Nov, 2009 09:34 AMआपके स्वास्थ्य का पानी से सीधा रिश्ता है। पीने के पानी की स्वच्छता के मामले में यदि कोई असावधानी होती है तो कई तरह के रोग शरीर को घेरने में देर नहीं लगाते। ज्यादातर चिकित्सकों का भी यही कहना है कि आज के भागदौड़ भरे जीवन में यदि नियमित स्वच्छ पानी ही पिया जाए, तो कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।क्या करें उपाय
पानी में छुपी जवानी
Posted on 26 Jul, 2009 07:42 PMआपकी त्वचा से आपकी उम्र का पता ही नहीं चलता....। यह बात कई बार सुनने में आती है लेकिन क्या आप जानते हैं खूब पानी पीने से जवां और चुस्त-दुरुस्त दिखा जा सकता है। एक रिसर्च ने दावा किया है कि पानी न केवल पाचन ठीक रखता है बल्कि लंबे सयम तक चेहरे से झुर्रियों को भी दूर रखता है।एक्वाया इंस्टीट्यूट के कार्य
Posted on 30 Nov, 2008 11:39 AMसाफ और सुरक्षित जल के द्वारा स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक्वाया इंस्टीट्यूट ने नई तकनीकियाँ अपनाई हैं।इंस्टीट्यूट द्वारा अपनाई गई रणनीतियों की एक प्रस्तुति-
अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी आदतें
Posted on 22 Oct, 2008 10:31 AMहाथ धोने से हम स्वस्थ रह सकते हैं
हानिकारक जीवाणु और वायरस हमारे हाथ से चिपक सकते हैं। हाथ धोना ही संक्रमण के प्रसार को कम करने का एकमात्र सबसे अच्छा तरीका है. यह सभी के लिए एक अनिवार्य आदत होनी चाहिए!
कैसे करें
भारत में पानी
Posted on 17 Oct, 2008 08:22 AMप्रेमचन्द्र श्रीवास्तव / पर्यावरण संदेश
सामान्य तौर पर देखने से ऐसा लगता है कि भारत में पानी की कमी नहीं है। एक व्यक्ति को प्रतिदिन 140 लीटर जल उपलब्ध है। किन्तु यह तथ्य वास्तविकता से बहुत दूर है। संयुक्त राष्ट्र विकास संघ (यूएनडीओ) की मानव विकास रिपोर्ट कुछ दूसरे ही तथ्यों को उद्घाटित करती है। रिपोर्ट जहां एक ओर चौंकाने वाली है, वहीं दूसरी ओर घोर निराशा जगाती है।
भारत में परिवारों की सुरक्षित पेयजल तक पहुंच
Posted on 13 Oct, 2008 01:21 PMभारत के पास विश्व की समस्त भूमि का केवल 2.4 प्रतिशत भाग ही है जबकि विश्व की जनसंख्या का 16.7 प्रतिशत जनसंख्या भारत वर्ष में निवास करती है। जनसंख्या में वृद्धि होने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों पर और भार बढ़ रहा है। जनसंख्या दबाव के कारण कृषि के लिए व्यक्ति को भूमि कम उपलब्ध होगी जिससे खाद्यान्न, पेयजल की उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, लोग वांचित होते जा रहे हैं आईये देखें - भारत में परिवारों की सुरक्षित पेयजल तक पहुंच
जल शुल्क का विश्लेषण
Posted on 10 Oct, 2008 05:50 PMपानी के एक बिल की कहानी
ईश्वर ने हमें पानी दिया है, इसे निशुल्क होना चाहिए। वह पाइपलाइन (और पंप, फिल्टर, क्लोरीन, मीटर, डूबता धन) भूल गया कि इसकी कीमत होनी चाहिए। लेखकः विश्वनाथ श्रीकांतैया, रेनवाटर क्लब (www.rainwaterclub.org)
बाल वाटिका
Posted on 14 Sep, 2008 12:56 PMजल क्या है ?
जल ही जीवन है । आप भोजन के बिना एक माह से अधिक जीवित रह सकते हो, परन्तु जल के बिना आप एक सप्ताह से अधिक जीवित नहीं रह सकते । कुछ जीवों (जैसे जैली फिश) में उनका 90 प्रतिशत से अधिक शरीर का भार जल से होता है । मानव शरीर में लगभग 60 प्रतिशत जल होता है - मस्तिष्क में 85 प्रतिशत जल है, रक्त में 79 प्रतिशत जल है तथा फेफड़ों में लगभग 80 प्रतिशत जल होता है ।