पेयजल और अन्य घरेलू उपयोग

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Closing the tap on disease (Image: Marlon Felippe; CC BY-SA 4.0, Wikimedia Commons)
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January 7, 2024 Need to nudge state governments to evolve a detailed roadmap (planning, implementation and operations related strategies)—immediate, medium and long-term—for ensuring drinking water security.
Demand-responsive approach became the mainstay of the project with the initiation of sectoral reforms (Image: India Water Portal Flickr)
December 19, 2023 This IIM Bangalore study highlights the spillover effects of public investments in rural water supply systems in the form of employment generation.
The employment structure under Jal Jeevan Mission encompasses both direct and indirect employment during construction and O&M phases. (Image: Wallpaperflare)
भारत में पानी
Posted on 17 Oct, 2008 08:22 AM

प्रेमचन्द्र श्रीवास्तव / पर्यावरण संदेश

सामान्य तौर पर देखने से ऐसा लगता है कि भारत में पानी की कमी नहीं है। एक व्यक्ति को प्रतिदिन 140 लीटर जल उपलब्ध है। किन्तु यह तथ्य वास्तविकता से बहुत दूर है। संयुक्त राष्ट्र विकास संघ (यूएनडीओ) की मानव विकास रिपोर्ट कुछ दूसरे ही तथ्यों को उद्घाटित करती है। रिपोर्ट जहां एक ओर चौंकाने वाली है, वहीं दूसरी ओर घोर निराशा जगाती है।

भारत में पानी
भारत में परिवारों की सुरक्षित पेयजल तक पहुंच
Posted on 13 Oct, 2008 01:21 PM

भारत के पास विश्व की समस्त भूमि का केवल 2.4 प्रतिशत भाग ही है जबकि विश्व की जनसंख्या का 16.7 प्रतिशत जनसंख्या भारत वर्ष में निवास करती है। जनसंख्या में वृद्धि होने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों पर और भार बढ़ रहा है। जनसंख्या दबाव के कारण कृषि के लिए व्यक्ति को भूमि कम उपलब्ध होगी जिससे खाद्यान्न, पेयजल की उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, लोग वांचित होते जा रहे हैं आईये देखें - भारत में परिवारों की सुरक्षित पेयजल तक पहुंच

water availability
जल शुल्क का विश्लेषण
Posted on 10 Oct, 2008 05:50 PM

पानी के एक बिल की कहानी
ईश्वर ने हमें पानी दिया है, इसे निशुल्क होना चाहिए। वह पाइपलाइन (और पंप, फिल्टर, क्लोरीन, मीटर, डूबता धन) भूल गया कि इसकी कीमत होनी चाहिए। लेखकः विश्वनाथ श्रीकांतैया, रेनवाटर क्लब (www.rainwaterclub.org)

water bill
बाल वाटिका
Posted on 14 Sep, 2008 12:56 PM

जल क्या है ?

जल ही जीवन है । आप भोजन के बिना एक माह से अधिक जीवित रह सकते हो, परन्तु जल के बिना आप एक सप्ताह से अधिक जीवित नहीं रह सकते । कुछ जीवों (जैसे जैली फिश) में उनका 90 प्रतिशत से अधिक शरीर का भार जल से होता है । मानव शरीर में लगभग 60 प्रतिशत जल होता है - मस्तिष्क में 85 प्रतिशत जल है, रक्त में 79 प्रतिशत जल है तथा फेफड़ों में लगभग 80 प्रतिशत जल होता है ।

बूंद
जलवायु
Posted on 11 Sep, 2008 12:02 PM उत्तर में हिमालय पर्वत की विशाल पर्वतमालाओं और उनके वुजारोधों तथा दक्षिण में महासागर की मौजूदगी भारत की जलवायु पर सक्रिय दो प्रमुख प्रभाव हैं। पहला प्रभाव केन्द्रीय एशिया से आने वाले शीत बयारों के प्रभाव को अवेद्य रूप से रोकता है और इस उप-महाद्वीप को उष्णकटिबन्धीय प्रकार की जलवायु के तत्व प्रदान करता है। दूसरा प्रभाव भारत पहुचंने वाली शीतल नमी-धारक बयारों का स्रोत है और वह महासागरीय प्रकृति की जलव
जल फैलाव (Water Spreaders)
Posted on 06 Sep, 2008 12:28 PM कई प्रकार की यांत्रिक एंव वानस्पतिक विधियों का प्रयोग करके वर्षाजल अपवाह को ढ़लान से समतल क्षेत्रों में मोड़ा जाता है। जहां अपवाह जल ज्यादा भूमि क्षेत्र में फैलकर भूमि में वर्षा जल रिसाव को बढ़ावा देता है। उपरोक्त उद्देश्यों से बनाई गई संरचनाओं को जल फैलाव (Water spreaders) कहते है।

विपथक बंध (Diversion bunds) / नालियां
Posted on 06 Sep, 2008 12:18 PM इनका निर्माण वर्षाजल अपवाह को सुरक्षित जल संग्राहक तालाबों / बांधो में पहुंचाना होता है। ये एक प्रकार की नालियां होती है जिन्हें ढलान के निचले हिस्से में 0.5 प्रतिशत से 1.0 प्रतिशत तक का ढाल देकर बनाया जाता है। यह जल संग्रहण तालाबों (Water harvesting ponds) का अभिन्न हिस्सा है। विपथक बंधों को स्थायित्व प्रदान करने के लिये सिमेन्ट लाईनिंग, ईंट की दीवार अथवा घ
टांके
Posted on 06 Sep, 2008 12:13 PM सतही अपवाह को भंडारित करने वाली एक ढंकी हुई भूमिगत सरंचना जिसे स्थानीय भाषा मं टंका कहते है। इस प्रकार के टंके भारत के शुष्क प्रदेशों में अधिकांश रूप से प्रयोग में लाये जाते है। टंका 3 से 4 मी. व्यास का एक गोल गङ्ढा खोदकर उसके आधार एंव किनारे की दीवारों को 6 मी.मी. मोटे लाईम मोर्टार या 3 मी.मी.
खोदकर तालाबों का निर्माण एंव भंडारण टंकियां
Posted on 06 Sep, 2008 11:58 AM

खोदकर बनाए गये तालाबों का निर्माण सामान्यतया समतल क्षेत्रों में किया जाता है। तालाब के निर्माण के लिये क्षेत्र के सबसे नीचले हिस्से का चुनाव किया जाता है जहां वर्षा जल अपवाह को आसानी से ले जाया जा सके। सर्वप्रथम आवश्यकतानुसार तालाब की सीमारेखा निर्धारित कर खुदाई शुरू की जाती है और खुदाई की गई मिट्टी को तालाब के चारों तरफ एक मजबूत मेंड के रूप में जमाकर रोल

talab johad
रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने के निर्देश
Posted on 01 Sep, 2008 10:36 PM

साधना सिंह, साहिबाबाद/ उत्तर प्रदेश/ जागरण: आने वाले समय में लोग पानी की बूंद-बूंद को तरसेंगे, यह आशंका अन्य के अलावा वैज्ञानिक भी जता चुके हैं। गाजियाबाद महायोजना-2021 के अनुसार वर्ष 2021 में महानगर की जनसंख्या 23.50 लाख होगी। ऐसे में यदि लोग अभी से जागरूक नहीं हुए तो स्थिति कितनी गंभीर होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। यूं भी तो भूजल का स्तर जिस तेजी

rain water harvesting
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