Need to nudge state governments to evolve a detailed roadmap (planning, implementation and operations related strategies)—immediate, medium and long-term—for ensuring drinking water security.
A summary of case presentations from a national symposium organised by IIM Bangalore, appointed by the center as the JJM Chair for O&M in collaboration with Arghyam and eGovernments Foundation.
Posted on 15 Mar, 2016 04:12 PM D2O को भारी जल कहा जाता है जोकि जीव-धारियों के लिये इस लिये हानिकारक है कि यह उनके मेटाबोलिज़्म (Metabolism) को शिथिल कर देता है। परन्तु सौभाग्य से D2O तथा T2O की मौजूद मात्राएँ इतनी कम है कि सामान्य जल से हमें कोई नुकसान नहीं पहुँच सकता।
Posted on 12 Mar, 2016 04:02 PM ज्यादातर परिवारों में पवित्र गंगाजल को अनमोल बताकर पानी की फिजूलखर्ची नहीं करने का संस्कार देने वाले हमारे बुजुर्ग ही होते हैं। पर हम कहाँ समझ पाये थे गंगाजल की ही तरह पानी का भी मितव्ययिता से उपयोग करने का यह सन्देश।
Posted on 12 Mar, 2016 01:53 PM पेयजल की समस्या को देखते हुए सन 1977 में अर्जेन्टिना में संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन हुआ था। सम्मेलन में 1981-90 को अन्तरराष्ट्रीय जल आपूर्ति एवं स्वच्छता दशक के रूप में मनाए जाने का फैसला किया गया। उस फैसले के अनुसार संयुक्त राष्ट्रसंघ की विभिन्न एजेंसियों द्वारा सन 1990 तक विकासशील देशों की 2 अरब जनसंख्या को पेयजल उपलब्ध कराने का कार्यक्रम तैयार किया गया। इस कार्यक्रम से सम्बन्धित प्रस्त
Posted on 12 Mar, 2016 12:26 PM प्रतिदिन घर के बाहर-भीतर सीढ़ियाँ आदि सबमर्सिबल चला कर धोना आम बात है। जो काम एक-दो बाल्टी से हो सकता है, उसमें इतना पानी व्यर्थ बहाना क्या बुद्धिमानी है? क्या सबमर्सिबल चलाकर हम ऊर्जा का दुरुपयोग नहीं करते? क्योंकि इन इलाकों में पानी की कमी नहीं होती अतः पानी व्यर्थ करना इनका जन्म सिद्ध अधिकार है।
Posted on 10 Mar, 2016 03:30 PM वह कुनकुनी /धूप थी। बादलों की भागदौड़ आसमान में चल रही थी। बादल सूरज पर आवरण बनकर छा जाते और छाया कर रहे थे। पर जब बादल छट जाते और सूरज छा जाता तब आसमान पर अजीब तमाशा होता। ठंडी हवा बह रही थी। वह बगीचे में अकेला बैठा था।