मनरेगा
मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी
Posted on 28 May, 2010 12:23 PMमहात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में महिलाओं की भागीदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी पुरुषों की। योजना के तहत महिलाओं के लिये क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं और उनका समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है आईये सुनते हैं सुश्री एनी राजा से, जो नेशनल फेडरेशन ऑव वीमेन की जनरल सेक्रेटरी हैं........
मनरेगाः कैसे करें शिकायत
Posted on 27 May, 2010 06:48 PMमहात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में शिकायतों का निवारण कैसे करें, मनरेगा में काम करने वाले और इसके तहत काम पाने के इच्छुक लोग इस तंत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं मगर कैसे, सुनिये...........
बुंदेलखंड में मनरेगा
Posted on 11 Apr, 2010 09:57 AMबुंदेलखंड और विकास या यों कहें कि बुंदेलखंड में विकास, दोनों ही बातें अलग-अलग ध्रुवों पर नजर आती हैं। पिछली यूपीए सरकार में शुरू किए गए राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (अब मनरेगा) ने देश के हर हिस्से में उन वंचितों की रोजी-रोटी का इंतजाम कर दिया, जो पीढ़ी दर पीढ़ी जमींदारों द्वारा तय मजदूरी पर काम करने और शोषित होने को विवश थे। मनरेगा ने देश के अलग-अलग इलाकों में नई-नई बुलंदियों को छुआ। और इ
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना पर एक जमीनी अध्ययन
Posted on 04 Apr, 2010 12:33 PMआज से चार वर्ष पूर्व जबकि देश भर में रोजगार यात्रायें निकल रहीं थीं, उस समय इन यात्राओं में एक गीत गाया जाता था, जिसके बोल हैं ‘‘मेरे लिये काम नहीं’’। अंततः वर्ष 2005 में रोजगार गारंटी कानून आ गया और देश भर में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को साल भर में 100 दिन के काम की गारंटी मिली।महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कार्यान्वित एक नयी योजना ‘वन सरोवर’
Posted on 19 Jan, 2010 08:28 AMशिमलाः वनों में जल स्रोतों के सम्वर्द्धन एवं विकास के दृष्टिगत प्रदेश सरकार की एक नयी योजना ‘वन सरोवर’ को आरंभ करने की योजना है, जिसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कार्यान्वित किया जाएगा। इस योजना के तहत 200 जल संरक्षण अधोसंरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है, ताकि भू-जल स्तर को बढ़ाकर आर्द्रता क्षेत्र में सुधार किया जा सके। इससे वनों में लगने वाली आग को रोकने में सहानरेगा दिवस पर नारी संघ की महिलाओं की पहल
Posted on 16 Oct, 2009 01:05 PMबूढ़नपुर (उत्तर प्रदेश): ग्रामीण भारत में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजना नरेगा भी अब लालफीताशाही की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान द्वारा आयोजित अधिकारगत ढ़ांचे पर नारी संघ के नेतृत्वकारी महिलाओं के प्रशिक्षण के दौरान भी इस तरह की बात सामने निकलकर आई थी। उस दौरान कहा गया कि था कि अभी भी ग्राम प्रधान नरेगा के अंतर्गत जॉब कार्ड बननरेगा से अब फौरी नहीं स्थायी आजीविका संभव होगी
Posted on 27 Aug, 2009 07:09 AMयोजना आयोग के सदस्य डॉक्टर मिहिर शाह ने ईटी से खास बातचीत में कहा, 'नरेगा की सफलता को अब इस बात की कसौटी पर कसा जाएगा कि गांवों से पलायन की दर में कितनी कमी आई है। नरेगा के स्वरूप में इस तरह बदलाव करने का प्रस्ताव है कि 2 हेक्टेयर तक जमीन रखने वाले किसानों के खेत में कुएं, मेढ़ और जलाशय का काम इस योजना के दायरे में लाया जाए। सभी वर्गों के गरीब किसानों को योजना के दायरे में लाते समय इस बात की व्यवस्था की जाएगी कि दलित और आदिवासियों के हितों से किसी तरह का समझौता ना हो।'नई दिल्ली- यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में शुरू की गई ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) को दूसरे कार्यकाल में नया ढांचा देने की तैयारी जोरों पर है। योजना आयोग की कोशिश है कि नरेगा के अंतर्गत दलित और आदिवासियों को तो रोजगार मिले ही साथ ही 2 हेक्टेयर से कम जोत वाले सभी किसानों को इसके दायरे में लाया जाए।यही नहीं सार्वजनिक क्षेत्रों के काम के साथ ही किसानों के खेत में कुआं खोदने, मेढ़ बांधने और इसी तरह के दूसरे काम को भी नरेगा के दायरे में लाया जाए। देश में सूखे की स्थिति को देखते हुए आयोग चाहता है कि नरेगा के जरिए गांवों में जल आपूतिर् की स्थायी व्यवस्था हो ताकि गांवों में आजीविका की दूरगामी और स्थायी व्यवस्था