आवेश तिवारी

आवेश तिवारी
मनरेगा के नर्क में
Posted on 24 Nov, 2011 08:17 AM
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में मनरेगा के तहत किये जा रहे भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार पर सवाल उठाया है। जयराम रमेश ने कथित भ्रष्टाचार के लिए सोनभद्र जिले के जिस ग्राम सचिव राजेश चौबे का जिक्र किया है उस ग्राम सचिव ने मनरेगा में भ्रष्टाचार को अंजाम देने के िलए अधिकारियों के अलावा पत्रकारों का जमकर इस्तेमाल किया और करोड़ों रूपये की धोखाधड़ी कर दी। सोनभद्र से आवेश तिवारी की रिपोर्ट बता रही है कि मनरेगा के नर्क में किस तरह से पत्रकार और मीडिया घराने शामिल हैं।

भूखे नंगे उत्तर प्रदेश में मनरेगा में हुए भ्रष्टाचार में नौकरशाहों और बाबुओं के साथ -साथ मीडिया भी शामिल रही है। पत्रकारों ने जहाँ अधिकारियों पर दबाव बनाकर अपने भाई -भतीजों को मनरेगा के ठेके दिलवाए, वही अखबारों ने मुंह बंद रखने की कीमत करोड़ों रुपयों के विज्ञापन छापकर वसूल किये। मीडिया के इस काले - कारनामे में न सिर्फ बड़े अखबार
नरेगा
अमृत-जल बांटता एक चिकित्सक
Posted on 09 Feb, 2011 03:24 PM

 

इस वक्त हम है उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में। ये इलाका जिसे पंडित नेहरु ने भारत का स्विट्जरलेंड कहा था, विकास कि अंधी दौड़ में विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित और अभावग्रस्त क्षेत्रों में शामिल हो गया है। आदिवासी बहुल इस जनपद में प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुन्ध दोहन से जिस चीज पर सर्वाधिक असर पड़ा वो था जल। जल के अभाव ने यहां के आदिवासी गिरिजनों को अकाल मौत के मुहाने पर ला खड़ा किया। इस बीच लगभग दो दशक पहले उम्मीद की एक किरण नजर आई वो उम्मीद थी डाक्टर रमेश कुमार गुप्ता के रूप में। एक प्रख्यात चिकित्सक और एक पर्यावरणविद् जिसने जलदान की अभिनव परम्परा शुरू कर जल संकट से त्राहि - त्राहि कर आदिवासी-गिरिजनों के जीवन को बदल कर रख दिया। डाक्टर गुप्ता द्वारा बनायी गयी बंधियां आज यहां के आदिवासियों के लिए अमृत कलश है। डॉ आर के गुप्ता से बात की आवेश तिवारी ने।

आवेश तिवारी -डाक्टर साहब ये बतायें सोनभद्र के आदिवासी क्षेत्रों में बंधियां बनाने की योजना आपके मन में कैसे आई ?
डॉ गुप्ता -हम शुरू में एक आश्रम में जाते थे ये मिर्चाधुरी स्टेशन से करीब दो किलोमीटर दूर गुलालीडीह गांव

water efforts
किसानों को कर्महीन बनाया जा रहा है
Posted on 05 Feb, 2011 09:41 AM
कहते हैं हर शाम के बाद सुबह होती है हर दुःख के बाद सुख आता है, विदर्भ के भी कुछ इलाकों में ऐसा ही हुआ, बेहाल और बदहाल विदर्भ को जिस व्यक्ति से रोशनी मिली उसके पास भी एक सपना था वो सपना था विदर्भ को देश में उन्नत कृषि की सबसे बड़ी प्रयोगशाला बनाने का ,स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलते हुए आदिवासी –किसानों की सेवा को ही धर्म मानने वाले शुकदास जी महाराज विदर्भ के कवि घाघ हैं, आप यकीन न करें मगर आज स
प्रदूषण और अवर्षण से दम तोड़ रहा रिहंद
Posted on 30 Nov, 2009 09:01 PM

उत्तर भारत में उर्जा संकट बेकाबू होने का खतरा


अगली बरसात तक निर्बाध उत्पादन के लिए न्यूनतम जलस्तर को बनाये रखने के लिए जरुरी है कि बाँध के जल को संरक्षित रखा जाए। गौरतलब है कि न्यूनतम जलस्तर के नीचे जाने पर बिजलीघरों की कूलिंग प्रणाली हांफने लगती है, अवर्षण की निरंतर मार झेल रहे रिहंद की वजह से पिछले पांच वर्षों से ग्रीष्मकाल में ताप विद्युत् इकाइयों को चलाने में दिक्कतें आ रही थी, लेकिन इस वर्ष का खतरा ज्यादा बड़ा है।
प्रदूषण के अथाह ढेर पर बैठा रिहंद समूचे उत्तर भारत में अभूतपूर्व उर्जा संकट की वजह बन सकता है। लगभग 15,000 मेगावाट के बिजलीघरों के लिए प्राणवायु कहे जाने वाले रिहंद बाँध की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि आने वाले दिनों में रिहंद के पानी पर निर्भर बिजलीघरों से उत्पादन ठप्प हो सकता है। आज रिहंद बाँध यानि कि पंडित गोविन्दवल्लभपंत सागर जलाशय का स्तर 848.7 फिट रिकॉर्ड किया गया जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.7 फिट कम और वास्तविक न्यूनतम जलस्तर से मात्र 18.7 फिट अधिक है। अगली बरसात तक निर्बाध उत्पादन के लिए न्यूनतम जलस्तर को बनाये रखने के लिए जरुरी है कि बाँध के जल को संरक्षित रखा जाए
Rihand
रिहंद बना भोपाल..
Posted on 11 Nov, 2009 01:23 PM

उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जनपद! कभी देश का स्विट्जरलैंड कहा जाता था आज वहां एक और भोपाल जन्म ले चुका है, उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा पर स्थित सोनभद्र के कमारी डांड गांव में रिहंद का जहरीला पानी पीकर पिछले १० दिनों में २० जानें गई हैं, वहीं सैकडों लोगों की हालत बेहद गंभीर है, इन मौतों से घबराए हजारों आदिवासी दूसरे इलाकों में पलायन कर गए हैं।

रिहंद
जहर के कारखाने पर जागी सरकार
Posted on 26 Oct, 2009 05:57 PM
देश में दूसरा यूनियन कार्बाइड बनते जा रहे सोनभद्र स्थित कनोरिया केमिकल इंडस्ट्रीज को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बंदी की नोटिस जारी कर दी है। 'इंडिया वाटर पोर्टल' ने लगातार इस मुद्दे के छापा, खबरों को संज्ञान में लेकर बोर्ड द्वारा की गयी जांच में कम्पनी को पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन और अपशिष्टों के उचित निस्तारण न किया जाने का दोषी पाया गया है, नोटिस में कहा गया है कि अगर १५ दिन की के
कनोरिया इंडस्ट्रीज
जंगल में घोर अमंगल
Posted on 19 Oct, 2009 08:15 AM

नदियों, पहाडों को नंगा कर अपनी झोली भर रहे खनन माफियाओं का निशाना इस बार देश का गौरव कहे जाने वाले वन्य जीव अभ्यारण्य बने हैं। उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला कैमूर वन्य जीव अभ्यारण्य लुप्त होने के कगार पर है, धन कमाने की हवस में ललितपुर से लेकर सोनभद्र तक फैले समूचे अभ्यारण्य को चर डाला गया है, समूचे सेंचुरी क्षेत्र में जंगलों को नेस्तानाबूद करके बालू का अवैध खनन कराया जा रहा है,
विकलांगों की बस्ती
Posted on 01 Oct, 2009 03:37 AM

१२ वर्ष का शम्भू कैमरे को देखकर पत्थर उठा लेता है, क्यूँ न उठाये वो पत्थर?
सोनभद्र बना कब्रिस्तान
Posted on 28 Sep, 2009 10:56 AM

रासायनिक कचड़े के दलदल में तब्दील हो चुके रिहंद जल का असर कभी फ्लोरोसिस तो कभी गर्भस्थ शिशुओं की मौत के रूप में सामने आता रहा है लेकिन जल प्रदूषण का असर इतना व्यापक होगा और आम आदिवासियों की आर्थिक धुरी कहे जाने वाले मवेशियों की सामूहिक हत्या की वजह बनेगा इसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी।
मध्यप्रदेश में अकाल मौत की खेती
Posted on 28 Oct, 2011 12:20 PM

मध्यप्रदेश के किसान फसलों के धोखे में अकाल मौत की खेती कर रहे हैं। खेती - किसानी में जेनेटिक इंजीनियरिंग का प्रयोग पूरी तरह से धोखा साबित हुआ तो परम्परागत खेती को नए किस्म के वायरस खा गये। प्रदेश में औसतन तीन किसान रोज बरोज मौत को गले लगा रहे हैं, वहीँ व्यवस्था हाँथ पर हाँथ धरे बैठी है। त्रासदी यह है कि किसानों की बेचारगी विदेशी बीमा कंपनियों के लिए शोषण का औजार बन गयी है।

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