मनरेगा

नरेगा के जमीनी समीकरण- सामाजिक अंकेक्षण और सरपंच
Posted on 11 Nov, 2010 09:05 AM सुख अकेले टहलते हैं,दुःख झुंड बनाकर रहते हैं।सुख चेहरे से छलकता है,दुःख चेहरे पर जमा रहता है।सुखों के लिए चौराहे होते हैं और दुःखों के लिए वह कोना जहां किसी की गुजर ही नहीं। गुलाबी नगरी जयपुर में गुजरे 15 दिसंबर को स्टेशन से लगते जीपीओ के पास बने शहीद स्मारक के घेरे में आलम कुछ ऐसा ही था।
मनरेगा- कहीं नरम , कहीं गरम
Posted on 10 Nov, 2010 09:48 AM महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) के बारे में ज्यादातर खबरें या तो उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार की होती हैं या फिर योजना की कारआमली में हो रही ढिलाई की। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा पर कुल 40 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं लेकिन शहराती मध्यवर्ग का एक बड़ा तबका और जनमत-निर्माता इसी पसोपेस में हैं कि आखिर इन रुपयों से कुछ सार्थक हो भी रहा है या नहीं। नुक्ताचीनी की बातों क
नरेगा के जमीनी समीकरण- सामाजिक अंकेक्षण और सरपंच
Posted on 09 Nov, 2010 10:27 AM सुख अकेले टहलते हैं,दुःख झुंड बनाकर रहते हैं।सुख चेहरे से छलकता है,दुःख चेहरे पर जमा रहता है।सुखों के लिए चौराहे होते हैं और दुःखों के लिए वह कोना जहां किसी की गुजर ही नहीं। गुलाबी नगरी जयपुर में गुजरे 15 दिसंबर को स्टेशन से लगते जीपीओ के पास बने शहीद स्मारक के घेरे में आलम कुछ ऐसा ही था।
सूचना का अधिकार
Posted on 29 Oct, 2010 09:52 AM सूचना के अधिकार पर केंद्रित योजना आयोग को विजन फाऊंडेशन द्वारा सौंपे गए दस्तावेज(२००५) के अनुसार- • संविधान के अनुच्छेद १९ में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा में कहा गया है-भारत के सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति और अभिभाषण की स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है।
सोशल ऑडिट
Posted on 29 Oct, 2010 09:42 AM

खास बात

• साल १९९३ के ७३ वें संविधान संशोधन के अनुसार सोशल ऑडिट करना अनिवार्य है। इसके माध्यम से ग्रामीण समुदाय को अधिकार दिया गया है कि वे अपने इलाके में सभी विकास कार्यों का सोशल ऑडिट करें। इस काम में अधिकारियों को ग्राम-समुदाय का सहयोग करना अनिवार्य माना गया है।*
नरेगा
Posted on 29 Oct, 2010 09:13 AM

खास बात



• अर्जी देने के १५ दिनों के अंदर न्यूनतम निर्धारित मजदूरी की दर पर प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी ग्रामीण परिवार के एक व्यस्क सदस्य को(बशर्ते वह हाथ के काम करने को तैयार हो) १०० दिनों तक रोजगार मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम को भारत की संसद ने साल २००५ में लागू किया किया।*
नरेगा के जमीनी समीकरण- सामाजिक अंकेक्षण और सरपंच
Posted on 29 Oct, 2010 08:56 AM सुख अकेले टहलते हैं,दुःख झुंड बनाकर रहते हैं।सुख चेहरे से छलकता है,दुःख चेहरे पर जमा रहता है।सुखों के लिए चौराहे होते हैं और दुःखों के लिए वह कोना जहां किसी की गुजर ही नहीं। गुलाबी नगरी जयपुर में गुजरे 15 दिसंबर को स्टेशन से लगते जीपीओ के पास बने शहीद स्मारक के घेरे में आलम कुछ ऐसा ही था।
मनरेगा, गरीबी और नौकरशाही
Posted on 23 Aug, 2010 01:00 PM कई अध्ययनों से पता चला है कि ब्लाक स्तर पर कायम नौकरशाही ने मनरेगा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है। अनुमान है कि ग्रामीण मजदूरों के नाम पर आवंटित राशि में से 30 फीसद राशि नौकरशाही की जेब में पहुंची और करीब 20 फीसद राशि जनप्रतिनिधियों की। इस तरह मजदूरों तक सिर्फ पचास फीसद राशि ही पहुंच पाई। यह योजना नौकरशाहों और नेताओं की संपन्नता का एक बहुत बड़ा जरिया बन गई। इस भ्रष्टाचार का दूसरा सिरा भारत
मनरेगा के बाकी अर्थ
Posted on 18 Aug, 2010 08:48 AM
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) रोजगारपरक होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और धरोहर सहेजने का प्रतीक भी बन सकती है। दुनिया की सबसे बड़ी सर्वसमावेशी विकास वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना को सहेजने और इसके विस्तार की जरूरत है, ताकि दूर-दराज के इलाकों का भी समग्र विकास किया जा सके। पर तसवीर तभी बदलेगी, जब केंद्र सरकार इसकी निगरानी के लिए मुकम्मल नीति बनाए। यह योजना ह
परिवर्तन के प्रतिरूप
Posted on 21 Jul, 2010 01:10 PM व्यवस्था के भीतर रहते हुए उसे बदलने के लिए इन कर्मवीरों को ऊर्जा मिलती है जुनून, लक्ष्य और दृढ़ता से। मिलिए इन 35 खामोश क्रांतिकारियों से ...
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