Posted on 12 Apr, 2015 09:32 AMभारत के ग्रामीण क्षेत्रों में लघु एवं सीमान्त कृषकों, खेतिहर मजदूरों तथा अन्य श्रमिकों, शिल्पियों व विभिन्न सेवाएँ देने वाले परिवारों का बाहुल्य है। इनमें से अधिकांश परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर जैसे-तैसे अपना पेट पालने वाले हैं। बढ़ती हुई ग्रामीण जनसंख्या को रोजगार मुहैया कराने, गरीबी दूर करने, आर्थिक विषमता कम करने एवं बढ़ते शहरीकरण की समस्या का एकमात्र समाधान है गाँवों में रोजगार बढ़ाना।
Posted on 28 Mar, 2015 01:19 PMराष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना कानून ने 2 फरवरी, 2008 को अपने दो साल पूरे किए। ये दो साल की यात्रा इसके लिए बहुत ही उतार-चढ़ाव वाली रही। जबकि कोई इसे पूरी तरह से दरकिनार नहीं कर सकता और यह कह सकता है कि यह पूरी तरह से धन की बर्बादी है या एक असफल कानून है। परन्तु इसके बारे में हम ऐसा भी नहीं कह सकते कि इसके अमल में बाधाएँ नहीं आईं। जैसे सभी बड़ी योजनाओं
Posted on 24 Mar, 2015 04:56 PMजनपद सोनभद्र में वनवासियों के विकास की मुख्य समस्या अशिक्षा है। शिक्षा के अभाव के कारण ही जनपद सोनभद्र का अधिकांश क्षेत्र विकास कार्यों में काफी पिछड़ा है। शिक्षा के अभाव के कारण ही यह क्षेत्र अज्ञानता, रूढ़िवादिता तथा अँधविश्वास के गढ़ बना हुआ है। इस क्षेत्र में निवास करने वाले अधिकांश लोग अशिक्षा के कारण ही सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से अनभिज्ञ हैं। ये योजनायें निम्न हैं :