Posted on 12 Apr, 2015 09:32 AMभारत के ग्रामीण क्षेत्रों में लघु एवं सीमान्त कृषकों, खेतिहर मजदूरों तथा अन्य श्रमिकों, शिल्पियों व विभिन्न सेवाएँ देने वाले परिवारों का बाहुल्य है। इनमें से अधिकांश परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर जैसे-तैसे अपना पेट पालने वाले हैं। बढ़ती हुई ग्रामीण जनसंख्या को रोजगार मुहैया कराने, गरीबी दूर करने, आर्थिक विषमता कम करने एवं बढ़ते शहरीकरण की समस्या का एकमात्र समाधान है गाँवों में रोजगार बढ़ाना।