मनरेगा
नरेगा की शिकायत दर शिकायत
Posted on 21 Jul, 2009 08:42 PM90 दिन में 700 शिकायतें....मामला राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री तक पहुंचा....क्रियान्विति में अव्वल, अब भ्रष्टाचार में टॉप पर... महानगर संवाददाता.. जयपुर, 21 जुलाई। नरेगा की क्रियान्विति में अव्वल रहने वाला राजस्थान अब इसमें हो रहे भ्रष्टाचार में भी सिरमौर हो गया है। मामला राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री कार्यालय तक जा पहुंचा है। उन्होंने राज्य सरकार से शिकायतों के जवाब तलब किए हैं।...स्थिति यह है कि गुजरे 90 दिन की अवधि में 691 शिकायतें मिल चुकी हैं। नरेगा के सहारे वोट लेने वाली गहलोत सरकार भी शिकायतों की संख्या से हैरत में है।डूंगरपुर की रोजगार गारंटी योजना – परिवर्तन के चिन्ह
Posted on 19 Jul, 2009 07:24 PM एक महत्वपूर्ण सॉशल ऑडिट की रिपोर्ट से पता चला है कि राजस्थान के डूंगरपुर में जहाँ लोग रोजगार को लेकर चुनौतियों से जूझ रहे थे, वहाँ अब सार्वजनिक कार्यों में रोजगार में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। |
यह सामाजिक परीक्षण रिपोर्ट अप्रैल के अन्त में जाँची गई, जिसमें 11 राज्यों के 600 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आस्था संस्थान और मज़दूर किसान शक्ति संगठन (MKSS)
छाया नरेगा व पानी का मुद्दा
Posted on 17 Jul, 2009 10:19 PMदेवगढ़। देवगढ़ पंचायत समिति की साधारण सभा की गत दिवस हुई बैठक में विकास के कई प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक में नरेगा व पेयजल आपूर्ति के मुद्दे पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रधान चिरंजीलाल टाक ने की।150 दिन की होगी रोजगार गारंटी
Posted on 16 Jul, 2009 10:27 PMजयपुर, जागरण संवाद केंद्र : केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री डॉ.सीपी जोशी का कहना है कि अफसर नरेगा के स्कोप बढ़ाने को लेकर कसरत कर रहे हैं। डॉ.जोशी ने दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत में कहा कि नरेगा का फायदा जरूरतमंदों तक सहीं ढंग से मिले इसके लिए इसमें 50 दिन की संख्या और बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। इससे नरेगा में श्रम दिवसों की संख्या 150 दिन हो जाएगी।प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण कोई रामबाण इलाज नहीं है…
Posted on 16 Jul, 2009 02:05 PMगरीबीउन्मूलन के कार्यक्रम उसी समय सफ़ल सिद्ध हो सकते हैं, जब ऐसे कार्यक्रम उन्हें सतत आजीविका चलाने लायक बनासकें, ताकि गरीब सरकारी मदद पर आश्रित ही न रहें। इस कार्यके लिये मजबूत जन-संस्थान, सटीक तकनीक, मानव संसाधन का हुनर विकास, बाज़ार की सहायता तथा एक पर्याप्त निवेश सभी साथ में होना चाहिये।डायरेक्ट कैश ट्रांसफ़र (DCT) नामक शब्द आजकल विकास समूहों के भीतर काफ़ी चर्चा में है। इकोनोमिस्ट अरविन्द सुब्रह्मणियन ने भारत में गरीबी दूर करने के तौर तरीकों के बारे में अपनी पुस्तक “फ़र्स्ट बेस्ट ऑप्शन” मे DCT के बारे में लिखा है (द हिन्दू, अगस्त 24, 2008)। हाल ही में प्रकाशित “इकॉनॉमिक एण्ड पोलिटिकल वीकली (अप्रैल 12, 2008)” के अंक में सुब्रह्मणियन के विचारों से देवेश कपूर और पार्थ मुखोपाध्याय (KMS) ने भी अन्य कई मुद्दों पर विस्तार से सहमति जताई है। KMS कहते हैं, खाद्य, उर्वरक और ईंधन इन तीन प्रमुख वस्तुओं पर भारत के केन्द्रीय बजट में केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में ही लगभग 2,00,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाती है। वे पूछते हैं कि – क्या भारत के गरीबों के विकास और उसके उन्मूलन के लक्ष्यों को केन्द्रीय तन्त्र के माध्यम से इतनी विशाल धनराशि खर्च करके भी पाया जा सका है? क्या यह एक अच्छा तरीका कहा जा सकता है? मैं कहूँगा, निश्चित ही है, बजाय इसके कि मुँह में पानी लाने लायक एक करोड़ की राशि प्रत्येक ग्राम पंचायत के खाते में सीधे डाल दी जाये।नरेगा एक परिचय
Posted on 06 Jul, 2009 12:21 PMराष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005
ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) 2005 सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जो गरीबों की जिंदगी से सीधे तौर पर जुड़ा है और जो व्यापक विकास को प्रोत्साहन देता है। यह अधिनियम विश्व में अपनी तरह का पहला अधिनियम है जिसके तहत अभूतपूर्व तौर पर रोजगार की गारंटी दी जाती है। इसका मकसद है ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढाना। इसके तहत हर घर के एक वयस्क सदस्य को एक वित्त वर्ष में कम से कम 100 दिनों का रोजगार दिए जाने की गारंटी है। यह रोजगार शारीरिक श्रम के संदर्भ में है और उस वयस्क व्यक्ति को प्रदान किया जाता है जो इसके लिए राजी हो। इस अधिनियम का दूसरा लक्ष्य यह है कि इसके तहत टिकाऊ परिसम्पत्तियों का सृजन किया जाए और ग्रामीण निर्धनों की आजीविका के आधार को मजबूत बनाया जाए। इस अधिनियम का मकसद सूखे, जंगलों के कटान, मृदा क्षरण जैसे कारणों से पैदा होने वाली निर्धनता की समस्या से भी निपटना है ताकि रोजगार के अवसर लगातार पैदा होते रहें।अपने हक के लिए आगे आए नरेगा के जॉब कार्ड धारक
Posted on 05 Jul, 2009 06:43 PMहमीरपुर। इस जनपद की राठ तहसील के अंतर्गत एक गाँव है नौरंगा। नौरंगा में ज्यादातर दलित और पिछड़ी जाति के लोग निवास करते है , यहाँ की प्रधान हैं सुश्री अशोक रानी जो की पिछड़ी जाति से है । गाँव काफी संपन्न प्रतीत होता है बाहर से, लेकिन प्रशासनिक अमले के अनदेखी का शिकार है । इस गाँव में ग्राम सचिव तो है लेकिन उसे कार्यभार नहीं मिला है । कार्यभार विहीन सचिव ग्राम में क्या कार्य करेगा यह अपने आप मे
झारखंड में नरेगा
Posted on 03 Jul, 2009 10:51 PMझारखंड में नरेगा की बदहाली खुद सरकारी आंकड़ों से बयान होती है। यह इस राज्य का एक और बड़ा दुर्भाग्य है। नरेगा कानून का लाभ उठाकर देश के अन्य राज्य अपनी ग्रामीण आबादी की किस्मत संवार रहे है। लेकिन झारखंड में इसकी पूरी राशि लूट का शिकार हो रही है।
'नरेगा से पीछे हटना संभव नहीं'
Posted on 03 Jul, 2009 08:24 PMअर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफ़ेसर ज़्यां द्रेज़ से बातचीत