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जलवायु और मौसम
पर्यावरणीय चेतना
Posted on 17 Jul, 2023 11:33 AMआज का युग पर्यावरणीय चेतना का युग है। हर व्यक्ति अपने पर्यावरण के प्रति चिंतित है। ज्ञान और विज्ञान की हर शाखा के विद्वान, चिन्तक पर्यावरण की सुरक्षा और संचालन के प्रति जागरूक हैं। आज हर व्यक्ति स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण में रहने के अपने अधिकारों के प्रति सजग होने लगा है और अपने दायित्वों को समझने लगा है। पर्यावरण का अर्थ है- परि + आवरण, परि अर्थात चारों ओर आवरण अर्थात ढका हुआ वे सारी स्
![हमारा पर्यावरण,PC-विकिपीडिया](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/Hopetoun_falls.jpg?itok=eMZqpGVy)
वैकल्पिक न हो, अमृतरूपी वर्षाजल शेष रहने के लिए पात्र एवं पात्रता की आवश्यकता
Posted on 12 Jul, 2023 01:09 PMइस वर्ष बिपरजोय तूफान के कारण देश में मानसून के आगमन में विलंब भले ही हुआ, लेकिन अच्छी बात यह है कि धीरे-धीरे मानसूनी बारिश ने देश के सभी हिस्सों को सराबोर करना आरंभ कर दिया है। हालांकि बारिश के कारण असम, गुजरात एवं राजस्थान समेत देश के कई क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति दिखने लगी है, लेकिन इसका दोष हम प्रकृति पर नहीं मढ़ सकते। बल्कि इस दशा के लिए हमें अपनी उन गलतियों को सुधारना होगा जिस
![वर्षा जल संरक्षण, फोटो क्रेडिट:- IWP Flicker](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/%20%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%A8%E0%A5%80%20%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%B6%20.png?itok=V9UjzYOq)
वायु प्रदूषण नियंत्रण में उत्तर प्रदेश ने मारी बाज़ी, ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या भारी
Posted on 06 Jul, 2023 02:00 PM![वायु प्रदूषण,PC-IWP Flicker](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/2436448880_165f285253_n.jpg?itok=k0EHLmbn)
छोटी नदियों के कायाकल्प में उपग्रह डेटा की भूमिका
Posted on 31 May, 2023 05:01 PMनदी चैनल की पहचान परिसीमन और प्रबंधन से तात्पर्य नदियों, तालाब, झीलों की आर्द्रभूमि फसल पैटर्न भूमि उपयोग प्रथाओं भू आकृति विज्ञान और क्षेत्र के भूविज्ञान सहित इलाके की सभी सतह विशेषताओं के आकलन से है।क्योंकि वे बड़ी नदियों को जिन्दा रखती हैं। इस बहुमूल्य स्रोत की रक्षा और छोटी नदियों के कायाकल्प और पैलियो चैनलों की पहचान के लिए वैश्विक स्तर पर बड़ी संख्या में अनुसंधान और जल प्रबंधन पहल चल रही
![छोटी नदियों के कायाकल्प में उपग्रह डेटा की भूमिका Pc-सरजू विकिपीडिया](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-05/Sarayu_River_AJTJ_P1020789.jpg?itok=r7Rm9aed)
पानी-पर्यावरण मास्टर - मास्टर मोहन कांडपाल
Posted on 17 Jan, 2023 09:17 AMप्यार से पर्यावरण वाले मास्साब के नाम से जाने जाने वाले मोहन चंद्र कांडपाल का जन्म वर्ष 1966 में कुमाऊं की पहाड़ियों में स्थित अल्मोड़ा, उत्तराखंड के विकासखंड द्वाराहाट के ग्राम कांडे में श्री गोपाल दत्त कांडपाल जी के परिवार में हुआ था। उनके पिता कानपुर में एक बैंक में कर्मचारी थे। 5 वर्ष की उम्र में वह पिता के साथ रहने कानपुर चले गए। बचपन वह रामकृष्ण मिशन आश्रम में जाते व वहां के साहित्य को पढ
![एक खाव बनती हुई](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-01/IMG-20230117-WA0058.jpg?itok=ysHx6eus)
दिल्ली 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर, अन्य शहरों ने भी खराब प्रदर्शन किया
Posted on 13 Jan, 2023 11:59 AMपिछले 4 साल में देश के प्रमुख राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) में 6,879 करोड़ रुपये खर्च करने का सकारात्मक परिणाम मिला है साल 2019 में शीर्ष प्रदूषित वाले शहरों में से कुछ ने पीएम 2.5 और 10 के स्तरों में मामूली सुधार तो किया लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के उल्लंघन को जारी रखा। NCAP ट्रैकर और सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) संगठनों द्वारा किए गए दो अलग-अलग विश्
![दिल्ली 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर, अन्य शहरों ने भी खराब प्रदर्शन किया](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-01/%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%80%202022%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%B8%E0%A4%AC%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%82%E0%A4%B7%E0%A4%BF%E0%A4%A4%20%E0%A4%B6%E0%A4%B9%E0%A4%B0%2C%20.png?itok=Se3Qf6zX)
ग्लेशियर क्षेत्रों में विकास नहीं संरक्षण चाहिए
Posted on 11 Jan, 2023 02:19 PMमानवीय विकास की एक सीमा 21वीं सदी में प्रारम्भ होते ही मानव भूल गया है वह भौतिकवादी विचारधाराओं के चलते सम्पूर्ण प्राकृतिक व मानवीय संसाधनों पर अपना अस्तित्व बनाए रख कर अपने को श्रेष्ठ बताना चाहता हैं, आज देश-दुनिया में नए-नए अनुसंधान, विकास के कार्य जोरों से चल रहे हैं इसका परिणाम सभी देखते भी है, बातें भी करते हैं लेकिन सत्ता शक्ति के सामने हिम्मत नहीं जुटा पाते अंत में उन्हें इसका परिणाम
![ग्लेशियर क्षेत्रों में विकास नहीं संरक्षण चाहिए](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-01/%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%B0%20%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B8%20%E0%A4%A8%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%82%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%A3%20%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%8F%20.jpg?itok=wkGxWtbz)